Move to Jagran APP

सरपंच बहू बदल रही गांव की तस्वीर, जीरो वेस्ट की दिशा में की अनूठी पहल

पढ़ी-लिखी सरपंच बहू गांव की तस्वीर बदल रही है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 19 Oct 2020 06:10 AM (IST)Updated: Mon, 19 Oct 2020 06:10 AM (IST)
सरपंच बहू बदल रही गांव की तस्वीर, जीरो वेस्ट की दिशा में की अनूठी पहल
सरपंच बहू बदल रही गांव की तस्वीर, जीरो वेस्ट की दिशा में की अनूठी पहल

नमो देव्यै, महा देव्यै

loksabha election banner

फोटो : 6, 7 जागरण संवाददाता, यमुनानगर : पढ़ी-लिखी सरपंच बहू गांव की तस्वीर बदल रही है। न केवल जीरो वेस्ट की दिशा में पहल की है बल्कि जल संरक्षण का भी संदेश दे रही है। यहां बात कर रहे हैं जगाधरी खंड की रतनगढ़ ग्राम पंचायत की। सरपंच रजनी कांबोज अंग्रेजी विषय में एमए पास है और पंचायत का पूरा काम स्वयं संभालती है। प्रशासन के सहयोग से अब वह कार्य भी कर दिया जोकि क्षेत्र की अन्य ग्राम पंचायतें नहीं कर पाई। सरपंच के प्रयासों से अब घर-घर से कचरा उठता है। इसके लिए छोटा ट्रैक्टर-ट्राली व कर्मचारियों की व्यवस्था की गई है। गांव में 250 घर हैं। कोई भी कचरा खुले में नहीं फेंकता।

रजनी का कहना है कि वह चाहती तो अच्छी नौकरी कर सकती थी, लेकिन मन में ग्रामीण विकास की भावना है। क्या है जीरो वेस्ट

जीरो वेस्ट का मतलब है गांव में किसी भी तरह कचरा यहां-वहां पड़ा हुआ नहीं मिलेगा। घर-घर से कचरा उठ रहा है। बाद में उसको छंटाई के लिए कचरा शेड में ले जाते हैं। यहां कर्मचारी अलग-अलग तरह के कचरे की छंटाई करता है। जैविक कचरे से खाद तैयार की जा रही है और कांच, प्लास्टिक व गत्ते आदि को बेच दिया जाता है। ओडीएफ प्लस की तैयारी भी कर रही है। जिसके तहत सामूहिक शौचालय बनाएंगे ताकि श्रमिक, घूमंतु या गांव में किसी भी कार्य के लिए बाहर से आए लोग खुले में शौच न जाएं। सरपंच रजनी कांबोज का कहना है कि जिस प्लास्टिक कचरे का पुन: प्रयोग किया जा सकता है। उसको प्लास्टिक अपशिष्ट पुन: नवीनीकरण करने वाली यूनिट के पास भेजा जाएगा। सरकार के निर्देश अनुसार कचरा प्लास्टिक अपशिष्ट भवन एवं सड़क निर्माण विभाग के अधिकृत वेंडर सड़क एवं भवन निर्माण में प्रयोग कर सकते हैं। इसके सरकार पूरी तरह प्रयासरत है। इस मिशन को पूरा करने के लिए हम सभी का सहयोग जरूरी है। इसके अलावा दूसरी किस्म के वेस्ट से भी हम बेस्ट तैयार कर सकते हैं। सरपंच रजनी कांबोज ने बताया कि गांव में पानी की निकासी की बड़ी समस्या थी। इसको दूर करने के लिए ग्राम पंचायत ने सिचेवाला पद्धति को अपनाया। तालाब से पहले तीन टैंक बने हुए हैं। इनसे साफ होकर ही पानी तालाब तक जाता है। तीसरे पोंड में पानी बिल्कुल साफ हो जाता है। इसमें मत्स्य पालन भी किया जा सकता है। पानी की मात्रा अधिक होने की स्थिति में फसल की सिचाई भी की जा सकती है। एक बड़ा काम और पंचायत स्तर पर किया गया है। गांव में किराया स्टेज बनवाया। छोटा सा गांव होने के बावजूद कुरुक्षेत्र, करनाल व यमुनानगर डीपो की बस यहां रुकती है। गांव के नाम से टिकट बनती है। इससे आसपास के गांवों को भी सुविधा हुई है। सराहनीय प्रयास

स्वच्छ भारत मिशन के जिला कार्यक्रम प्रबंधक बलिद्र कटारिया का कहना है कि स्वच्छता के क्षेत्र में रतनगढ़ ग्राम पंचायत ने अनूठी पहल की है। यह सराहनीय है। दूसरी ग्राम पंचायतों को भी प्रेरणा लेनी चाहिए। सरकार का प्रयास है कि सभी ग्राम पंचायतों में ऐसी व्यवस्था हो। इस योजना के तहत कार्य भी किया जा रहा है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.