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विद्यार्थियों को एनिमेशन मूवी दिखाकर भरे संस्कार

बच्चे समाज की अहम कड़ी हैं। आने वाले कल को उन्हें ही संवारना है। इसलिए उन्हें शुरू से ही अच्छे संस्कार देना जरूरी है, ताकि वो सफल नागरिक बनने के साथ ही अच्छे इंसान भी बन सकें। जागरण संस्कारशाला के जरिए बच्चों को जो सिखाया जाता है उसका पाठ्यक्रम वही है जो घर की पाठशाला में बच्चा सीखता है। ये बात एमएलन पब्लिक स्कूल सरोजनी कॉलोनी की ¨प्रसिपल शशी बाटला ने कही। सोमवार को यहां दैनिक जागरण के संस्कारशाला कार्यक्रम में 350 बच्चों को प्रोजेक्टर पर एनिमेशन मूवी दिखाई गई।

By JagranEdited By: Published: Tue, 25 Sep 2018 01:18 AM (IST)Updated: Tue, 25 Sep 2018 01:18 AM (IST)
विद्यार्थियों को एनिमेशन मूवी दिखाकर भरे संस्कार
विद्यार्थियों को एनिमेशन मूवी दिखाकर भरे संस्कार

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : बच्चे समाज की अहम कड़ी हैं। आने वाले कल को उन्हें ही संवारना है। इसलिए उन्हें शुरू से ही अच्छे संस्कार देना जरूरी है, ताकि वो सफल नागरिक बनने के साथ ही अच्छे इंसान भी बन सकें। जागरण संस्कारशाला के जरिए बच्चों को जो सिखाया जाता है उसका पाठ्यक्रम वही है जो घर की पाठशाला में बच्चा सीखता है। ये बात एमएलन पब्लिक स्कूल सरोजनी कॉलोनी की ¨प्रसिपल शशी बाटला ने कही। सोमवार को यहां दैनिक जागरण के संस्कारशाला कार्यक्रम में 350 बच्चों को प्रोजेक्टर पर एनिमेशन मूवी दिखाई गई।बच्चे मूवी देखने के बाद उत्साहित नजर आए। बच्चों को घायल गिलहरी और पिता की सीख मूवी दिखाई गई। इसमें दिखाया गया कि बच्चों पर इच्छाए थोपनी नहीं चाहिए, बल्कि उसकी रुचि के अनुसार उसे पढ़ने देना चाहिए।

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नहीं भूलनी चाहिए माता-पिता की दी सीख: सुमित

छात्र सुमित कालड़ा का कहना है कि हमें नियमित रूप से स्कूल जाना चाहिए। माता पिता सहित शिक्षकों की दी हुई सीख को कभी नहीं भूलना चाहिए। ऐसा इसलिए है क्योंकि हमारे बड़े हमें जो कुछ सीख देते हैं वह अच्छे के लिए ही होती है। उन्हें हमसे अधिक अनुभव होता है। फोटो : 26

मन लगाकर करनी चाहिए पढ़ाई : देवांश

छात्र देवांश का कहना है कि माता पिता तो हमें हमेशा समय से हर काम करने के लिए कहते हैं। समय पर ही खाने पीने व खेलने को कहते हैं। यह सभी आदतें हमारे स्वास्थ्य के लिए अच्छी और पढ़ाई के लिए अच्छी होती हैं। फोटो : 27

मानना चाहिए कहना : वंश

छात्र वंश कंबोज का कहना है कि अपने माता पिता और शिक्षकों का कहना मानकर अच्छे से पढ़ाई करनी चाहिए, तभी हम आगे चलकर बेहतर व्यक्ति बन सकते हैं। फोटो : 28

