एसडीएम बोले, लॉकडाउन हैंतो वाहन कैसे हो गए पार
सीमा पर लॉकडाउन का उल्लंघन करना चौकी इंचार्ज को भारी पड़ गया। समय करीब एक बजा था। दैनिक जागरण संवाददाता ने जिले की सीमा के अंतिम गांव गुमथला राव में लॉकडाउन की स्थिति का जायजा लिया।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : सीमा पर लॉकडाउन का उल्लंघन करना चौकी इंचार्ज को भारी पड़ गया। समय करीब एक बजा था। दैनिक जागरण संवाददाता ने जिले की सीमा के अंतिम गांव गुमथला राव में लॉकडाउन की स्थिति का जायजा लिया। राव गांव की गलियों में सन्नाटा पसरा था। कुछ दूरी तय करने के बाद इंकलाब मंदिर के सामने बनी चौकी पर चार जवान ड्यूटी पर तैनात थे। आने-जाने वालों से पूछताछ भी की जा रही थी। कुछ लोगों ने घरेलू मजबूरी का हवाला दिया। इस पर उनको चौकी इंचार्ज ने जाने की इजाजत दे दी। जैसे ये लोग अपने गंतव्य की ओर बढ़े, इसी दौरान एसडीएम कंवर सिंह व डीएसपी कुशलपाल दौरे पर आ गए। उन्होंने इन लोगों से पूछा कि वे कहां से आए और कहां जा रहे हैं? उनको आने कैसे दे दिया गया। इन लोगों को लेकर वे चौकी पर ही पहुंच गए। गाड़ी से उतरते ही एसडीएम व डीएसी दोनों ने चौकी इंचार्ज को तलब किया। यहां तक कह गए कि आप यहां बैठे किसलिए हैं। जब लॉकडाउन है तो वाहनों की आवाजाही कैसे हो रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि अधिकृत को छोड़कर कोई भी व्यक्ति जिले की सीमा को पर न करे। यदि कोई आता है तो उनको शेल्टर होम में भिजवाएं। प्रशासन की ओर से रादौर में शेल्टर होम बनाए हुए हैं। बाहरी लोगों को हर तरह की सुविधा दी जा रही है।
दिक्कत बीबी-बच्चों को है साहब
यमुनानगर-करनाल की सीमा पर रोके गए अमलोहा गांव से शामली जा रही राहुल व केतन ने कहा कि वे अमलोहा गांव में दिहाड़ी मजदूरी का करते हैं। उनको मालिक ने नहीं भेजा बल्कि अपनी मर्जी से जा रहे हैं। उनको किसी तरह की दिक्कत नहीं। दिक्कत बीबी बच्चों को है। वे बार-बार फोन कर रहे हैं। बेटा बीमार है।
यमुनानगर से पैदल चल दिए सोनीपत
सोनीपत के राम कुमार ने बताया कि वे यमुनानगर की एक फैक्टरी में काम करते हैं। अब फैक्टरी बंद हो गई है। उन्होंने घर जाना ही बेहतर समझा। यमुनानगर से सुबह पैदल चले थे। मजबूरीवश उनको घर जाना पड़ेगा। इस दौरान चौकी इंचार्ज ने उनको यहीं पर भोजन व अन्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने की बात कहीं, लेकिन उन्होंने लाचारी जाहिर की और जाने की बात कही।