बरसात से खेतों में बिछी धान की फसल
प्रकृति की मार फसलों पर पड़ने से किसानों की परेशानी बढ़ गई है। पकी हुई धान की फसल तेज बरसात की वजह से खेतों में बिछ गई। मौसम अभी खराब चल रहा है। यदि और बरसात हुई तो पकी फसल में बालियों में दाने खराब होने का खतरा पैदा हो जाएगा।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : प्रकृति की मार फसलों पर पड़ने से किसानों की परेशानी बढ़ गई है। पकी हुई धान की फसल तेज बरसात की वजह से खेतों में बिछ गई। मौसम अभी खराब चल रहा है। यदि और बरसात हुई तो पकी फसल में बालियों में दाने खराब होने का खतरा पैदा हो जाएगा।
अचानक तेज बरसात से नुकसान का खतरा पैदा हो गया। अब चूंकि अधिकतर खेतों में धान की कम अवधि में पकने वाली फसलें पक चुकी हैं, तो कुछ अधपकी हैं। ऐसे खेतों में फसल जमीन पर बिछने से दानों में पूरी तरह से भराव नहीं हो पाएगा।
किसानों ने बताया कि पकी फसल गिरने व खेत में पानी भरने से नुकसान होगा। जिले के प्रगतिशील किसान सुभाष ने बताया कि उनसे 14 एकड़ धान की फसल लगाई है। इसमें 10 एकड़ जमीन ठेके पर ली है। उसकी फसल जमीन पर बिछ गई। फसल कटाई में भी दिक्कत होगी। नीचे गिरी फसल की कटाई मुश्किल हो जाती है।
खराब मौसम से ¨चता में किसान
हरिराम, राजेश, प्रवीण, साहब ¨सह, धर्म ¨सह, रोहताश व रामपाल ने कहा कि फसल गिरने से काफी नुकसान होगा। उन्होंने अधिक खर्च कर व मेहनत कर फसल तैयार की थी। खराब मौसम ने उन्हें ¨चता में डाल दिया है। बरसात ने किसानों के अरमानों पर पानी फेरने का काम किया है।
प्राकृति के इस खेल से धान की फसल को बचाना मुश्किल
किसानों ने बताया कि प्रकृति के इस खेल में धान की पकी फसल को बचाना मुश्किल हो गया है। कम समय में अधिक बरसात होना गंभीर ¨चता का विषय बन गया। यदि और बरसात हुई तो किसानों के लिए संकट की स्थिति पैदा हो सकती है।
सड़कों-गलियों में भरा पानी
तेज बरसात से शहर की सड़कों व गलियों में जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई। कॉलोनियों व सेक्टर क्षेत्र में भी पानी निकासी के इंतजामों की पोल खुल गई। हालत यह है कि जरा सी बरसात से ही सड़कों पर पानी जमा हो जाता है। इससे न केवल सड़क को नुकसान होता है, बल्कि राहगीर भी परेशान हो गए हैं। इससे सुबह के समय लोगों की दिनचर्या भी कुछ देर के लिए प्रभावित हुई। अनियमित कालोनियों के कच्चे रास्तों में तो कीचड़ बन गया। पानी निकासी के इंतजाम नहीं होने से कालोनियों के बा¨शदे परेशान हो गए हैं। वर्जन
इस बारे में जब कृषि उपनिदेशक डॉ. सुरेंद्र ¨सह यादव से बात की गई तो उन्होंने बताया कि पानी भर जान के कारण किसान निकासी की व्यवस्था करें। मौसम के अनुकूल होने पर ही फसल की कटाई किसान करें।
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बरसात आने से किसानों का हुआ भारी नुकसान : अनाज मंडी बेहाल
सरस्वती नगर : बरसात से किसानों का भारी नुकसान हुआ। अनाज मंडी सरस्वती नगर में शेड ना होने की वजह से खुले आसमान के नीचे पड़े धान को बेचने के लिए आढ़तियों में भगदड़ मची रही। उन्होंने जैसे कैसे तरपाल ढक कर काम चलाया फिर भी थोड़ा बहुत धान तो भीग ही गया। आढ़तियों का कहना है कि यह हर सीजन की समस्या है, जिसका सरकार कोई स्थाई हल नहीं कर रही । इस बरसात के बाद अनाज मंडी की यह हालत है कि यहां कोई पैदल जा नहीं सकता। मंडी की मुख्य रोड पर पानी भर गया, जिसकी वजह से रास्ता बाधित हो गया। आढ़तियों व किसानों की मांग है कि हर वर्ष करीब 2 करोड रुपए जमा करने वाली मंडी में सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए।
उधर इस बरसात के आने से जो धान की कटाई का फ्लो बना था वह कुछ दिन के लिए बंद हो गया। जो धान खेतों में कटा पड़ा था वह भीग गया। क्षेत्र के किसानों प्रेमचंद, ओम प्रकाश गुर¨वदर ¨सह, गुरमेल ¨सह, मामराज ने कहा की अगर यूं ही बरसात चलती रही तो यह धान बिल्कुल खराब हो जाएगा। सारण के किसानों श्याम लाल, दीपक, सुरेश ने कहा कि बताया कि उन्होंने जो आलू लगाए थे वह बिल्कुल बर्बाद हो गए, जिस पर 25,000 रुपए प्रति एकड़ करीब खर्च आया था।