नई तकनीक से हो रही नसबंदी : कंवरपाल
राष्ट्रीय परिवार कल्याण कार्यक्रम में बिना चीरा-बिना टांका पुरूष नसबंदी पखवाड़े का आयोजन किया गया है। यह पखवाड़ा बुधवार से 4 दिसंबर तक चलेगा। इसका शुभारंभ प्रचार रथ को हरी झंडी दिखाकर विस अध्यक्ष कंवरपाल ने किया।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : राष्ट्रीय परिवार कल्याण कार्यक्रम में बिना चीरा-बिना टांका पुरूष नसबंदी पखवाड़े का आयोजन किया गया है। यह पखवाड़ा बुधवार से 4 दिसंबर तक चलेगा। इसका शुभारंभ प्रचार रथ को हरी झंडी दिखाकर विस अध्यक्ष कंवरपाल ने किया।
अध्यक्ष कंवरपाल ने कहा कि यह ¨चता का विषय है कि परिवार नियोजन के कार्यक्रम की सारी जिम्मेवारी केवल महिलाओं के कंधों पर आ गई है । पुरूषों की जिम्मेवारी नामात्र हो गई है। आंकड़ों के अनुसार पुरुषों की भागीदारी 1 प्रतिशत से भी कम है। जबकि वास्तविकता में पुरूषों के ऑपरेशन की विधि महिला नलबंदी के ऑपरेशन से सरल है तथा इससे पुरूषो में किसी प्रकार का दुष्प्रभाव नहीं पडता तथा नसबंदी उपरान्त अपना सामान्य कार्य कर सकता है। विधानसभा अध्यक्ष ने स्वयं का उदाहरण देते हुए कहा कि मैने स्वयं भी नसबंदी कराई हुई है। परिवार नियोजन का एक सरल, प्रभावशाली व विश्वसनीय तरीका है। आदमी एक सामान्य व्यक्ति जैसा जीवनयापन करता है। सिविल सर्जन डॉ. कुलदीप ¨सह ने बताया कि नई तकनीक में बिना चीरा-बिना टांके के पुरूष नसबंदी (एनएसवी) होती है। भारत विश्व में पहला ऐसा देश है जहां 1952 में परिवार नियोजन कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया था। आशा स्वास्थ्य विभाग की सबसे महत्वपूर्ण कड़ी है। जगाधरी सिविल की एमएस डॉ. पूनम चौधरी ने बताया कि एनएसवी कराने वाले पुरुष को 2000 रुपये की तथा प्रेरक को 300 रुपये की प्रोत्साहन राशि सरकार द्वारा दी जाती है।