20 नवंबर को ही चलेगा शुगर मिल, गन्ना मूल्य व भुगतान प्रक्रिया पर अभी निर्णय नहीं
सरस्वती शुगर मिल के पेराई सीजन पर संशय खत्म हो गया है। मिल 20 नवंबर को चलाई जाएगी। हालांकि गन्ना मूल्य निर्धारण व सीजन में गन्ने के भुगतान की प्रक्रिया पर सरकार का निर्णय अभी लंबित है। लेकिन किसान संगठनों की मांग व किसानों की सहुलियत को देखते हुए मिल ने फिलहाल पेराई सीजन के शुभारंभ का निर्णय ले लिया है।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर :
सरस्वती शुगर मिल के पेराई सीजन पर संशय खत्म हो गया है। मिल 20 नवंबर को चलाई जाएगी। हालांकि गन्ना मूल्य निर्धारण व सीजन में गन्ने के भुगतान की प्रक्रिया पर सरकार का निर्णय अभी लंबित है। लेकिन किसान संगठनों की मांग व किसानों की सहुलियत को देखते हुए मिल ने फिलहाल पेराई सीजन के शुभारंभ का निर्णय ले लिया है। 19 नवंबर को सभी क्रय केंद्रों पर खरीद शुरू हो जाएगी। मिल दायरे में कुल 42 खरीद केंद्र हैं।
इसलिए था संशय
सरस्वती शुगर मिल मिल के पेराई सीजन के शुभारंभ पर अभी संशय बना हुआ था। मिल प्रशासन इस बात अड़ा हुआ था कि सरकार पहले गन्ने का मूल्य निर्धारित करे और सीजन में गन्ना भुगतान की प्रक्रिया से अवगत करवाए। सरकार को इस बारे पत्र भी लिखा हुआ है। अभी तक इस बारे कोई निर्णय नहीं लिया गया। उधर, जिले के किसान संगठन लगातार मिल चलाए जाने की मांग कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि यदि शुगर मिल 20 नवंबर के बाद चलेगा तो भारी नुकसान झेलना पड़ेगा। गेहूं की बिजाई प्रभावित होगी।
160 लाख क्विंटल खरीद का लक्ष्य
सीजन में इस बार 160 लाख ¨क्वटल गन्ने की पेराई का लक्ष्य निर्धारित है। मिल के दायरे में 40 खरीद केंद्र हैं। यहां नियमित रूप से गन्ने की खरीद की जाएगी। किसानों को ऑन लाइन ही पर्चियां वितरीत की जाएंगे ताकि वितरण प्रणाली में पारदर्शिता रहे। गत सीजन में मिल ने 177 लाख ¨क्वटल गन्ने की पेराई की थी।
गेहूं की बिजाई कर सकेंगे
भारतीय किसान संघ के जिला प्रधान रामबीर ¨सह चौहान का कहना है कि शुगर मिल समय पर चलाया जाना जरूरी है। यदि मिल चलाए जाने में देरी की जाती है तो गेहूं की बिजाई प्रभावित होगी। समय पर मिल चलने से करीब तीन हजार एकड़ में गेहूं की बिजाई हो सकती। क्योंकि क्षेत्र के किसान गन्ना काटकर गेहूं की पछेती बिजाई करते हैं। कुछ किसानों ने तो अभी से गन्ना काटकर कोल्हू-कलेसरों पर डालना शुरू कर दिया है ताकि समय पर गेहूं की बिजाई कर सकें।
वर्जन
किसान संगठनों की मांग को देखते हुए 20 नवंबर को ही मिल चलाने का निर्णय फाइनल है। गन्ना मूल्य निर्धारण व सीजन में गन्ना भुगतान की प्रक्रिया पर अभी निर्णय लंबित है। इस पर सरकार का रवैया सकारात्मक है। सीजन में किसानों को दिक्कत नहीं आनी दी जाएगी। इंटेंट वितरण प्रणाली में पारदश्रिता बरती जाएगी।
-डीपी ¨सह, सीनियर वाइस प्रेजीडेंट, एसएसएम।