फार्मासिस्ट अनिश्चितकालीन हड़ताल पर
वेतन विसंगति दूर किए जाने समेत कई अन्य मांगों को लेकर फार्मासिस्ट अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए। सिविल अस्पताल के प्रांगण में धरना देकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। उनके हड़ताल पर जाने की वजह से जन्म प्रमाण पत्र विकलांगता सर्टिफिकेट व मेडिकल बिल बनाए जाने जैसी सुविधाएं प्रभावित हो गई हैं।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर :
वेतन विसंगति दूर किए जाने समेत कई अन्य मांगों को लेकर फार्मासिस्ट अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए। सिविल अस्पताल के प्रांगण में धरना देकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। उनके हड़ताल पर जाने की वजह से जन्म प्रमाण पत्र, विकलांगता सर्टिफिकेट व मेडिकल बिल बनाए जाने जैसी सुविधाएं प्रभावित हो गई हैं। कार्यवाहक सिविल सर्जन डॉ. विजय दहिया ने बताया कि यहां पर 14 फार्मासिस्ट हैं। उनकी जगह पर ठेके पर रखे कर्मचारी कार्य कर रहे हैं। हड़ताल से निपटने के पहले ही इंतजाम कर लिए गए थे।
गवर्नमेंट फार्मासिस्ट ऑफ हरियाणा एसोसिएशन के प्रधान सुदेश सहोता ने बताया कि गत वर्ष 21 फरवरी को भी सीएम के साथ एसोसिएशन के पदाधिकारियों की बैठक हुई। जहां पर मांगों को लेकर सहमति बनी थी। बाद में सरकार ने इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया। पिछले दिनों भी फार्मासिस्ट करनाल में जुटे थे। जहां पर सरकार को अल्टीमेटम दिया गया था, लेकिन मांगों पर कोई सुनवाई नहीं हुई। इसलिए अब अनिश्चितकालीन हड़ताल की गई है।
इस दौरान नरेंद्र कौशल, रजनी बाला, रमेश कुमार, राजकुमार वर्मा, बलवान सिंह, अंशु मेंहदीरत्ता, मीनू कालड़ा, रमा, कमल सैनी, मनोज, बृजेश पांचाल भी मौजूद रहे।
मुख्य मांगें
वेतन विसंगति दूर कर 4600 जीपी दिया जाए।
प्रमोशन चैनल लागू किया जाए और नए पद सृजित हों।
डिप्टी डायरेक्टर का पद भरा जाए।
पदनाम बदलकर फार्मेसी ऑफिसर किया जाए।
शैक्षिक योग्यता बी फार्मेसी की जाए।