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नहीं भर रहे बाढ़ के दिए जख्म, न गिरदावरी और न हुई फसलों से पानी की निकासी

बाढ़ के दिए जख्म भरने का नाम नहीं ले रहे हैं। फसलें अभी भी पानी में डूबी पड़ी हैं। गिरदावरी न होने से किसानों में रोष है। किसानों का कहना है कि धान की फसल भी बाढ़ से बर्बाद हो चुकी है और अब अगली फसल की भी उम्मीद नहीं है। प्रशासन की ओर से न तो खेतों से पानी की निकासी की व्यवस्था करवाई जा रही है और न गिरदावरी करवाई गई। हालांकि इस बारे सरकार ने निर्देश दिए हुए हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर इन आदेशों की पालना नहीं हो रही है। प्रशासनिक अधिकारियों के इस रवैए से किसानों में रोष है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 10 Oct 2018 12:51 AM (IST)Updated: Wed, 10 Oct 2018 12:51 AM (IST)
नहीं भर रहे बाढ़ के दिए जख्म, न गिरदावरी और न हुई फसलों से पानी की निकासी
नहीं भर रहे बाढ़ के दिए जख्म, न गिरदावरी और न हुई फसलों से पानी की निकासी

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : बाढ़ के दिए जख्म भरने का नाम नहीं ले रहे हैं। फसलें अभी भी पानी में डूबी पड़ी हैं। गिरदावरी न होने से किसानों में रोष है। किसानों का कहना है कि धान की फसल भी बाढ़ से बर्बाद हो चुकी है और अब अगली फसल की भी उम्मीद नहीं है। प्रशासन की ओर से न तो खेतों से पानी की निकासी की व्यवस्था करवाई जा रही है और न गिरदावरी करवाई गई। हालांकि इस बारे सरकार ने निर्देश दिए हुए हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर इन आदेशों की पालना नहीं हो रही है। प्रशासनिक अधिकारियों के इस रवैए से किसानों में रोष है।

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इन गांवों में स्थिति खराब

क्षेत्र के गांव उन्हेड़ी, तिगरा, नाहरपुर, मारूपुर, तिगरी सहित कई गांवों के रकबे में बाढ़ का पानी जमा है। करीब 500 एकड़ धान व गन्ना की फसल ऐसी है जिसमें पानी भरा है। ऐसे खेतों की संख्या कम नहीं है जिनमें धान की फसल पूरी तरह डूबी हुई है और खत्म हो चुकी है। किसानों का कहना है कि हजारों रुपये खर्च कर फसल तैयार की, लेकिन जब समेटने की बारी आई तो बाढ़ ने अपनी चपेट में ले ली। किसान कर्जदार हो गए। यदि समय रहते इन खेतों से पानी की निकासी की व्यवस्था करवा दी जाए तो आगामी फसल की तैयारी की जा सकती है।

किसानों का दर्द समझे सरकार

किसान शेर ¨सह का कहना है कि सरकार को किसानों का दर्द समझना चाहिए। जो फसलें बर्बाद हो चुकी हैं, उनकी गिरदावरी कराकर पीड़ित किसानों को मुआवजा दिया जाए ताकि नुकसान की भरपाई हो सके। इस बार हालात ऐसे हो गए कि किसान अपने समय पर अपने बच्चों की स्कूल की फीस भी नहीं दे पाए। किसी के मकान अधर में हैं तो कोई साहुकार से उधार लेकर काम चला रहा है। उन्होंने बताया कि उन्हेड़ी गांव के लगभग सभी किसान बाढ़ की मोर झेल रहे हैं। सरकार को मदद करनी चाहिए।

भारतीय किसान संघ के जिला प्रधान रामबीर ¨सह चौहान का कहना है कि बाढ़ के कारण जो फसलें खराब हुई हैं, उनकी स्पेशल गिरदावरी जल्द करवाई जाए। इस बारे मुख्यमंत्री मनोहर लाल को भी पत्र लिखा गया है। इस बार बारिश व बाढ़ के कारण किसानों को भारी नुकसान हुआ है। सैकड़ों एकड़ फसल पानी में डूबी हुई है। किसानों को प्रति एकड़ हजारों रुपये का नुकसान हो चुका है। क्षेत्र में धान व गन्ने की फसल बर्बाद हो चुकी हैं। खेतों में अभी भी कई-कई फुट पानी जमा है। किसानों को जल्द मुआवजा दिया जाए।

वर्जन

बाढ़ व बारिश से प्रभावित फसलों की स्पेशल गिरदावरी के आदेश दिए जा चुके हैं। एक पटवारी पर कई-कई गांव हैं। हो सकता है, इस कारण उस एरिया में गिरदावरी न हुई है। जल्दी ही गिरदावरी हो जाएगी। उसके बाद मुआवजा तय किया जाएगा।

अभिषेक, डीआरओ, यमुनानगर।


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