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नींद से जागा रेलवे विभाग, रेलवे कॉलोनी के जर्जर क्वार्टरों की कराएगा मरम्मत

रेलवे कॉलोनी के सरकारी क्वार्टरों की मरम्मत कराने के लिए रेलवे विभाग नींद से जाग गया है। क्वार्टरों की मरम्मत के लिए रेलवे ने 2.57 करोड़ रुपये का बजट जारी किया है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 14 Mar 2020 07:00 AM (IST)Updated: Sat, 14 Mar 2020 07:00 AM (IST)
नींद से जागा रेलवे विभाग, रेलवे कॉलोनी के जर्जर क्वार्टरों की कराएगा मरम्मत
नींद से जागा रेलवे विभाग, रेलवे कॉलोनी के जर्जर क्वार्टरों की कराएगा मरम्मत

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : रेलवे कॉलोनी के सरकारी क्वार्टरों की मरम्मत कराने के लिए रेलवे विभाग नींद से जाग गया है। क्वार्टरों की मरम्मत के लिए रेलवे ने 2.57 करोड़ रुपये का बजट जारी किया है। क्वार्टरों की छतों, खिड़की व दरवाजों की मरम्मत का कार्य अगले 10 माह में पूरा होगा। यदि क्वार्टरों की छतों से पानी टपकना बंद हो गया तो इससे रेलवे के चार हजार से ज्यादा कर्मचारियों के अलावा उनके परिजनों को फायदा होगा। वहीं टूटी सड़कों की मरम्मत भी कराई जाएगी। बरसात होते ही टपकने लगती है छत :

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जैसे ही आसमान से बारिश की चार बूंदें गिरती हैं तो रेलवे कॉलोनी के क्वार्टरों में रहने वाले कर्मचारियों की रातों की नींद उड़ जाती है क्योंकि क्वार्टर 50 साल से ज्यादा पुराने हैं। देखरेख के अभाव में जर्जर होने लगे हैं। छतों में दरारें हो गई हैं। रेलवे कॉलोनी के हालात ऐसे हैं कि कर्मचारियों को छत से टपकने वाले पानी से बचने के लिए नीचे बर्तन रखने पड़ते हैं। पानी से कर्मचारियों का काफी सामान तो खराब भी हो चुका है। पानी का रिसाव होने से क्वार्टरों में करंट तक आ जाता है। कुछ साल पहले एक कर्मचारी की करंट लगने से मौत हो गई थी। प्रधानमंत्री को भी पत्र लिख चुके हैं कर्मचारी :

रेलवे कर्मचारी देव शंकर गत पांच वर्षों से लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व रेल मंत्री को क्वार्टरों की जर्जर हालत के बारे में पत्र लिख रहे हैं। इसके अलावा उन्हें ट्वीट भी किया। उन्हें बताया गया कि रेलवे क्वार्टर गिरने की कगार पर हैं। इनमें करंट आता है। सांप, बिच्छू हर वक्त घरों में निकलते रहते हैं। हर वक्त छत से मलबा गिरता रहता है। रेलवे कर्मचारी अपनी जान जोखिम में डालकर इनमें रहते हैं। उत्तर रेलवे कर्मचारी यूनियन के सचिव सुरेंद्र राणा व कारखाना रेल मंत्री अशोक गुप्ता का कहना है कि क्वार्टरों की हालत बहुत खराब है। अब क्वार्टर दोबारा बनाने के हो गए हैं। बरसात से पहले क्वार्टरों की मरम्मत कराई जाए। दैनिक जागरण ने उठाया था मामला :

दैनिक जागरण ने हाल-ए-रेलवे कॉलोनी के नाम से यहां के जर्जर क्वार्टरों व अन्य समस्याओं को प्रकाशित किया था। जिसके बाद तत्कालीन विधायक श्याम सिंह राणा व अन्य नेताओं ने कॉलोनी का दौरा किया था। उन्होंने कॉलोनी की मरम्मत बारे रेल मंत्री से मिलने की बात कही थी। बजट जारी होने में ही इतना समय लग गया। 2 करोड़ 57 लाख 66503 लाख रुपये से क्वार्टरों की मरम्मत होगी और खिड़की, दरवाजे बदले जाएंगे।


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