समिति से ले ली जिम्मेदारी, ग्राम पंचायत नहीं संभाल पा रही गोशाला की व्यवस्था
बेसहारा गोवंश सड़कों पर ही धक्के नहीं खा रहा है बल्कि गोशालाओं में भी इनकी स्थिति खराब है।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर :
बेसहारा गोवंश सड़कों पर ही धक्के नहीं खा रहा है, बल्कि गोशालाओं में भी उसकी दुर्गति हो रही है। दामला की गोशाला में गोवंशों की हालात यह बयां कर रहे हैं। लंबे संघर्ष के बाद लाला वधावा राम गोशाला समिति अब ग्राम पंचायत को सौंप दी, लेकिन गोमाता की पीड़ा और बढ़ गई। समिति से जिम्मेदारी ले ली गई है और ग्राम पंचायत अभी व्यवस्था को संभाल नहीं पा रही है। इसका खामियाजा गोवंश को भुगतना पड़ रहा है। गोशाला में व्यवस्थाओं का जायजा लेने के लिए दैनिक जागरण की टीम ने यहां का दौरा किया। 10 बजे तक चारे की कोई व्यवस्था नहीं
सुबह 10 बजे तक गोवंश को चारा नसीब नहीं हुआ था। हालांकि कुछ कर्मचारी हरा चारा काटने व सफाई करने में लगे हुए थे। पूछने पर एक कर्मचारी ने बताया कि रात चारा डाला था। ग्राम पंचायत की ओर से किसी ने आकर गोवंशों के चारे और पानी के बारे में कोई जानकारी नहीं ली। सुबह दूध के बारे में पूछने के लिए एक व्यक्ति जरूर आया था। वह कौन था, इस बारे में जानकारी नहीं है। कर्मचारियों का कहना है कि वह तो गोवंश की सेवा कर रहे हैं। जब तक समिति कहेगी, तब तक करते रहेंगे। पीड़ा से कराह रही थी गाय
भूस के शेड में ही एक गाय बैठी हुई थी। टांग टूट जाने के कारण खून भी बह रहा था। जैसे ही कोई पास जाता तो चारे व पानी की आस में मुंह आगे बढ़ाती है। इसी हालत में एक बछड़ा भी शेड के पास बैठा था।
पर्याप्त नहीं चारा :
गोशाला में कुछ कर्मचारियों ने बताया कि हरा चारा मंडी लेकर आते हैं। जितना चारा आया हुआ है, वह पर्याप्त नहीं है। गोशाला में गोवंशों की संख्या 225 है। इनमें 14 गाय दूध देती हैं। दूध को कहां और किस भाव बेचा जाता है, इस बारे में भी उन्होंने कुछ बताने से इंकार कर दिया।