इलाज में लापरवाही पर अस्पताल पर सात लाख का जुर्माना
नवजात के इलाज में लापरवाही करने पर लाइफलाइन केयर मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल के डॉ. इंदू कालरा और संदीप कालरा को उपभोक्ता फोरम ने दोषी माना है।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर :
नवजात के इलाज में लापरवाही करने पर लाइफलाइन केयर मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल के डॉ. इंदू कालरा और संदीप कालरा को उपभोक्ता फोरम ने दोषी माना है। उन पर सात लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। जो 45 दिन के अंदर आठ फीसद ब्याज के हिसाब से देना होगा। वहीं, इस बारे में डॉ. संदीप कालरा ने कोई भी कमेंट करने से इन्कार कर दिया।
एचएसआइआइडीसी के फूड पार्क निवासी सुमित चौधरी की पत्नी नेहा चौधरी को दूसरी डिलीवरी पर लाइफ लाइन केयर मल्टीस्पेशियलिटी अस्पताल में दाखिल कराया
गया। 27 जून 2014 को नेहा चौधरी ने बेटी को जन्म दिया। जन्म के समय ही उसकी यूरिन लीकेज मिली। जिस पर डॉक्टर इंदू कालरा और संदीप कालरा ने उन्हें बताया कि यहां पर अच्छी सुविधाएं हैं। इसलिए नवजात का यही पर इलाज हो जाएगा। कई महीने तक नवजात का यहां पर इलाज चलता रहा, लेकिन उसकी हालत में सुधार नहीं हुआ। इसके बाद नवजात को पीजीआइ रेफर कर दिया गया। वहां पर एक माह तक बच्ची को रखा गया। डेढ़ माह बाद उन्हें बताया गया कि बलोअर की गलत तरीके से हवा नवजात बच्ची को दी गई है। इस वजह से ही हालत बिगड़ी है। इसकी बड़ी सर्जरी करनी पड़ेगी। बाद में नेहा चौधरी ने इस मामले में डॉक्टरों की लापरवाही को लेकर उपभोक्ता फोरम में याचिका दी थी। उपभोक्ता फोरम के चेयरमैन गुलाब सिंह, सदस्य गीता प्रकाश और डॉ. जवाहर लाल गुप्ता की बेंच के सामने सुनवाई हुई। जिसमें अस्पताल और डॉक्टरों को दोषी माना है। पीड़ित को इसके लिए सात लाख रुपये हर्जाना देने के आदेश दिए गए हैं।