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बैंकों के नए नियमों में उलझी पांच हजार छात्रों की छात्रवृति

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : बैंकों के नए नियम से छात्रों की परेशानी बढ़ी हुई है। प्राइ

By JagranEdited By: Published: Mon, 17 Sep 2018 12:48 AM (IST)Updated: Mon, 17 Sep 2018 12:48 AM (IST)
बैंकों के नए नियमों में उलझी पांच हजार छात्रों की छात्रवृति
बैंकों के नए नियमों में उलझी पांच हजार छात्रों की छात्रवृति

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : बैंकों के नए नियम से छात्रों की परेशानी बढ़ी हुई है। प्राइमरी विद्यालयों में नए दाखिले लेने वाले छात्रों को छात्रवृत्ति नहीं मिल पा रही है, क्योंकि बैंकों ने अब हर खाते पर पैन कार्ड की अनिवार्यता लगा दी है। जिस वजह से अभिभावक इन छात्रों के खाते नहीं खुलवा पा रहे हैं। इसके साथ ही बैंकों की ओर से एक्टिवेट आधार कार्ड मांगे जा रहे हैं। बैंकों के इस नियम से अभिभावकों के साथ-साथ गुरुजी की भी टेंशन बढ़ी हुई है। विभाग की ओर से लगातार शिक्षकों से छात्रों की बैंक डिटेल मांगी जा रही है। शिक्षक लगातार अभिभावकों से इस बारे में संपर्क कर रहे हैं। शिक्षण सत्र लगभग आधा बीत चुका है, लेकिन राजकीय विद्यालयों में प्राइमरी कक्षाओं के छात्रों को छात्रवृत्ति नहीं मिल सकी है। इसका कारण बैंकों के लगाए गए नए नियम हैं। सबसे अधिक दिक्कत नए एडमिशन लेने वाले छात्रों को आ रही है। जिले में करीब पांच हजार छात्रों के नए दाखिले सरकारी स्कूलों में हुए हैं। सरकार की ओर से 650 रुपये के हिसाब से छात्रवृत्ति दी जाती है। अब सरकार ने इस छात्रवृत्ति के लिए छात्रों के बैंक खाते अनिवार्य किए हैं। इस अनिवार्यता की वजह से ही अब अभिभावकों व शिक्षकों की दिक्कत बढ़ी हुई है, क्योंकि बैंक अब हर खाते के लिए पैन कार्ड व आधार कार्ड मांग रहे हैं, जबकि इन प्राइमरी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों के अभिभावक पैन कार्ड के बारे में जानते तक नहीं है। नाममात्र की इस छात्रवृत्ति की वजह से अभिभावक भी पैन कार्ड बनवाने की जहमत नहीं उठा रहे हैं। शिक्षक लगातर उन्हें स्कूलों में खाता नंबर देने के लिए आग्रह कर रहे हैं।

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शिक्षकों पर भी दबाव :

छात्रों के खाता नंबर नहीं मिलने से शिक्षकों की भी परेशानी बढ़ी हुई है। विभाग की ओर से उन्हें छात्रों के खाता नंबर दिए जाने का दबाव बनाया जा रहा है। जबकि अभिभावक खाता नंबर नहीं दे रहे हैं। समय-समय पर अभिभावकों को बुलाया जाता है। कभी अभिभावक आ जाते हैं, तो कभी नहीं आते।

आधार कार्ड भी एक्टिवेट नहीं :

हजरस के जिला प्रधान सतपाल का कहना है कि छात्रों के नर्सरी व कक्षा एक में दाखिले हुए हैं। अधिकतर छात्रों के आधार कार्ड भी एक्टिवेट नहीं है। अभिभावकों से इस बारे में कहा जाता है, तो वह आधार कार्ड के केंद्रों पर लगने वाली भीड़ की वजह से नहीं जाते। दूसरा पैन कार्ड भी बनवाने में अभिभावक टेंशन नहीं ले रहे हैं। इसलिए सरकार को छात्रवृत्ति के बारे में कोई नए दिशा निर्देश जारी करने चाहिए। ताकि छात्रों को आसानी से छात्रवृत्ति मिल सके।


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