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जीवन जीने की कला सीखाती श्रीमद्भागवत गीता

श्रीकृष्ण कृपा सेवा समिति द्वारा गीता जयंती के उपलक्ष्य में रविवार को प्रभात फेरी निकाली गई। समिति सदस्य अशोक झाम ने कहा कि गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद की प्ररेणा से प्रभात फेरी निकाली। जो खेड़ा मंदिर से शुरु हुई।

By JagranEdited By: Published: Sun, 16 Dec 2018 05:36 PM (IST)Updated: Sun, 16 Dec 2018 11:44 PM (IST)
जीवन जीने की कला सीखाती श्रीमद्भागवत गीता
जीवन जीने की कला सीखाती श्रीमद्भागवत गीता

संवाद सहयोगी, बिलासपुर: श्रीकृष्ण कृपा सेवा समिति द्वारा गीता जयंती के उपलक्ष्य में रविवार को प्रभात फेरी निकाली गई। समिति सदस्य अशोक झाम ने कहा कि गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद की प्ररेणा से प्रभात फेरी निकाली। जो खेड़ा मंदिर से शुरु हुई। अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है। जो विश्व में अलग पहचान बना चुका है। गीता महाकाव्य मानव को जीवन की सही कला सिखाता है। गीता किसी विशेष धर्म को ना होकर मानव कल्याण की बात करता है। मानव को संसार की भ्रमात्मक शक्तियों से बाहर निकाल कर मोक्ष की ओर ले जाता है। पढ़ाई के साथ गीता पाठ का श्रवण अवश्य करना चाहिए। प्रभात फेरी का कई जगह स्वागत किया गया। जो मंदिर से शुरु होकर पंजाबी मोहल्ला, काली माता मंदिर, रामलाल कॉलोनी, सरस्वती कॉलोनी, फेरूवाला कॉलोनी, शिव चौंक से होते मंदिर में समाप्त हुई। इस मौके श्रवण तनेजा, राजकुमार वर्मा, पवन कांबोज, विजय शर्मा, रमेश बक्शी, गुलशन गांधी, रमेश मेहंदीरता, राजकुमार छाबड़ा, संजय वर्मा, प्रदीप वर्मा, ललित गांधी, सतीश चुग, गौरव धमीजा आदि उपस्थित थे।

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