मर रहे लोग, सो रहा प्रशासन, सड़कों की खामियां नहीं हो रही ठीक
एक बार फिर रोड सेफ्टी की बैठक में रोड इंजीनियरिग की खामियों का मुद्दा हावी रहा।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : एक बार फिर रोड सेफ्टी की बैठक में रोड इंजीनियरिग की खामियों का मुद्दा हावी रहा। बुधवार को एक ही दिन में पांच लोगों को सड़क हादसे में मौत हो गई। यह सभी रोड इंजीनियरिग की खामियों की वजह से हुई। कहीं रोड टूटा है तो कहीं पर रोड बन रहा है। वहां पर न तो कोई साइन बोर्ड लगाया न ही अवैध कटों को बंद किया। इससे सड़क हादसे में होने वाली मौतों का आंकड़ा बढ़ रहा है। बता दें कि वर्ष 2009 में बढ़ते हादसों को देखते हुए कोर्ट सभी जिला अधिकारियों को हर माह रोड सेफ्टी की बैठक कर समाधान कराने के आदेश दिए थे। प्रशासन कोर्ट में अच्छी सुविधा की एफिडेविट भी देता है। ये हैं हादसों की मुख्य वजह
1. बाईपास पर ओवरब्रिज नहीं
कैल से कलानौर जाने वाले बाईपास पर न तो ओवरब्रिज है और न ही अंडर पास। इस वजह से हर रोज कोई न कोई हादसा यहां हो रहा है। लोगों ने मांग उठाई, लेकिन एनएचएआइ ने हाईवे पर अंडरपास या ओवरब्रिज नहीं बनाया। बजट अधिक होने की बात कहकर हाथ खड़े कर दिए। रोड सेफ्टी की बैठक में हाईवे पर कैट आई, रेड लाइट व रिबल स्टैप बनाने का प्रस्ताव रखा गया। इस पर भी कोई काम नहीं हुआ। 2. सेक्टर 17 से मटका चौक
सेक्टर 17 से सीधे मटका चौक पर रोड निकलती है। यह रोड पूरी तरह से टूटी पड़ी है। मीटिग में इस रोड को ठीक कराने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन कोई काम नहीं हुआ। यदि यह रोड ठीक हो जाए, तो ट्रैफिक का दबाव कम होगा। 3. अवैध कट ज्यों के त्यों
रेलवे रोड, कमानी चौक से विश्वकर्मा चौक तक जाने वाले रोड पर जगह-जगह अवैध कट बने हैं। सहारनपुर रोड पर भी यही स्थिति है। यहां पर कोई भी अवैध कट बंद नहीं कराया गया, लोग बीच से निकलते हैं। इससे हादसे होते हैं। 4. टूटा जिमखाना रोड
सेक्टर 17 से जगाधरी रोड पर जाने वाली सड़क भी जगह-जगह टूटी पड़ी है। इस पर जाम लगता है। यदि यह सड़क ठीक हो जाए, तो बाहर की सड़क पर ट्रैफिक का दबाव कम हो जाएगा।
5. ओवरलोड वाहन बढ़ा रहे मुश्किल
खनन सामग्री लेकर डंपर और ट्रक चलते हैं। अधिकतर हादसे इनकी वजह से हो रहे हैं। डंपर व ट्रक की चपेट में अधिकतर बाइक सवार आ रहे हैं। ये हैं ब्लैक स्पॉट : विश्वकर्मा चौक, खानचंद, पांसरा सहारनपुर रोड, दुसानी रोड, नाका जोडिया, टोल प्लाजा दामला, औरंगाबाद, त्रिवेणी चौक रादौर, बस अड्डा यमुनानगर, रक्षक विहार नाका, कैल, हरनौली बिलासपुर रोड, बिलासपुर साढौरा रोड पर पुल, गुलाबनगर चौक जगाधरी, दामला बस स्टैंड, ट्रैफिक पार्क के पास, कमानी