दैनिक जागरण के मंच पर सम्मानित हुए प्रर्यावरण के प्रहरी
दैनिक जागरण की ओर से पराली नहीं जलाएंगे पर्यावरण को बचाएंगे. अभियान के तहत कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के सभागार में कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर :
दैनिक जागरण की ओर से पराली नहीं जलाएंगे पर्यावरण को बचाएंगे. अभियान के तहत कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के सभागार में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। एसडीएम दर्शन कुमार बिश्नोई ने उन किसानों को सम्मानित किया, जिन्होंने फसल अवशेष प्रबंधन में अहम भूमिका निभाई। एसडीएम ने कहा कि दैनिक जागरण समाचार पत्र जन जागरूकता में अहम भूमिका निभा रहा है। नियमित रूप से किसानों को जागरूक करने का काम कर रहा है। पराली न जलाने का संदेश देकर सामाजिक सरोकार को निभाया है। यह सराहनीय कदम है। इसकी जितनी सराहना की जाए कम है। कार्यक्रम के दौरान एसडीएम ने कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उप-निदेशक डा. सुरेंद्र यादव, कृषि उपमंडल अधिकारी डा. सतबीर सिंह लोहिया, सहायक कृषि अभियंता डा. विनीत जैन को भी विशेष रूप से सम्मानित किया गया।
वर्जन
सरकार फसल अवशेष प्रबंधन पर विशेष रूप से ध्यान दे रही है। किसानों को इस मुहिम से जुड़ना चाहिए। किसानों को फसल अवशेष खेतों में जलाने नहीं चाहिए, बल्कि उनका प्रबंधन करना चाहिए। ऐसा करने से न केवल भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ेगी, बल्कि पर्यावरण प्रदूषित भी नहीं होगा। जमीन के अंदर पोषक तत्व मौजूद रहेंगे। फसल पर किसान की लागत कम आएगी और पैदावार भी अव्वल होगी। जिन किसानों ने फसल अवशेष न जलाकर पर्यावरण बचाने का संदेश दिया है, उनका यह प्रयास सराहनीय है।
दर्शन कुमार बिश्नोई, एसडीएम दैनिक जागरण का अभियान सराहनीय
दैनिक जागरण की ओर से चलाया गया यह अभियान सराहनीय है। किसानों को चाहिए कि फसल अवशेष न जलाएं। अवशेष जलाने से सिर्फ जमीन की उर्वरा ही कमजोर नहीं होती, बल्कि कृषि मित्र कीट जलकर मर जाते हैं। धुएं से निकलने वाली जहरीली गैस की मात्रा पर्यावरण में बढ़ जाती है। प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए किसानों को अपनी सहभागिता सुनिश्चित करनी चाहिए। हमें प्रण लेना चाहिए कि भविष्य में न तो स्वयं फसल अवशेष जलाएंगे और न ही दूसरों को जलाने देंगे।
डा. सुरेंद्र यादव, उप-निदेशक, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग।
अवशेषों का करें प्रबंधन
फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर दैनिक जागरण की ओर से चलाई गई मुहिम सराहनीय है। इसके सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। किसानों को फसल अवशेष जलाने नहीं चाहिए बल्कि उनका प्रबंधन करना चाहिए। फसल अवशेष जलाने से भूमि की उपजाऊ क्षमता लगातार घट रही है। नाइट्रोजन, सल्फर और अन्य पोषक तत्वों में कमी आई है। मित्र कीट नष्ट होने से शत्रु कीटों का प्रकोप बढ़ा है जिससे फसलों में तरह-तरह की बीमारियां हो रही हैं।
डा. सतबीर सिंह लोहिया, उपमंडल कृषि अधिकारी।
किसान फसल अवशेष न जलाएं
किसानों के पराली जलाने से भूमि की उपजाऊ क्षमता लगातार घट रही है। इस कारण भूमि में नाइट्रोजन, सल्फर और अन्य पोषक तत्वों में कमी आई है। मित्र कीट नष्ट होने से शत्रु कीटों का प्रकोप बढ़ा है जिससे फसलों में तरह-तरह की बीमारियां हो रही हैं। मिट्टी की ऊपरी परत कड़ी होने से जल धारण क्षमता में कमी आई है। किसानों को चाहिए कि खेतों में फसल अवशेष न जलाएं। धान के अवशेषों के बीच ही हैप्पी सीडर से गेहूं की बिजाई की जा सकती है।
डा. बाल मुकुंद कौशिक, क्यूसीआइ,
इन किसानों को किया सम्मानित
भारतीय किसान संघ से प्रदेश मंत्री रामबीर सिंह चौहान उन्हेड़ी, जिलाध्यक्ष पिटू राणा खानपुर, प्रताप राणा खजूरी, बहादुरपुर से मंगत राम कपूर, सरपंच राजेंद्र कांबोज, गोविदपुरा से अनिल कांबोज, जुड्डा जाटान से साहब सिंह, जुडा साधान से अंग्रेज सिंह, सरावां से मलकीत सिंह, सुढल से कंवलजीत सिंह, विजय मेहता, खदरी से अरविद कुमार, खेड़ा से तरविद्र सिंह, चनेटी से रिकू राम, भूतमाजरा से मनिद्र सिंह, हरिपुर जाटान से लाभ सिंह, जसविद्र सिंह, तेलीपुरा से तेजवीर सिंह, लाहड़पुर से गौरव सैनी, साढौरा नदीपार से नवजोत सिंह, राजेड़ी से आज्ञा पाल, जोगेंद्र सिंह, पाबनी कलां से सुखदेव सिंह, कनालसी से सुरेश राणा, खानपुर से दीपेंद्र सिंह, खजूरी से राजकुमार, पाबनी कलां से जश्नदीप सिंह व जड़ोदा से विक्रम, सतबीर सिंह हुडा, गुरनाम सिंह गुमथला, बलदेव पंवार तेलीपुरा को सम्मानित किया गया।