एसएसएम का पेराई सत्र शुरू, 160 लाख क्विंटल का लक्ष्य, 25 हजार किसानों को फायदा
सरस्वती शुगर मिल (एसएसएम) का गन्ना पेराई सत्र 2018-19 का मंगलवार को शुभारंभ हो गया। मिल चलने से 25 हजार किसानों को फायदा होगा। पेराई सत्र का शुभारंभ मिल के मुख्य संचालन अधिकारी एसके सचदेवा ने किया।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : सरस्वती शुगर मिल (एसएसएम) का गन्ना पेराई सत्र 2018-19 का मंगलवार को शुभारंभ हो गया। मिल चलने से 25 हजार किसानों को फायदा होगा। पेराई सत्र का शुभारंभ मिल के मुख्य संचालन अधिकारी एसके सचदेवा ने किया। मिल के सीनियर वाइस प्रेजिडेंट (टेक्निकल) मनोज वर्मा, डीपी ¨सह, सीनियर वाइस प्रेजीडेंट (केन) केके चौधरी (डिप्टी जनरल मैनेजर भी विशेष रूप से उपस्थित थे। इस वर्ष मिल ने गन्ना पिराई का लक्ष्य 160 लाख क्विंटल रखा गया है। जबकि गत सीजन में 176.93 लाख ¨क्वटल गन्ने की पिराई की गई थी। मिल क्षेत्र में इस बार 96,692 एकड़ में गन्ने की फसल है जबकि गत वर्ष 99,027 एकड़ में गन्ने की फसल थी।
गन्ना सप्लाई करने वाले प्रथम किसान सम्मानित
मिल के मुख्य संचालन अधिकारी एसके सचदेवा ने बताया कि गन्ना सप्लाई करने वाले प्रथम किसान अलाहर निवासी सतीश कुमार सुपुत्र ¨सह, अलाहर निवासी सुख¨वद्र ¨सह सुपुत्र जसमेर ¨सह, केंद्र महमूदनगर से आए ड्राइवर हिशम पाल को हार पहना कर व उपहार देकर सम्मानित किया गया। मिल को सुचारू रूप से चलाने के लिए विशेष तैयारियां की गई हैं। ताकि प्रतिदिन गन्ने की अधिक से अधिक पेराई की जा सके। इस वर्ष मिल गेट के अलावा 42 क्रय केंद्रों पर गन्ने की खरीद की व्यवस्था की गई है। लेबर की समस्या देखते हुए सरस्वती शुगर मिल ने 17 केन लोडर गन्ना क्रय केंद्रों पर गन्ना लोड करने के लिए लगाए गए हैं। इससे लेबर की समस्या भी दूर होगी और लो¨डग का कार्य भी सुचारू रूप से चलता रहेगा।
पर्ची वितरण के लिए एडवांस कैलेंड¨रग
सीनियर वाइस प्रेजिडेंट (केन) डीपी ¨सह ने बताया कि पर्ची वितरण कार्य को अधिक पारदर्शी बनाने के लिए यह कार्य कंप्यूटरीकृत किया हुआ है। पर्ची वितरण के लिए एडवांस कैलेंड¨रग भी की जा चुकी है। मिल से गन्ने की पर्ची जारी होते ही पर्ची का नंबर व गन्ना किस्म की सूचना तुरंत किसानों को भेजने की व्यवस्था है। किसान गन्ना पर्ची पर अंकित तारीख व गन्ना किस्म के अनुसार आपूर्ति करने का पूरा प्रबंध रखें क्योंकि एडवांस कैलेंड¨रग में फेल हुई पर्ची के बदले दूसरा इंडेंट जारी करने का प्रावधान नहीं है। जिन किसानों ने बों¨डग नहीं करवाई, वे 30 नवंबर तक बों¨डग करवा लें। बों¨डग की मात्रा के अनुरूप गन्ने की आपूर्ति करना भी सुनिश्चित किया जाए। ताकि गन्ने की कम आपूर्ति पर लगाए जाने वाली पेनल्टी से बचा जा सके।
गन्ने की उन्नत किस्में उपलब्ध करवाई
क्षेत्र में गन्ने की पैदावार बढ़ाने के लिए किसानों को गन्ने की उन्नत किस्में मुहैया करवाई गई हैं। इनकी पैदावार अपेक्षाकृत अधिक है। इन किस्मों में मुख्य रूप से सीओ-118, सीओ-239, सीओजे-85, सीओएच-160 व सीओ 238 है। किसानों की सुविधा को देखते हुए प्रत्येक क्रय केंद्र पर शुगर मिल के सीनियर अधिकारियों के फोन नंबर भी चस्पा दिए गए हैं। सुरक्षा के लिहाज से गन्ना सप्लाई करने वाले किसानों के ट्रैक्टर-ट्राली व अन्य वाहनों पर मिल की ओर से अगले दिनों में रिफ्लेक्टर लगाए जाएंगे। मौके पर राजेंद्र कौशिक डॉ. पीसी जोशी, बलवान ¨सह, नायब ¨सह, अनूप नरवाल, अश्वनी आर्य, अनिल डोगरा व अन्य सभी स्टाफ सदस्य उपस्थित थे।
गन्ने का रेट बढ़ाने की मांग
सरस्वती शुगर मिल का पेराई सीजन शुरू होने से किसानों को फायदा होगा। भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष सुभाष गुर्जर ने कहा कि समय से मिल चलने पर किसान अपनी आगामी गेहूं की फसल की समय पर बिजाई कर सकेंगे। उन्होंने मिल अधिकारियों से मांग की है कि जिन किसानों का बारिश व ओलावृष्टि के कारण गन्ना खराब हुआ है, पहले उस किसान का गन्ना लिया जाए। हरियाणा की सभी मिलें चल गई हैं, लेकिन गन्ने का रेट तय नहीं किया। उन्होंने मांग की है कि गन्ने का रेट 400 रुपये प्रति क्विंटल तय किया जाए।