कार्रवाई में ढील बरतने पर चौकी प्रभारी को छुट्टी पर भेजा, एसआइटी गठित
संघ कार्यकर्ता की बेटी की तलाश में पुलिस की अलग-अलग टीमें लगी हुई हैं।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर :
संघ कार्यकर्ता की बेटी की तलाश में पुलिस की अलग-अलग टीमें लगी हुई हैं। पुलिस ने उत्तर प्रदेश के कैराना और थानाभवन में भी उनकी तलाश की। बताया जा रहा है कि उनकी लोकेशन यहां भी मिली थी। इस एरिया में भी लड़के ने कई बार बात की है। हालांकि अभी तक पुलिस के हाथ खाली हैं। वहीं दूसरी ओर हमीदा चौकी प्रभारी को कार्रवाई में ढील बरतने पर पांच दिन के अवकाश पर भेज दिया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी ने बिलासपुर डीएसपी अशीष चौधरी के नेतृत्व में एसआइटी का गठन किया। इस टीम में सीआइए टू, महिला थाना प्रभारी और साइबर टीम को शामिल किया गया है। चौधरी ने अफवाह पर ध्यान नहीं देने की बात कही है। इस तरह के लोगों पर पुलिस की नजर बनी हुई है। हमीदा में फिलहाल पुलिस बल तैनात है। अधिकारी पल-पल की स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। डीएसपी हेडक्वार्टर सुभाष चंद ने बताया कि हमारी टीमें लड़की और लड़के की तलाश में लगी है। उत्तर प्रदेश में भी टीमें गई थी। चौकी प्रभारी अमरीक सिंह को हटाकर शमशेर सिंह को लगाया गया है। अमरीक फिलहाल पांच दिन के अवकाश पर हैं।
दस जून को संघ कार्यकर्ता की बेटी का अपहरण हुआ था। आरोप हमीदा के ही नबील पर लगा। पुलिस ने नबील पर अपहरण का केस दर्ज किया। इसके साथ ही नबील की बहन नाबिया, उसके दोस्त परवेज और जावेद पर उसका सहयोग करने का आरोप लगाया था। सभी पर केस दर्ज हो रखे हैं। इस बीच संघ कार्यकर्ता की बेटी के दस्तावेज सामने आए। इसमें उसने हाईकोर्ट में प्रोटेक्शन के लिए याचिका दाखिल की। इन दस्तावेजों के मुताबिक, दस जून को उसने नबील से पिजौर में निकाह कर लिया है। इस मामले में 17 जून को सुनवाई होनी है। पुलिस की आठ टीमें लगी तलाश में
संघ कार्यकर्ता से यह मामला जुड़ा होने की वजह से चर्चाओं में है। यहां तक कि एडीजीपी आलोक राय को यमुनानगर आना पड़ा। इसके बाद से ही अंबाला, कुरुक्षेत्र और यमुनानगर की टीमें लड़की की तलाश में लगी हैं। उत्तर प्रदेश में भी कई जगहों पर पुलिस ने दबिश दी, लेकिन अभी तक उनका कोई पता नहीं लग सका। हमीदा चौकी इंचार्ज बदले
इस प्रकरण में शुरू से ही हमीदा चौकी इंचार्ज अमरीक सिंह पर सवाल उठ रहे थे। बेटी के पिता ने आरोप लगाया था कि यदि पुलिस उनकी शिकायत पर तुरंत कार्रवाई करती, तो आरोपित पकड़े जाते। बताया जा रहा है कि इस प्रकरण के बाद से अमरीक सिंह अधिकारियों की निगाह में चढ़े हुए थे। उन्हें फटकार भी लगी है। अब उन्हें पांच दिन की छुट्टी पर भेजा गया है।