पीडब्ल्यूडी की लापरवाही, सड़क के बरम पर खड़े कर दिए बिजली के पोल
निर्माणाधीन जगाधरी-बिलासपुर स्टेट हाईवे किनारे खड़े किए गए प
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : निर्माणाधीन जगाधरी-बिलासपुर स्टेट हाईवे किनारे खड़े किए गए पोल वाहन चालकों के लिए हादसों का कारण बन गए हैं। अब तक कई वाहन इनसे टकरा चुके हैं। पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारियों की यह लापरवाही किसी दिन बड़े हादसे का कारण बन सकती है। क्योंकि ज्यादातर पोल उस जगह पर खड़े कर दिए हैं जहां पर सड़क का बरम है। यदि कोई चालक वाहन को सड़क से नीचे उतारता भी है तो सीधे पोल से टकरा जाएगा। डेढ़ करोड़ रुपये था पोल हटाने का बजट
जगाधरी से बिलासपुर तक 12 किलोमीटर लंबी सड़क के दोनों तरफ खड़े सैकड़ों पोल को हटाने के लिए बिजली निगम ने डेढ़ करोड़ रुपये का एस्टीमेट बनाया था। जिस ठेकेदार द्वारा सड़क को चौड़ा किया जा रहा है उसे ही पोल भी हटाने का ठेका दिया गया था। परंतु ठेकेदार ने लापरवाही बरतते हुए जहां देखा वहीं पोल लगा दिए। भेड़थल, महमूदपुर, हरनौली समेत कई जगहों पर पोल बिल्कुल सड़क किनारे खड़े कर दिए। जबकि ये सड़क के साथ एक मीटर बनने वाले बरम से दूर होने चाहिए थे। डेढ़ करोड़ रुपये खर्च कर भी पोल सड़क किनारे ही खड़े कर दिए। जबकि जिस दिन से सड़क को चौड़ा करने का काम शुरू हुआ है पीडब्ल्यूडी का एक कर्मचारी रोजाना मौके पर खड़ा होता है। जिससे पता चलता है कि विभाग के कर्मचारी भी इसके लिए जिम्मेदार हैं। 10 मीटर चौड़ी हो रही है सड़क :
फिलहाल स्टेट हाईवे की चौड़ाई फिलहाल सात मीटर है। जिस पर 15 करोड़ रुपये खर्च कर पीडब्ल्यूडी इसकी चौड़ाई को 10 मीटर कर रहा है। डेढ़-डेढ़ मीटर सड़क दोनों तरफ बनेगी। सड़क के दोनों तरफ एक-एक मीटर का बरम बनेगा। 29 सितंबर 2016 को सीएम मनोहर लाल ने अग्रसेन चौक पर हुए कार्यक्रम में रक्षक विहार नाके से लेकर बिलासपुर रोड को चौड़ा करने का शिलान्यास किया था। परंतु लेटलतीफी के चलते इसका निर्माण कार्य सितंबर 2019 में शुरू हुआ था। पीडब्ल्यूडी ने ही पोल लगाए हैं : योगराज
बिजली निगम के एसई योगराज का कहना है कि निगम ने एस्टीमेट की केवल डेढ़ फीसद राशि ही पीडब्ल्यूडी से ली थी। यह पोल पीडब्ल्यूडी के इलेक्ट्रिकल विग ने लगाए हैं। निगम का काम केवल सुपरविजन करना है। पोल सड़क के पास लगे हैं या दूर इसके लिए पीडब्ल्यूडी के अधिकारी जिम्मेदार हैं।