कचरा स्कूल में न बिखरे, फाउंडेशन ने दिए डस्टबिन
राजकीय प्राथमिक पाठशाला नंबर-8 रामपुरा कचरे के सही निपटान के लिए शांति फाउंडेशन की टीम ने डस्टबिन भेंट किए। शांति फाउंडेशन की प्रेजिडेंट प्रिया अरोड़ा ने कहा कि दो डस्टबिन में गीला एवं सूखा कचरा अलग-अलग रखेंगे।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : राजकीय प्राथमिक पाठशाला नंबर-8 रामपुरा कचरे के सही निपटान के लिए शांति फाउंडेशन की टीम ने डस्टबिन भेंट किए। शांति फाउंडेशन की प्रेजिडेंट प्रिया अरोड़ा ने कहा कि दो डस्टबिन में गीला एवं सूखा कचरा अलग-अलग रखेंगे। हरे डस्टबिन में गीला कचरा जिसमें रसोई का कचरा, फल के छिलके, सड़े फल, सब्जी, बचा भोजन, अंडे के छिलके आदि को डालना है। जबकि नीले डस्टबिन में प्लास्टिक, बोतलें, कागज, कप, प्लेट, पैकेट, अखबार, डिब्बे, बॉक्स, पुराने कपड़े को डालना है। इसके अलावा बेकार कचरों की श्रेणी में आने वाले पट्टियां, टिशु पेपर, रेजर, प्रयोग में लाई हुई सी¨रज, ब्लेड, स्लाइन की बोतलें आदि को कागज में लपेट कर सूखे कचरा वाले डस्टबिन में डालना है। उन्होंने कहा कि स्वस्थ रहने के लिए स्वच्छता अपनाना जरूरी है।
फाउंडेशन के वाइस प्रेजिडेंट लक्ष्य दत्ता ने थ्री-आर के उपयोग के बारे में कहा कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के साथ-साथ थ्री-आर के सिद्धांत पर काम करने पर जोर दिया जा रहा है। जिसमें रिड्यूस, रि-यूज एवं रिसाइकल का ध्यान रखा जाएगा। रिड्यूस में प्लास्टिक पर रोक लगाने और उसकी जगह जूट के थैले, पेपर, फोम का प्रयोग, रि-यूज के तहत किसी वस्तु को फेंकने से पहले उसके दोबारा प्रयोग कर सकने और रिसाइकल के तहत लोहा, एल्युमीनियम, प्लास्टिक, कांच इत्यादि को इक्ट्ठा करना है। विद्यालय प्रभारी महेंद्र ¨सह कलेर ने शांति फाउंडेशन की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनकी टीम स्वच्छ भारत अभियान और समाज सेवा में जो कार्य कर रही है वह वास्तव सराहनीय है। इस मौके पर साहिल कौशल, प्रिया अरोड़ा, कविता बत्रा, सेवया नागपाल, अनिल कुमार, प्रमोद कुमार, विनोद कुमार उपस्थित थे।