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मेरी सुरक्षा मेरी •िाम्मेदारी अभियान को सफल बनाने के लिए हम सब को प्रयास करना होगा : रंजन

बच्चों की सुरक्षा किस तरह हम मजबूत कर सकते हैं। अगर किसी के साथ अनहोनी हो जाए तो न्याय पाने की प्रक्रिया क्या है। बच्चों को हम कैसे सचेत कर सकते हैं। न्याय पाने की सरल प्रक्रिया क्या होती है? बच्चों की सुरक्षा को लेकर संवाददाता अवनीश कुमार ने महिला एवं बाल विकास विभाग के लीगल आफिसर रंजन शर्मा से बातचीत की।

By JagranEdited By: Published: Mon, 07 Oct 2019 06:30 AM (IST)Updated: Mon, 07 Oct 2019 06:30 AM (IST)
मेरी सुरक्षा मेरी •िाम्मेदारी अभियान को सफल बनाने के लिए हम सब को प्रयास करना होगा : रंजन
मेरी सुरक्षा मेरी •िाम्मेदारी अभियान को सफल बनाने के लिए हम सब को प्रयास करना होगा : रंजन

बच्चों की सुरक्षा किस तरह हम मजबूत कर सकते हैं। अगर किसी के साथ अनहोनी हो जाए तो न्याय पाने की प्रक्रिया क्या है। बच्चों को हम कैसे सचेत कर सकते हैं। न्याय पाने की सरल प्रक्रिया क्या होती है? बच्चों की सुरक्षा को लेकर संवाददाता अवनीश कुमार ने महिला एवं बाल विकास विभाग के लीगल आफिसर रंजन शर्मा से बातचीत की

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पोक्सो एक्ट 2012 को जिला में कैसे लागू किया जा रहा है ?

उपायुक्त के मार्गदर्शन में जिला में हर पोक्सो केस को काफी बारीकी से देखा जाता है। हर केस को गहनता से लिया जाता है। जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास द्वारा बैठकों के माध्यम से हर केस का फॉलोअप लिया जाता है। इस समय हर माह औसतन 10 केस पोक्सो एक्ट के अंतर्गत विभिन्न थानों में दर्ज हो रहे हैं। इस समय जिला में कुल 106 केस विभिन्न अदालतों में चल रहे हैं।

विभाग मेरी सुरक्षा मेरी •िाम्मेदारी प्रोग्राम चला रहा है, इसके बारे में बताए?

विभाग ने यह प्रोग्राम शुरू किया है, जिसमें सभी आंगनबाड़ी में पोक्सो एक्ट की जागरूकता की जाएगी। सभी संबंधित विभागों को साथ लेकर इस अभियान को चलाया जाएगा। जिला बाल संरक्षण इकाई जल्द इस अभियान की शुरुआत करेगा

रेस्क्यू ऑपरेशनस में किन किन विभागों की सहभागिता रहती है?

विभिन्न प्रकार के रेस्क्यू ऑपरेशंस में जिला बाल कल्याण समिति, पुलिस विभाग, लेबर विभाग ,चाइल्ड हेल्पलाइन एवं विभिन्न समाज सेवी संस्थाएं की सहभागिता एवं सहयोग रहता है।

जब भी कोई केस रिपोर्ट होता है तो जिला बाल संरक्षण इकाई द्वारा क्या कार्रवाई अमल में लाई जाती है?

केस रिपोर्ट होते ही सबसे पहले एक टीम गठित की जाती है, जिसके बाद टीम विभिन्न विभागों के साथ मिलकर मौके पर जाती है। वहां पहले रेकी की जाती है, फिर रेड होती है। बच्चे को रेस्क्यू कर बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया जाता है, जो बच्चे के हित को ध्यान में रखते हुए फैसला करते हैं, जिसके पश्चात बच्चे का मेडिकल कराया जाता है। बच्चे को अग्रिम फैसले तक बाल गृह में रखा जाता है।

जिन पोक्सो एक्ट केसों में अपराधी को बरी किया जाता है, उन केसों में आगे कोई कार्रवाई की जाती है?

जी बिलकुल जिला न्यायवादी के अपने कमेंट से जिन केसों को फिट फॉर अपील किया जाता है, उन केसों को उपयुक्त के माध्यम से उच्च न्यायालय में अपील फाइल की जाती है पिछले एक साल में पांच केसों में यह अपील की जा चुकी है, जिला कार्यक्रम अधिकारी ने समय-समय पर सभी संबंधित विभागों की मीटिग की जाती है, ताकि अच्छा तालमेल बना रह सके और हर केस पर न•ार रखी जा सके।

महिला एवं बाल विकास विभाग ने वन स्टॉप सेंटर शुरू किया है, वह क्या है?

उपायुक्त ने वन स्टॉप सेंटर लाल द्वारा के पास खोला है। घरेलू हिसा, दुष्कर्म पीड़ित, गुमशुदा, दहे•ा उत्पीड़न, एसिड अटैक आदि पीड़ित महिलाओं को पांच दिनों के लिए रहने एवं अन्य सभी प्रकार की सुविधा प्रदान की जाएगी।


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