107 अवैध कॉलोनियों पर तहसीलदार खामोश, नहीं दे रहे जवाब
अवैध कॉलोनियां कुकरमुत्तों की तरह पनप रही है। कृषि भूमि में अवैध रूप से प्लाट काटे जा रहे हैं।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर :
अवैध कॉलोनियां कुकरमुत्तों की तरह पनप रही है। कृषि भूमि में अवैध रूप से प्लाट काटे जा रहे हैं। कुछ जगहों पर इस प्रकार की जमीन की खरीद फरोख्त न कर उपहार के रूप में स्टांप ड्यूटी की चोरी की जा रही है। सरकार तक यह मामला पहुंचा है। जिसके चलते ही गत नौ जनवरी को प्रदेश के सभी उपायुक्तों को इस संबंध में पत्र भेजा गया है। जिसमें कहा गया है कि अवैध रूप से काटी जा रही इन कॉलोनियों से हरियाणा विकास और शहरी क्षेत्रों का विनियमन अधिनियम की धारा 7 क का उल्लंघन हो रहा है। इसलिए ऐसे प्लॉटों के पंजीकरण पर रोक लगाई जाए। साथ ही आदेश दिए गए हैं कि नोटिफाइड क्षेत्र में किसी भी जमीन की बिक्री व खरीद से पूर्व जिला नगर योजनाकार से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना अनिवार्य किया जाए।
जिला नगर योजनाकार विभाग ने भी तहसीलदारों को पत्र भेजकर छह माह में हुई रजिस्ट्रियों का रिकॉर्ड मांगा है, लेकिन उन्हें यह रिकॉर्ड नहीं दिया गया। ये हालात तब हैं कि जब अतिरिक्त मुख्य सचिव की ओर से छह माह में हुई रजिस्ट्रियों का रिकॉर्ड देने के आदेश दिए गए हैं। जिला नगर योजनाकार विभाग की ओर से छछरौली, जगाधरी व बिलासपुर के तहसीलदारों को कई-कई बार पत्र भेजे जा चुके हैं। जिला नगर योजनाकार विभाग ने 107 जगहों को चिह्ति किया है। जहां पर कृषि भूमि में अवैध प्लॉट काटे जा रहे हैं। इनमें से किसी भी जगह का विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं लिया गया। जबकि यह 7 क का उल्लंघन है। इस तरह से कराया जा रहा पंजीकरण : दरअसल, नगरीय क्षेत्र की पांच किमी के दायरे में दो कनाल से कम कृषि योग्य भूमि के दस्तावेजों के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना जरूरी है, लेकिन इस जमीन को पट्टा या उपहार के रूप में दिखाकर सब रजिस्ट्रार कार्यालय से पंजीकरण कराया जा रहा है। इसमें जमीन का जिसके नाम पंजीकरण कराया जा रहा है। उसे परिवार का सदस्य दिखाया जा रहा है। वह जमीन का पंजीकरण कराने के बाद उसमें प्लॉट काटकर लोगों को बेच रहे हैं। तहसील में भी इनकी सेल डीड हो रही है। इसलिए ही जिला नगर योजनाकार विभाग ने छह माह की रजिस्ट्रियों का रिकॉर्ड मांगा है।
जिला नगर योजनाकार अमित मंदोलिया ने बताया कि 107 जगह चिह्नित की गई है। जहां पर अवैध रूप से प्लाट काटकर कॉलोनी विकसित हो रही है। इन सभी जगहों पर लोगों को प्लॉट न खरीदने की अपील करते हुए बोर्ड लगाए गए हैं। तहसीलदारों से रिकॉर्ड भी मांगा गया है। जिससे यह पता लग सके कि चिहित एरिया में कितनी रजिस्ट्रियां हुई हैं। हालांकि अभी तक उन्हें किसी तहसीलदार से जवाब नहीं मिला है।