अब स्टेशन पर स्टील के बैंच पर बैठेंगे यात्री
शैलजा त्यागी, जगाधरी : स्टेशन पर बैठकर ट्रेन का इंतजार करने वाले यात्रियों के लिए अच्छी
शैलजा त्यागी, जगाधरी :
स्टेशन पर बैठकर ट्रेन का इंतजार करने वाले यात्रियों के लिए अच्छी खबर है। अब स्टेशन पर बैठने के लिए उन्हें स्टील के बैंच मिलेंगे। हाल ही में रेल भवन दिल्ली हुई आला अधिकारियों की बैठन में रेलवे ने नार्दन, इस्टर्न, वेस्टर्न, साउदन तथा सेंट्रल जोन के स्टेशनों पर एक लाख बैंच लगाने का निर्णय लिया है। टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए जल्द ही काम शुरू कर दिया जाएगा।
इसलिए उठाया कदम-
रेलवे के अधिकारियों के मुताबिक अभी तक स्टेशनों पर यात्रियों के बैठने के लिए लकड़ी, पत्थर व लोहे के बैंच लगे हुए हैं। बरसात की वजह से जहां लोहे के बैंचि•ा जंग लगने के कारण वे खराब हो जाते हैं। वहीं लकड़ी व पत्थर के बैंच टूटने की वजह से उनकी मेंटेनेंस में दिक्कतें आती है। इस वजह से रेलवे को आर्थिक हानि तो उठानी ही पड़ती हैं। इसके अलावा उनकी साफ-सफाई भी ठीक प्रकार से नहीं हो पाती थी, जिस कारण यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा था। इस मामले में अधिकारियों का तर्क है कि अगर स्टेशन पर स्टील के बैंच होंगे, तो वे बरसात की वजह से खराब भी नहीं होंगे। उनकी साफ सफाई में भी दिक्कतें नहीं आएगी।
तोड़फोड़ से भी होगा बचाव-
रेलवे के अधिकारियों के मुताबिक जब भी आगजनी व तोड़फोड़ की घटनाएं होती है, सबसे पहले रेलवे प्रॉपर्टी को निशाना बनाया जाता है। लकड़ी के बैंचों को जहां आग के हवाले कर दिया जाता है, वहीं पत्थर व लोहे के बैंचों को तोड़ दिया जाता है। अगर पत्थर का बैंच तोड़ दिया जाए, तो उसकी मेंटेनेंस संभव नहीं है। जबकि लोहे का बैंच तोडऩे पर उसकी रि-साइक¨लग नहीं होती।
एमपी कोटे से लगाए जाएंगे बैंच-
रेलवे के अधिकारियों के मुताबिक स्टेशनों पर एमपी कोटे से स्टील के बैंच लगाए जाएंगे। जो कि चार से 10 सीटर तक होंगे। रेलवे ने 21 सितंबर टेंडर की तिथि निर्धारित की है। सूत्रों के मुताबिक जिन कंपीनि•ा को स्टेशन पर बैंच लगाने के लिए टेंडर दिया जाएगा। उन्हें रेलवे बोर्ड द्वारा पेमेंट की जाएगी। एमपी कोटे से मिलने वाला पैसा रेलवे के पास जाएगा। फिलहाल रेलवे ने इस मामले में एक कंडीशन लगाई है कि बड़े फेबरिकेशन वालों को ही बैंच लगाने का काम दिया जाएगा। बशर्ते उसने रेलवे का एक टेंडर 25 करोड़ रुपये का किया हो। जिसका बैंच लगाने वाली विभिन्न कंपनी•ा ने विरोध किया है। सूत्रों का कहना है कि पुरानी व्यवस्था के हिसाब से यह कंडीशन गलत है। साथ ही बताया कि इस कंडीशन को वापिस लेने के लिए आला अधिकारियों ने मंथन शुरू कर दिया है।