Move to Jagran APP

25 से कम बच्चों वाले स्कूल होंगे समायोजित, शिक्षक विरोध में उतरे

जिन राजकीय स्कूलों में 25 से कम बच्चे पढ़ रहे हैं उन्हें शिक्षा विभाग ने दूसरे स्कूलों में समायोजित करने की तैयारी कर ली है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 26 Jul 2019 09:26 AM (IST)Updated: Fri, 26 Jul 2019 09:26 AM (IST)
25 से कम बच्चों वाले स्कूल होंगे समायोजित, शिक्षक विरोध में उतरे
25 से कम बच्चों वाले स्कूल होंगे समायोजित, शिक्षक विरोध में उतरे

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : जिन राजकीय स्कूलों में 25 से कम बच्चे पढ़ रहे हैं उन्हें शिक्षा विभाग ने दूसरे स्कूलों में समायोजित करने की तैयारी कर ली है। इन बच्चों को पढ़ने के लिए अब आसपास के गांवों के दूसरे स्कूलों में भेजा जाएगा। ग्रामीणों को चिता सताने लगी है कि वे अपने बच्चों को दूसरे गांव में पढ़ने के लिए कैसे भेजेंगे। उधर शिक्षक भी सरकार के इस फैसले के खिलाफ आ गए हैं। बृहस्पतिवार को उन्होंने बीईओ जगाधरी कार्यालय में मीटिग की। जिसमें सरकार के इस फैसले का विरोध किया गया। क्लस्टर इंचार्ज ने भेजी बीईओ को सूचना

loksabha election banner

मुख्यालय से कम बच्चों वाले स्कूलों को समायोजित करने का आदेश आने के बाद सभी कलस्टर इंचार्ज ने अपने क्षेत्र के ऐसे स्कूलों की सूचना बीईओ को भेजनी शुरू कर दी है। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय साबापुर के केंद्र अधीक्षक ने खंड शिक्षा अधिकारी जगाधरी को पत्र लिख कर कहा कि राजकीय प्राथमिक पाठशाला इशरपुर में इस वक्त 17 छात्र तथा राजकीय प्राथमिक पाठशाला बहरामपुर में 22 छात्र हैं जो कि 25 से कम हैं। इसलिए इशरपुर के स्कूल को राजकीय प्राथमिक पाठशाला रतनपुरा में तथा बहरामपुर के स्कूल को राजकीय प्राथमिक पाठशाला नया गांव में समायोजित किया जाए। इन दोनों स्कूलों में दो-दो टीचर हैं, उन्हें भी इन गांवों के स्कूलों ट्रांसफर किया जाएगा। टीचर बोले: स्कूल बंद करने के बारे में पूछा तक नहीं

इसी को लेकर राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ हरियाणा जिला यमुनानगर कार्यकारिणी की बैठक खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय जगाधरी में जिला प्रधान कुलवंत सिंह की अध्यक्षता में हुई। कुलवंत सिंह ने कहा कि हरियाणा सरकार दिन प्रतिदिन नए-नए तुगलकी फरमान जारी कर रही है। स्कूलों को समायोजित करने बारे में न तो विद्यालय प्रबंधन समिति की रजामंदी ली गई और न ही ग्राम पंचायत का अनुमोदन लिया गया। एकदम त्वरित कार्रवाई करते हुए स्कूलों को बंद करने का आदेश शिक्षा विभाग ने जारी कर दिया है। छोटे-छोटे बच्चे किस प्रकार दूसरे विद्यालय में जाएंगे। कई स्कूलों के बीच में नेशनल हाईवे, स्टेट हाईवे व रेलवे लाइन पड़ती है। वह किस प्रकार दूसरे स्कूलों में जा पाएंगे। उनके आने-जाने व विद्यालय में मौजूद अस्थाई कर्मचारियों के भविष्य के बारे में कोई निर्णय नहीं लिया गया। जिसकी राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ कड़ी निदा करता है। राज्य संयोजक जगजीत सिंह ने सरकार से मांग की है कि ऐसे स्कूलों को कम से कम एक वर्ष का समय दिया जाए ताकि ये अपने विद्यालय में छात्र संख्या बढ़ा सके और स्कूल को बंद होने से बचा सके। मौके पर जिला वरिष्ठ उपप्रधान ललित कांबोज, जिला चेयरमैन मुकेश शर्मा, जिला कोषाध्यक्ष राकेश सैनी, रादौर खंड प्रधान रोहताश लोहरा, जगाधरी खंड प्रधान यशपाल ठसका, बिलासपुर खंड प्रधान इशमा राम, सरस्वतीनगर खंड प्रधान बलविद्र सिंह, साढौरा प्रधान शीशपाल राठी, छछरौली खंड प्रधान अमित ढिल्लों, रजनीश कांबोज, शेखर चंद, महिपाल, प्रवीण कुमार, कर्ण सिंह, मोहन सिंह, मनोज प्रजापति, रामस्वरूप बापौली, रतन कश्यप मौजूद रहे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.