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43 के तापमान भी कम नहीं कर सका सिख संगत का जोश, बोले सोनिहाल से गूंजा लौहगढ़

कहर बरपाती गर्मी भी सिख संगत के जोश को कम नहीं कर सकी। सिखों की पहली राजधानी लौहगढ़ किला में आयोजित समागम में हजारों श्रद्धालुओं ने गुरुघर में हाजिरी भरी।

By JagranEdited By: Published: Mon, 28 May 2018 01:33 AM (IST)Updated: Mon, 28 May 2018 01:33 AM (IST)
43 के तापमान भी कम नहीं कर सका सिख संगत का जोश, बोले सोनिहाल से गूंजा लौहगढ़
43 के तापमान भी कम नहीं कर सका सिख संगत का जोश, बोले सोनिहाल से गूंजा लौहगढ़

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : कहर बरपाती गर्मी भी सिख संगत के जोश को कम नहीं कर सकी। सिखों की पहली राजधानी लौहगढ़ किला में आयोजित समागम में हजारों श्रद्धालुओं ने गुरुघर में हाजिरी भरी। कार्यक्रम की तैयारी पांच दिन पहले शुरू की गई। रेत को ठंडा करने के लिए 425 कूलर लगाए गए।

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308वें स्थापना दिवस पर यहां अखंड पाठ रखा गया। शुक्रवार सुबह आरंभ किए गए पाठ का रविवार को पंजाब के पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर ¨सह बादल समेत कई राजनीतिक लोगों की मौजूदगी में भोग डाला गया।

यहां चारों तरफ रेत ही रेत है। रेत गर्म होने के कारण गर्मी अधिक रहती है। तपती दोपहर में संगत को परेशानी न हो, इसके लिए 30 एसी पंडाल में लगाए। इसके साथ ही 200 पानी वाले पंखे भी लगाए गए। पंजाब से आने वाली संगत की सुविधा के लिए 148 से ज्यादा कारें लगाई गई हैं। एसजीपीसी की ओर से यहां पर यह दूसरा कार्यक्रम है। इससे पहले 21 नंवबर 2017 को नींव पत्थर समागम हुआ था। जलजीरा पीकर बुझाई प्यास

सेवा में लगे मैनेजर नरेंद्र ¨सह ने बताया कि जलजीरा, नींबू पानी का विशेष प्रबंध किया गया है। संगत दूर से आई है। गर्मी में कोई बीमार न हो जाए, इसके लिए शीतल पेय पदार्थ का विशेष प्रबंध किया गया। इसके साथ ही श्रद्धालुओं ने लंगर में पनीर की सब्जी, चावल, दाल, खीर, मिक्स सब्जी, देसी घी से बना प्रसाद, प्रसादा में रूमाला रोटी का स्वाद चखा।


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