शिक्षक भी होते हैं खुश : याशिका

याशिका कहती हैं कि मम्मी पापा सुबह जल्दी उठकर सभी काम समय पर करने के लिए कहते हैं। जब हम ऐसा करते हैं तो उन्हें खुशी मिलती है। इसलिए उनकी बात माननी चाहिए। इससे हमें हमेशा फायदा होता है, हम समय से स्कूल पहुंचते हैं तो हमारे शिक्षक भी खुश होते हैं। फोटो : 29

रोजाना पढ़ाई से आते अच्छे नंबर : खुशी

खुशी धीमान कहती हैं कि समय से हर काम करने वाले बच्चों की सभी तारीफ करते हैं और जो बच्चे रोज पढ़ाई करते हैं उनके परीक्षा में बहुत अच्छे नंबर आते हैं। इसलिए हमें रोज दो घंटे घर पर भी पढ़ाई करनी चाहिए। थोड़ी देर खेलना भी चाहिए। अगर हम अच्छे से पढ़ाई करेंगे तो डॉक्टर, इंजीनियर और शिक्षक भी बन सकते हैं। फोटो : 30

हर बच्चे पर ध्यान नहीं दे सकता शिक्षक : वंश

वंश का कहना है कि मन लगाकर स्कूल में पढ़ाई करनी चाहिए, क्योंकि वहां बहुत सारे बच्चों में शिक्षकों का ध्यान हर बच्चे पर नहीं जा पाता। इसके अलावा हमें घर पर भी नियमित रूप से सभी विषयों की पढ़ाई करनी चाहिए। इससे हर बार परीक्षा परिणाम बेहतर आएंगे। फोटो : 31

बच्चों को सही राह दिखाने की जरूरत : साक्षी

अध्यापिका साक्षी भट्ट कहती हैं कि वर्तमान समय में अधिकतर बच्चों में पहले जैसे संस्कारों की कमी नजर आती है। उन्हें सही राह दिखाने की जिम्मेदारी शुरू अभिभावकों से होती है, मगर शिक्षकों पर आ जाती है। कई बार यह काम बेहद कठिन लगने लगता है। बच्चों में आक्रामकता अधिक देखी जाती है। फोटो : 32

आसान नहीं शिक्षक का कार्य : ईशा

अध्यापिका ईशा कहती हैं कि इस बात में कोई दोराय नहीं है कि शिक्षकों पर आज दोहरा दबाव है। शिक्षण कार्य उनकी प्राथमिकता होता है, मगर नैतिकता के पतन से वह काफी हद तक प्रभावित होता है। अगर अभिभावक बच्चों को बेहतर संस्कार देने में सफल होते हैं तो शिक्षकों का कार्य आसान होता है और बच्चों का भविष्य भी उज्ज्वल होता है। फोटो : 33

शिक्षक का सम्मान भी लगता कई बार दांव पर : किरण

शिक्षिका किरण का कहना है कि व्यवस्था बेहतर बनाने के लिए अगर कोई नया प्रयास किया जाता है तो उसे खुद शिक्षकों का भी समर्थन मिलता है। मगर वर्तमान समय में शिक्षकों का सम्मान दाव पर लगा दिया जाता है, अगर बच्चों के सामने उनके शिक्षकों का सम्मान नहीं किया जाएगा तो, उनमें बड़ों के आदर का भाव कहां से जागृत होगा। फोटो : 34

गुरु दिखाता है बच्चों को सही राह : शशी

एमएलएन पब्लिक स्कूल सरोजनी कॉलोनी की ¨प्रसिपल शशी बाटला कहती हैं कि ऐसे में बहुत जरूरी है कि बच्चों में आदर्शो की नींव अच्छी हो। स्कूल में वह सिर्फ शिक्षा हासिल करने आएं। वह बात अलग है कि अबोध बच्चों को आगे की राह उनका गुरु ही दिखाता है, मगर कई बड़े बच्चों का व्यवहार स्कूलों में अच्छा नहीं होता। ऐसे में यह हम सभी की जिम्मेदारी है कि बच्चों को भटकने से रोके। उन्हें लक्ष्य की ओर अग्रसर रखने का प्रयास करें।


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