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बाहरी धान की मंडियों में न हो आवक बार्डर पर लगाए नाके

मंडियों में धान की आवक जारी है। दूसरे राज्यों की धान न आए इसके लिए प्रशासन ने सख्ती बरती है। बार्डर पर नाके लगाकर चेकिग की जा रही है। डीसी मुकुल कुमार ने बताया गया कि सरकार के आदेश की अनुपालना मे धान की सरकारी खरीद जारी है। गत वर्ष जिला यमुनानगर में 635003 टन धान खरीद की गई थी।

By JagranEdited By: Published: Thu, 31 Oct 2019 06:10 PM (IST)Updated: Fri, 01 Nov 2019 06:39 AM (IST)
बाहरी धान की मंडियों में न हो आवक बार्डर पर लगाए नाके
बाहरी धान की मंडियों में न हो आवक बार्डर पर लगाए नाके

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : मंडियों में धान की आवक जारी है। दूसरे राज्यों की धान न आए इसके लिए प्रशासन ने सख्ती बरती है। बार्डर पर नाके लगाकर चेकिग की जा रही है।

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डीसी मुकुल कुमार ने बताया गया कि सरकार के आदेश की अनुपालना मे धान की सरकारी खरीद जारी है। गत वर्ष जिला यमुनानगर में 635003 टन धान खरीद की गई थी। जिसकी तुलना में इस वर्ष 29 अक्टूबर तक कुल 556102 टन धान की खरीद की जा चुकी है। मंडियों में धान खरीद कार्य तथा धान का उठान सुचारु रूप से चल रहा है। किसानों को जागरूक किया जा रहा है कि वे अपनी फसल को सुखाकर लाएं, ताकि उनको फ सल बेचने मे कोई परेशानी न आए। खरीफ वर्ष 2019-20 के अंतर्गत हरियाणा राज्य के साथ लगते दूसरे प्रदेशों से अवैध रूप से आ रही धान की आवक पर रोक लगाने के लिए प्रशासनिक स्तर पर जिले के साथ लगती दूसरे राज्यों की सीमाओं (कलानौर बार्डर, गुमथला, रणजीतपुर, हथनीकुंड बैराज) पर नाकें लगाए गए है।

नाकों पर पुलिस विभाग तथा खाद्य विभाग के कर्मचारियों की नियुक्ति की गई है, ताकि बाहरी राज्यों से जिले की में पहुंच रही धान की आवक को रोका जा सके। नाको पर तैनात स्टाफ को सरकार द्वारा जारी हिदायत का सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए गए हैं। गाडी नंबर नोट करते हुए मंडियों में सूचित करने के निर्देश दिए, ताकि किसी दूसरे रास्ते से मंडी में धान आती है तो उसकी खरीद न हो सकें।

इसके अतिरिक्त उपायुक्त मुकुल कुमार ने आढ़तियों को सख्त निर्देश दिए गए कि वह मंडियों में आने वाले किसानों का कोई भी एक आईडी पुरुफ (जमीन की फ रद, राशन कार्ड, आधार कार्ड, वोटर कार्ड) की वेरिफिकेशन करने के उपरांत ही धान की खरीद करें। उन्होंने बताया कि जिला में किसानों की फसल सरकार द्वारा निर्धारित मूल्य पर खरीद की जा रही है तथा सरकार किसानों की फसल का एक-एक दाना खरीदने के लिए प्रतिबद्ध है।


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