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पुलिस ने सील नहीं की मशीनें, विरोध में ग्रामीणों ने धरना दिया तो अधिकारियों ने निकाली चाबी

गुमथला में अवैध खनन में लगी जिन तीन पोक लाइन मशीनों को ग्रामीणों ने पकड़ा था उन्हें पुलिस ने मौके पर पहुंच कर भी सील नहीं किया। इससे गुस्साये ग्रामीण यमुना नदी के किनारे ही टैंट लगाकर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 17 Sep 2018 08:50 PM (IST)Updated: Mon, 17 Sep 2018 08:50 PM (IST)
पुलिस ने सील नहीं की मशीनें, विरोध में ग्रामीणों ने धरना दिया तो अधिकारियों ने निकाली चाबी
पुलिस ने सील नहीं की मशीनें, विरोध में ग्रामीणों ने धरना दिया तो अधिकारियों ने निकाली चाबी

संवाद सहयोगी, रादौर : गुमथला में अवैध खनन में लगी जिन तीन पोक लाइन मशीनों को ग्रामीणों ने पकड़ा था उन्हें पुलिस ने मौके पर पहुंच कर भी सील नहीं किया। इससे गुस्साये ग्रामीण यमुना नदी के किनारे ही टैंट लगाकर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए हैं। ग्रामीणों ने प्रशासन व पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की। मामले की सूचना मिलने पर डीएसपी रादौर अजय राणा, थाना जठलाना प्रभारी रमेश कुमार, खनन विभाग के इंस्पेक्टर ओमदत्त शर्मा मौके पर पहुंचे। इसके बाद अधिकारियों ने अवैध खनन कर रही तीनों मशीनों को मौके पर सील कर उसकी चाबी थाना प्रभारी को सौंपी।

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ग्रामीणों ने घोषणा की कि यदि भविष्य में किसी भी घाट पर अवैध खनन हुआ तो ग्रामीण उसे होने नहीं देंगे और उसका विरोध करेंगे। खनन विभाग की ओर से किसानों को आश्वासन दिया गया कि गुमथला, गुमथलराव व नगली घाट पर चल रहे खनन कार्यों को नियमानुसार होने दिया जाएगा। नियमों का उल्लंघन करने पर खनन कार्य नहीं होने दिया जाएगा। जिसके बाद ग्रामीणों ने अपना धरना प्रदर्शन समाप्त कर दिया। एडवोकेट वरयाम ¨सह व शिवकुमार संधाला ने बताया कि गुमथला में किसान शेर ¨सह व धर्मपाल के खेतों में जबरन अवैध खनन किया जा रहा था। जिसकी शिकायत किसानों ने कमेटी के सदस्यों से की। कमेटी के सदस्यों ने रविवार की रात को घाट का दौरा किया तो किसानों के खेतों में पोक लाइनों से अवैध खनन किया जा रहा था। उनके विरोध के बाद अवैध खनन बंद हुआ। उन्होंने बताया कि यमुना नदी के घाटों पर खनन ठेकेदार जबरन किसानों की भूमि से रेत उठाने का काम कर रहे है। किसानों द्वारा विरोध करने पर खनन ठेकेदार उन्हें धमकी देकर मौके से भगा देते है। जिससे प्रभावित किसान बेबस होकर रह जाता है। लेकिन अब प्रभावित गांव के किसानों की भूमि पर किसी भी ठेकेदार को जबरन रेत नही उठाने दिया जाएगा। मौके पर रामकुमार संधाला, अनिल कुमार, रमेश कुमार, सचिन कांबोज, नरेश कुमार, लवली, मांगेराम, शंटी, नंदलाल, जगमाल, हुकम ¨सह, अमरजीत, महावीर, सोनू, बिट्टू, स¨लद्र, सुभाष, हरचरण ¨सह, बागा, शेरा मौजूद थे।


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