Move to Jagran APP

स्कूलों ने नहीं खर्ची तीन करोड़ की फेस लिफ्टिग ग्रांट, एडीसी ने मांगी रिपोर्ट

राजकीय स्कूलों में सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करने व अन्य कार्यों क

By JagranEdited By: Published: Sat, 12 Sep 2020 05:17 AM (IST)Updated: Sat, 12 Sep 2020 05:17 AM (IST)
स्कूलों ने नहीं खर्ची तीन करोड़ की फेस लिफ्टिग ग्रांट, एडीसी ने मांगी रिपोर्ट
स्कूलों ने नहीं खर्ची तीन करोड़ की फेस लिफ्टिग ग्रांट, एडीसी ने मांगी रिपोर्ट

राजेश कुमार , यमुनानगर :

loksabha election banner

राजकीय स्कूलों में सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करने व अन्य कार्यों के लिए शिक्षा विभाग ने स्कूल लिफ्टिग योजना के तहत तीन करोड़ 10 लाख रुपये की ग्रांट जारी की थी। यह ग्रांट 377 स्कूलों को दी गई थी। परंतु काफी स्कूलों ने अभी तक इस ग्रांट को स्कूल पर खर्च नहीं किया। राजकीय स्कूलों के प्रिसिपल व हेड मास्टरों द्वारा बरती जा रही इस लापरवाही को देखते हुए एडीसी ने जिला शिक्षा व बीईओ को सख्त से कार्रवाई के आदेश दिए हैं। साथ ही सभी कार्य 30 सितंबर तक पूरे करने के लिए कहा है। जो स्कूल समय पर काम पूरे नहीं करेंगे उनके मुखिया से 30 सितंबर के बाद सवाल जवाब होंगे। स्कूलों में उगी हैं लंबी झाड़ियां

कोरोना वायरस के कारण सभी राजकीय स्कूलों को मार्च में ही बंद कर दिया गया था। तब विद्यार्थियों व स्टाफ को स्कूल में आने की अनुमति नहीं थी। बाद में स्कूलों में लटके कार्यो और कामकाज को दुरुस्त रखने के लिए सारे स्टाफ को बुला लिया था। ताकि विभागीय कार्य प्रभावित न हो। इसके बावजूद कई स्कूलों के प्रिसिपल व अन्य स्टाफ ने स्कूलों को दुरुस्त रखने पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया। लंबे समय से स्कूल बंद होने के कारण यहां लंबी झाड़ियां उग चुकी हैं। ग्राउंड जंगल में तब्दील हो गए हैं। पानी की टंकियों में काई जम गई है। टंकियों में जो पानी महीनों से पड़ा था उसमें बदबू हो गई है। कई स्कूलों के हालत तो इतने बदतर हो गए हैं कि उन्हें देखकर ही नहीं लगता कि ये किसी स्कूल के हालात हैं। 3.10 करोड़ रुपये दिए थे स्कूलों को :

माध्यमिक तक के 329 स्कूलों को 70 हजार रुपये के हिसाब से दो करोड़ 30 लाख 30 हजार रुपये तथा 48 हाई व सीनियर सेकेंडरी स्कूलों को एक लाख 45 हजार रुपये के हिसाब से 69 लाख 60 हजार रुपये मार्च में दिए गए थे। यह ग्रांट इसलिए दी गई थी कि बाहर से आने वाले किसी भी व्यक्ति को ये महसूस हो कि स्कूल को बहुत ही सुंदर ढंग से सजाया गया है। इसके अलावा इससे स्कूलों की छोटी-मोटी मरम्मत, साफ सफाई, स्कूलों की दीवारों पर शिक्षाप्रद स्लोगन लिखवाने, रंग रोगन समेत अन्य कार्य कराए जाने थे। इस ग्रांट को खर्च करने से पहले व बाद में क्या अंतर आया इसकी फोटो भी खींच कर फाइल में लगानी थी। परंतु ऐसा नहीं हुआ। कई स्कूलों का कार्य निराशाजनक रहा। डिप्टी डीईओ ने किया 10 स्कूलों का निरीक्षण :

फेस लिफ्टिग ग्रांट पर एडीसी रणजीत कौर ने रिपोर्ट मांगी है। जिस पर कार्य करते हुए डिप्टी डीईओ एवं सर्व शिक्षा अभियान की जिला परियोजना समन्वयक सुमन बहमनी ने राजकीय स्कूल शादीपुर, रायपुर, ममीदी, हमीदा, चांदपुर, लेबर कालोनी, फर्कपुर, बैंक कालोनी, कांसापुर, नाहरपुर स्कूलों का दौरा किया। कई स्कूलों ने तो इस ग्रांट का बहुत अच्छा प्रयोग किया है। जबकि कुछ स्कूलों के भवन खस्ता हालत में मिले। सुमन बहमनी ने बताया कि कई स्कूल इंचार्ज ने लॉकडाउन के चलते कार्य शुरू नहीं करने की बात कही है। परंतु अब कोई बहाना नहीं चलेगा। सभी स्कूलों को समय पर कार्य पूरे करने को कहा है।

30 सितंबर तक का समय दिया है : रणजीत कौर

एडीसी रणजीत कौर का कहना है कि फेस लिफ्टिग ग्रांट की रिपोर्ट शिक्षा विभाग से मांगी है। जिन स्कूलों को यह ग्रांट मिली थी उन्हें 30 सितंबर तक सभी कार्य पूरे करने को कहा है। इसके बाद जो कार्रवाई होगी उसके लिए स्कूल इंचार्ज खुद जिम्मेदार होंगे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.