सात वर्ष बाद होली पर बन रहा दुर्लभ संयोग, जानें किस राशि वालों के लिए कौन सा रंग शुभ
सात वर्षों के बाद होली पर विशेष योग बन रहा है। इस योग से मान सम्मान और पारिवारिक शुभफल की प्राप्ति होगी।
जेएनएन, यमुनानगर। रंगों का त्योहार होली इस बार चैत्र कृष्ण प्रतिपदा वीरवार यानी 21 मार्च को होगा। इससे एक दिन पहले होलिका दहन होगा। ज्योतिषिचार्यों की मानें तो इस बार होलिका दहन पर सात साल बाद दुर्लभ संयोग बन रहा है। इससे अनिष्ट दूर होंगे।
ज्योतिषाचार्य पंडित वीरेंद्र शास्त्री ने बताया कि लगभग सात वर्षों बाद देवगुरु वृहस्पति के उच्च प्रभाव में होली वीरवार को मनाई जाएगी। इससे मान सम्मान और पारिवारिक शुभफल की प्राप्ति होगी। राजनीति की वर्ष कुंडली के अनुसार नए वर्ष में नए नेताओं को लाभ मिलेगा।
राजनीति में भी उतार चढ़ाव दिखेगा। होली उत्तर फाल्गुनी नक्षत्र में मनेगी। यह नक्षत्र सूर्य का है। सूर्य आत्मसम्मान, उन्नति, प्रकाश का कारक है। जब सभी ग्रह सात स्थानों पर होते हैं, वीणा योग का संयोग बनता है। इससे गायन वादन और नृत्य में निपुणता आती है।
होलिका दहन का समय
रात्रि 8.58 से रात 12.05 बजे भद्रा का समय। भद्रा पूंछ का समय शाम 5.24 मिनट से शाम 6.25 मिनट तक रहेगा। भद्रा मुख का समय शाम छह बजकर 25 मिनट से रात आठ बजकर सात मिनट तक रहेगा।
होलिका भस्म से मिलेगा सौभाग्य
होलिका दहन इस बार फाल्गुन नक्षत्र में है। यह शुक्र का नक्षत्र है। जो जीवन में उत्सव, हर्ष, आमोद-प्रमोद, एश्वर्य का प्रतीक है। भस्म सौभाग्य और एश्वर्य देने वाला होता है। होलिका दहन में जौ और गेहूं के पौधे डालते हैं। शरीर में उबटन लगाकर उसके अंश भी डालते हैं। होली जलाने के बाद उसमें आलू, हरा चना पकाते और होरा खाते हैं।
इस तरह से करें होलिका पूजन
भगवान विष्णु पर पीला गुलाब, हल्दी, इत्र चढ़ाएं। हल्दी छिड़ककर स्नान करें और काला तिल, पांच लौंग, गोमती चक्र होलिका में डालें।
किस राशि के लिए कौन सा रंग शुभ
- मेष - पीला, लाल, नारंगी।
- वृष - नीला, काला, हरा।
- मिथुन - हरा, नीला।
- कर्क - पीला, लाल।
- सिंह - नारंगी, गुलाबी, पीला।
- कन्या - हरा, नीला।
- तुला - नीला, काला, हरा।
- वृश्चिक- लाल, पीला।
- धनु- पीला, लाल।
- मकर - काला, नीला।
- कुभ - काला, नीला।
- मीन - पीला, गुलाबी।