करोड़ों का पत्थर हो गया एकत्र, खनन विभाग अंजान, 80 लाख 61 हजार में कराई नीलामी
अवैध खोदाई से स्टॉक किए मोटे पत्थर की प्रशासन ने बुधवार को ताजेवाला में खुली नीलामी कराई।
संवाद सहयोगी, देवधर
खनन माफिया द्वारा अवैध खोदाई से स्टॉक किए मोटे पत्थर की प्रशासन ने बुधवार को ताजेवाला में खुली नीलामी कराई। इस दौरान पत्थर की अधिकतम बोली 80 लाख 61 हजार तक पहुंची। नीलामी की प्रक्रिया एडीसी प्रतिभा चौधरी व एसडीएम नवीन आहूजा की निगरानी में हुई।
बता दें कि ताजेवाला के समीप यमुना नदी व अन्य क्षेत्रों में अवैध खनन कर भारी मात्रा में पत्थर का स्टॉक जमा किया हुआ था। इसकी सूचना किसी ने प्रशासन तक पहुंचा दी। प्रशासन ने तुंरत स्टाक को कब्जे में लिया। पहले तो प्रशासन ने स्टॉक करने वालों की खोजबीन की, लेकिन कोई सुराग नहीं लगा। किसी ने भी इस बारे में मुंह नहीं खोला। उसके बाद प्रशासन ने नीलामी कराई। 41 लाख से शुरू हुई बोली :
पत्थर की बोली 41 लाख 22 हजार 900 से शुरू हुई। उसके बाद धीरे धीरे दाम बढ़ते गए। सबसे अधिक बोली महा वैष्णो मिनियर कंपनी की ओर से 80 लाख 61 हजार लगाई गई। दूसरी बोली शिव आरके कांट्रेक्टर प्राइवेट लिमिटेड 80 लाख 60 हजार की रही। नीलामी में कई पत्थर ठेकेदार रहे। एक्सएन सिचाई विभाग हरिदेव कंबोज, इंस्पेक्टर ओम दत्त सहित अन्य अधिकारी भी मौके पर मौजूद रहे। बेचने के लिए करते है स्टॉक :
यहां पर लगाए गए मोटे पत्थर को साथ लगते क्षेत्र के लोगों ने बेचने के लिए अवैध रूप से स्टॉक करते हैं। यहां पर पत्थर स्टॉक था। उससे कुछ ही दूरी पर सिचाई विभाग का कार्यालय है। ऐसे में खनन माफिया ने करोड़ों रुपये का पत्थर कैसे इकट्ठा कर लिया। न ही अधिकारी स्टॉक करने वाला का नाम का पता कर पाए। यह पत्थर एक दिन में एकत्र नहीं होगा। इसके लिए काफी समय लगा होगा। इनकी भी सुनिए :
खनन विभाग ही बता सकता है इस बारे में :
सिचाई विभाग के एक्सईएन हरिदेव कंबोज का कहना है कि ताजेवाला में पत्थर किसने एकत्र किया, इस बारे में खनन विभाग ही बता सकता है। किसी ने दावा पेश नहीं जांच चल रही है :
जिला खनन अधिकारी अशोक कुमार ने बताया की ताजेवाला में अज्ञात लोगों ने जो पत्थर एकत्रित किया था, उसकी नीलामी करा दी गई है। पत्थर पर किसी ने अपना दावा पेश नहीं किया। विभाग पत्थर एकत्र करने वालों तक पहुंचने के लिए जांच कर रहा है।