चौक, रेलवे ओवरब्रिज, टी प्वाइंट सेक्टर 17, गाबा अस्पताल के सामने, टी प्वाइंट कचहरी रोड, टी प्वाइंट सिविल लाइन, टी प्वाइंट पीरूवाला, दोसड़का रोड कालाआंब के पास, अधौया मोड छप्पर, बस स्टैंड छप्पर, सबलपुर, गधौला, भंभौली, कैल गुरूद्वारा के पास, सुढ़ैल, हरनौल नया बाइपास रोड, करेहडा खुर्द नया बाइपास,अग्रसेन चौक, पंजेटा गांव, चूहडपुर पौंटा रोड, मानकपुर पोंटा रोड, अराइयांवाला, नाका ताजेवाला, त्रिवेणी चौक छछरौली, मानकपुर मोड़, मेहलावाली पाबनी, बिलासपुर रोड जेल के पास, टी प्वाइंट पुराना छछरौली रोड। सड़कों पर बरम और टूटे डिवाइडर
बिलासपुर रोड पर जगह-जगह बरम नहीं है। इससे अकसर बाइक फिसलने के कारण हादसे होते हैं। इस रोड पर एक माह में चार हादसे हो चुके हैं, लेकिन यह खामी ठीक नहीं कराई गई। इसी तरह से कमानी चौक से विश्वकर्मा चौक पर डिवाइडर टूटे हैं। साइन बोर्ड तक नहीं हैं। कमानी चौक पर लगी लाइटें भी अक्सर बंद रहती हैं। नए बाईपास पर फौजी की सड़क हादसे में मौत के बाद भी रोड इंजीनियरिग की खामी और पुलिस की लापरवाही का मामला गूंजा, लेकिन अभी तक वहां भी कोई काम नहीं हो सका है। आम ही नहीं खास भी गुजरते हैं यहां से
जिन सड़कों पर अधिकारियों की सुस्ती के कारण लोगों की मदद हो रही इनसे प्रदेश के मुखिया मनोहर लाल खट्टर, स्पीकर कंवरपाल, केंद्रीय मंत्री रतन लाल कटारिया, कैबिनेट मंत्री कर्णदेव कंबोज के अलावा विधायक, चेयरमैन और अधिकारी भी गुजरते हैं। बावजूद इसके इस दिशा में काम होता नजर नहीं आ रहा। जिम्मेदारी बनती है अधिकारियों की : एडवोकेट बृजेश
जब अधिकारी पब्लिक की बात नहीं सुने तो यूटिलिटी कोर्ट में एक आवेदन के माध्यम से केस दायर कर सकते हैं। इस कोर्ट के फैसले की अपील भी हाईकोर्ट में होती है। बार के पूर्व प्रधान एडवोकेट बृजेश प्रताप का कहना है कि यदि एक ही स्थान पर बार-बार हादसा हो रहा है। या किसी विभाग की कमी से हादसा हो रहा है। इसमें धारा 304ए के तहत केस दर्ज हो सकता है यदि पुलिस कार्रवाई नहीं करे तो 156 (3) कोर्ट के माध्यम से केस दायर किया जा सकता है। हकों के लिए आम नागरिक को जागरूक होना पड़ेगा, तभी जागरूकता आएगी।
कोट्स :
रोड सेफ्टी को लेकर संबंधित अधिकारियों के साथ मीटिग हुई थी। कैल कलानौर बाइपास पर आरएसए सर्वे करेंगे। इसके आधार पर जहां-जहां कैट आइ, रेड लाइट व रिबल स्टेप बनाने की जरूरत है, वह बनाए जाएंगे। इसके अलावा शहर के बीच से निकल रही टूटी सड़कों को ठीक करवाने के लिए भी पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को बोला गया है। रोड सेफ्टी से जुड़े अधिकतर कार्य उनके ही अंडर आते हैं। जहां-जहां ब्लैक स्पॉट हैं। उन पर भी कार्य करवाया जाएगा।
प्रशांत पंवार, एडीसी