बदलते भारत की तस्वीर है हरियाणा का एक गांव, यहां की व्यवस्था देख हो जाएंगे हैरान
यमुनानगर का गांव बैंडी बदलते हुए भारत की चमकती हुई तस्वीर पेश करती है। यह गांव शहरों को मात दे रहा है। यहां की व्यवस्था हैरान कर देती है। यह हुआ है यहां के युवा सरपंच की सोच से।
यमुनानगर, [संजीव कांबोज]। हरियाणा के यमुनानगर जिला मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूर रादौर ब्लॉक का गांव बैंडी बदलते भारत की चमकती हुई तस्वीर पेश कर रहा है। यहां पहुंचने पर विकसित गांव का एक अलग ही नजारा दिखाई पड़ता है। साफ-सफाई और सुंदरता ऐसी मानो किसी पर्यटन स्थल तक आ पहुंचे हों। सोलर लाइट से जगमग गांव की खड़ंजायुक्त साफ-सुथरी सड़कों के अलावा 40 लाख रुपये की लागत से फाइव पोंड सिस्टम पर आधारित तालाब इसकी सुंदरता में चार चांद लगाते हैं। पंचायती राज का सारतत्व यहां की तमाम व्यवस्थाओं में अपनी छाप छोड़ते हुए दिखता है। यहां की व्यवस्था की जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे।
कैबिनेट की तरह पंचों को सौंपी गई हैं अलग-अलग विभागों की जिम्मेदारी
ग्राम पंचायत में मंत्रिमंडल की तर्ज पर सभी पंचों को अलग-अलग विभागों के कार्य संपादन की जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं। कोई समाज कल्याण विभाग की पेंशन का काम संभाल रहा है तो कोई सुरक्षा के लिए कैमरों पर निगरानी रखे हुए है। यहां सुरक्षा के लिए 32 सीसीटीवी कैमरे हैं। 31वर्षीय सरपंच अजय की सोच से यह सब संभव हुआ है। केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र सिंह भी ट्वीट कर पंचायत के कार्यों की सराहना कर चुके हैं।
सरपंच अजय बताते हैं कि जून माह में गांव से पांच भैंसे चोरी हो गई थीं। इसके बाद ग्रामीणों से चर्चा कर मुख्य स्थानों पर उच्च गुणवत्ता के सीसीटीवी कैमरे लगवा दिए गए। गांव में पानी की निकासी की बड़ी समस्या थी। कोई ऐसा पार्क नहीं था, जहां सुबह-शाम ग्रामीण सैर कर सकें। गांव के बाहर एक तालाब था, जो अक्सर ओवर-फ्लो रहता था और इसका पानी सड़क पर जमा रहता था।
गांव के सरपंच अजय और गांव की एक गली की सड़क।
अजय ने बताया कि इसके बाद पंचायती राज विभाग के एसडीओ प्रदीप धीमान ने फाइव पोंड सिस्टम पर आधारित तालाब बनाने का आइडिया दिया। आइडिया अच्छा लगा। ऐसा करने से सभी समस्याओं का हल संभव था। दो वर्ष की लगातार मेनहत के बाद जल संरक्षण भी संभव हुआ और तालाब की सुंदरता भी गांव की पहचान बन गई है। दूसरी ग्राम पंचायतों से लोग इसे देखने के लिए आते हैं।
२२०० की आबादी वाले गांव में आज 10 बड़ी व 15 छोटी सोलर लाइट लगी हैं। सरपंच कहते हैं, ऐसा करने से पंचायत पर बिजली के बिल का अतिरिक्त बोझ कम हुआ है और ऊर्जा संरक्षण में योगदान दिया जा सका है। गांव में ग्राम पंचायत की 75 एकड़ कृषि योग्य जमीन है। हर ट्यूबवेल पक्के रास्ते से जुड़ा है और बिजली कनेक्शन है। जल संरक्षण के लिए पाइप लाइन बिछाई हुई है। हरियाली को बढ़ावा देने के लिए तालाब की पगडंडियों पर एक हजार पौधे लगाए हुए हैं।
गांव की पौंड सिस्टम के तहत तैयार सुंदर तालाब।
सरपंच ने बताया कि गांव के विकास और व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने के लिए मंत्रिमंडल के तर्ज पर विभाग बनाकर पंचों को इनकी ज्म्मिेदारियां सौंपी गई हैं। पंच सीमा देवी पेंशन, पेयजल व बिजली निगम से संबंधित काम संभालती हैं। अनिल कुमार तालाब की देखरेख व सफाई संबंधी कार्यों का जिम्मा संभाल रहे हैं। कुलदीप पैलेस की देखरेख व विभिन्न आयोजनों की जिम्मेदारी है। गुरमीत योगशाला का काम देखते हैं।
इसके अलावा स्वच्छता, शिक्षा, कृषि संबंधित कामों को और भी बेहतर बनाने के लिए पंचायत समितियां बनाई हुई हैं। इनमें पंचायत सदस्यों के अलावा गांव के डॉ. महेंद्र, मास्टर अशोक धीमान, अंकुश धीमान, मुकेश धीमान व डॉ. वेदप्रकाश का पूरा योगदान रहता है।