अफसरशाही में उलझे 1000 बेंच, ठेकेदारों को नहीं वर्क आर्डर, नीयत पर सवाल
ट्विन सिटी में रखे जाने वाले 1000 बैंच अफसरशाही में उलझ गए हैं। हाउस की मंजूरी के बावजूद अभी तक योजना सिरे नहीं चढ़ पाई। कहीं ठेकेदार काम शुरू नहीं कर रहे हैं तो कहीं वर्क आर्डर नहीं मिल रहे। वार्ड नंबर 10, 11, 13 व 14 में टेंडर होने के बावजूद काम शुरू नहीं किया जा रहा है
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : ट्विन सिटी में रखे जाने वाले 1000 बैंच अफसरशाही में उलझ गए हैं। हाउस की मंजूरी के बावजूद अभी तक योजना सिरे नहीं चढ़ पाई। कहीं ठेकेदार काम शुरू नहीं कर रहे हैं तो कहीं वर्क आर्डर नहीं मिल रहे। वार्ड नंबर 10, 11, 13 व 14 में टेंडर होने के बावजूद काम शुरू नहीं किया जा रहा है। निवर्तमान पार्षदों के मुताबिक बजट की कमी का हवाला देकर उच्चाधिकारियों ने टेंडर रोक दिए थे, लेकिन जानकारी के अभाव में इंजीनिय¨रग ब्रांच ने टेंडर लगा दिए। मामले को दबाने की नियत से ठेकेदार को वर्क आर्डर नहीं दिए जा रहे हैं। उधर, संबंधित वार्डों के एमई इस बारे कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं।
पार्कों व सार्वजनिक स्थलों पर रखे जाने हैं बेंच
नगर निगम के 20 वार्डों के पार्कों, धाíमक स्थलों व अन्य सार्वजनिक स्थलों में लोगों के बैठने के लिए बैंच रखे जाने की डिमांड लंबे समय से चल रही थी। 19 अप्रैल 2017 को हाउस की बैठक में यह प्रस्ताव आया। प्रत्येक वार्ड में 50-50 बैंच रखे जाने की मंजूरी मिली। उसके बाद करीब एक वर्ष तक योजना फाइलों में ही रही। बीते दिनों वार्ड नंबर 1-5 टेंडर हो गए और वर्क आर्डर भी कर दिए गए। अन्य वार्डों में भी ऐसी ही स्थिति है, लेकिन वार्ड 10, 11, 13 व 14 में मामला उलझा हुआ है।
ये उठे सवाल
निवर्तमान पार्षदों का कहना है कि 19 अप्रैल 2017 को हुई हाउस की बैठक में ही प्रत्येक वार्ड में 50-50 लाख रुपये से होने वाले कार्यों को मंजूरी मिली थी। कुछ समय बाद उच्चाधिकारियों ने इनको रद कर दिया था और सभी वार्डों में एक साथ टेंडर लगाए जाने की बात कही थी। अब बैंच रखे जाने की योजना में भेदभाव क्यों बरता जा रहा है। सभी वार्डों के टेंडर एक साथ क्यों नहीं लग रहे हैं? यदि वार्ड नंबर 10, 11, 13 व 14 के टेंडर हो गए हैं तो ठेकेदार को वर्क आर्डर क्यों नहीं किए जा रहे हैं? जबकि 1-5 व अन्य वार्डों में वर्क आर्डर भी हो चुके हैं।
फोटो : 15
बरता जा रहा भेदभाव
निवर्तमान पार्षद निर्मल चौहान का कहना है कि उनके वार्ड में नगर निगम पार्क तो डवलप नहीं करवा पाए। कम से कम बैंच ही रखवा दें। इस बारे संबंधित एमई से कई बार मिले, लेकिन संतोषजनक जवाब नहीं मिल रहा है। ठेकेदार को वर्क आर्डर न देने के पीछे कारण अधिकारियों की मंशा क्या है, इसकी जांच होनी चाहिए। सभी वार्डों में एक साथ टेंडर होने चाहिए थे। इसमें भेदभाव क्यों बरता जा रहा है।
फोटो : 16
अपनी ढपली अपना राग
निर्वतमान पार्षद नवनीत शर्मा का कहना है कि एक वर्ष से उपर का समय बीत चुका है। अभी तक वार्डों में बैंच रखे जाने की प्रक्रिया शुरू नहीं की है। हाउस की बैठक में पास हुए कार्यों को भी अधिकारी समय पर नहीं करवा रहे हैं। कहीं वर्क आर्डर हो गए तो कहीं ठेकेदार अधिकारियों के चक्कर लगा रहे हैं। अधिकारी मनमर्जी से काम कर रहे हैं। अपनी ढपली अपना राग जैसी स्थिति बनी हुई है।
इन वार्डों के हो चुके वर्क आर्डर
एमई राजबीर सैनी के मुताबिक वार्ड नंबर 12, 15, 16, 17, 18, 19 व 20 में वर्क आर्डर हो चुके हैं। अब जल्दी ही ठेकेदार काम शुरू कर देगा। दूसरे वार्डों के बारे में उनको जानकारी नहीं है। उनका कहना है उक्त वार्डों के आर्डर तो बहुत पहले हो जाने थे, लेकिन गलती से एक ब्लेक लिस्टेड कंपनी को टेंडर हो गए। इनको रद्द करना पड़ा और नए सिरे से टेंडर लगाए। इसलिए थोड़ी देरी हुई है।
मुझे जानकारी नहीं
10, 11, 13 व 14 का कामकाज देख रहे एमई रमेश वर्मा का कहना है कि बैंच रखे जाने की योजना में क्या चल रहा है, इसके बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है। इन वार्डों में टेंडर हुए या न हुए, इस बारे कुछ नहीं कह सकते। अभी सीएम रोड शो की तैयारियों में लगे हुए हैं। बाद में पता करेंगे कि योजना कहां तक पहुंची है।