स्ट्रीट वेंडिग जोन के लिए छह स्थान चिन्हित, ट्विन सिटी में जाम से मिलेगी मुक्ति
सड़कों पर लगने वाली रेहड़ियों को शिफ्ट करने के लिए नगर निगम की ओर से छह स्ट्रीट वेंडिग जोन बनाए गए हैं।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : सड़कों पर लगने वाली रेहड़ियों को शिफ्ट करने के लिए नगर निगम की ओर से छह स्ट्रीट वेंडिग जोन बनाए गए हैं। इस निर्णय से सड़कों पर लगने वाले जाम से मुक्ति मिल सकेगी। दो हजार से अधिक रेहड़ी वालों को स्थान दिया जाएगा। इसके लिए वेंडर्स को सर्टीफिकेट बनवाना पड़ेगा। लाइसेंस धारक वेंडर्स को ही वेंडिग जोन में स्थान दिया जाएगा। जिन वेंडर्स के पास लाइसेंस नहीं हैं, वे 31 मार्च तक नगर निगम में आवेदन कर अपना लाइसेंस बनवा सकते हैं। स्ट्रीट वेंडिग के लिए किया गया सर्वे, 112 प्वाइंट पर हुआ काम:
नगर निगम की ओर से स्ट्रीट वेंडिग जोन के लिए रूद्र अभिषेक इंटरप्राजिज से ट्विनसिटी का सर्वे करवाया गया। सर्वे में स्ट्रीट वेंडिग के लिए 112 प्वाइंट्स पर काम किया गया। इसके आधार पर उन्होंने पाया कि शहर में तीन तरह के स्ट्रीट वेंडर हैं। स्टेशनरी, मोबाइल व टेंपरेरी वेंडर्स। एक ही स्थान पर रेहड़ी खड़ी करके सामान बेचने वाले स्टेशनरी वेंडर्स में आते हैं। सड़कों व कॉलोनियों में घूम-घूमकर सामान बेचने वाले मोबाइल वेंडर्स में आते हैं, जबकि मेले या किसी बड़े कार्यक्रम में कुछ समय के लिए रेहड़ी लगाने वाले टेंपरेरी वेंडर्स हैं। ये स्थान किए चिन्हित:
1. जगाधरी के हुडा सेक्टर 17 में पंडित ऑटोमोबाइल के सामने बड़े नाले के साथ लगती जमीन - 47 वेंडर्स
2. नेहरू पार्क के साथ डीएवी डेंटल के पास खाली पड़ी जमीन- 470 वेंडर्स
3. लोकल सब्जी मंडी आईटीआई ग्राउंड- 140 वेंडर्स
4. ईएसआई अस्पताल के पीछे तेजली ग्राउंड- 1254 वेंडर्स
5. मेन पोस्ट ऑफिस के पास सरोजनी कॉलोनी मार्केट-149 वेंडर्स
6. वर्कशॉप रोड हीरा नगर- 46 वेंडर्स
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ये मिलेगी सुविधाएं:-
- पक्की सड़क
- पेयजल की सुविधा।
- शौचालय।
- गीले व सूखे कूड़े के लिए कूड़ादान-लाइट की व्यवस्था।
- अस्थाई शेड।
- पार्किग।
- वेंडर्स के आई कार्ड। चौराहों, स्कूल, अस्पताल व सरकारी कार्यालय से 75 मीटर तक नहीं लगा सकते रेहड़ी:
कमिश्नर श्याम लाल पूनिया ने बताया कि नियम के अनुसार शहर के चौराहों, रेलवे स्टेशन, स्कूल, अस्पताल, सरकारी कार्यालय व शिक्षण संस्थान से 75 मीटर की परिधि में रेहड़ी नहीं लगाई जा सकती। वेंडिग जोन बनाते समय भी इन नियमों का ध्यान रखा जाएगा। इसके अलावा जो रास्ते छह से नौ मीटर है, वहां केवल मोबाइल वेंडर्स ही जा सकते है। इसके अलावा 12 से 24 मीटर तक एक तरफ और 24 से 30 मीटर तक के मार्गो पर दोनों तरफ रेहड़ी लगा सकते हैं। 14 साल से कम उम्र का बच्चा भी रेहड़ी पर काम नहीं कर सकता। अपराधिक केस दर्ज होने पर रद्द होता वेंडिग सर्टीफिकेट:
सीपीओ विपिन गुप्ता ने बताया कि निगम द्वारा निर्धारित फीस देकर वेंडर्स अपनी रेहड़ी रजिस्टर्ड करवा सकते हैं। जिनके पास लाइसेंस व सर्टीफिकेट नहीं है, वे 31 मार्च तक नगर निगम में आवेदन कर बनवा सकते हैं। वेंडिग जोन बनने पर वेंडर्स को निर्धारित स्थान मिलेगा। जहां वेंडर्स को अपना सर्टीफिकेट लटकाना होगा। यह सर्टीफिकेट अपराधिक केस दर्ज होने पर रद्द हो जाएगा। इसके लिए झगड़ा करने, 14 साल से कम उम्र के बच्चे से रेहड़ी पर काम करवाने, निर्धारित स्थान से दूसरे स्थान पर सामान बेचने, सर्टीफिकेट किसी अन्य को देने, निर्धारित टाइम में सर्टीफिकेट रिन्यू न करवाने पर भी यह रद्द हो जाएगा। स्ट्रीट वेंडिग जोन को लेकर शुक्रवार को नगर निगम कमिश्नर श्याम लाल पूनिया की अध्यक्षता में बैठक हुई। इसमें स्ट्रीट वेंडर्स, स्वास्थ्य विभाग, ट्रैफिक पुलिस समेत कई विभागों के अधिकारियों के साथ मंथन किया गया। बैठक में ज्वाइंट कमिश्नर बीबी कौशिक, सिविल अस्पताल के कार्यकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. विजय दहिया, ईओ दीपक सूरा, सीपीओ विपिन गुप्ता, एसई आरके बागड़ी, एक्सईएन प्रमोद कुमार, फायर ऑफिसर प्रमोद दुग्गल, ट्रैफिक एसएचओ ललित सिंह, सीएसआई अनिल नैन, रेहड़ी प्रधान कृपाल सिंह, एसके कटारिया आदि मौजूद रहे।