प्रॉपर्टी टैक्स के रिकवरी का नया पैटर्न तैयार करने में जुटे अफसर
रिकवरी की प्रक्रिया शुरू करने से पहले पूरे सॉफ्टवेयर को अपडेट किया जाएगा।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर :
प्रॉपर्टी टैक्स में छूट के नए पैकेज पर अफसरों की कसरत शुरू हो गई है। आइटी डिपार्टमेंट रिकवरी का नया पैटर्न तैयार करने में जुटा है। रिकवरी की प्रक्रिया शुरू करने से पहले पूरे सॉफ्टवेयर को अपडेट किया जाएगा। सभी कैटेगिरी के पात्रों की लिस्ट का काम शुरू हो गया। अफसरों की माथापच्ची इसलिए अधिक बढ़ गई है, क्योंकि छूट छह किस्म की है। डेढ़ लाख प्रॉपर्टी होल्डर हैं और सरकारी और निजी भवनों पर करीब 51 करोड़ रुपये टैक्स बकाया है। उम्मीद के मुताबिक प्रॉप्रटी टैक्स की रिकवरी न होने निगम के लिए बड़ी चिता का विषय है। क्योंकि यह आमदन का बड़ा जरिया है, लेकिन निजी संपत्तियों के अलावा सरकारी सपंत्तियों पर भी लंबे समय से टैक्स बकाया है। टैक्स जमा कराने पर छूट की अवधि 31 जुलाई तक है। ये हैं छूट
निगम सीमा में आने वाले गांवों के लाल डोरा की रिहायशी संपत्तियों पर 50 फीसद छूट दी है। चेरिटेबल शिक्षण संस्थान, चैरिटेबल अस्पताल और विशेष बच्चों के लिए चल रहे स्कूल, जो सरकारी स्कूलों और अस्पतालों के समान शुल्क लेते हैं, उन्हें शत-प्रतिशत छूट दी गई है। जून के पहले सप्ताह से नागरिकों की सुविधा के लिए एसएमएस और पेपर-बिल के माध्यम से बिल वितरित किए जाएंगे। जो प्रॉपर्टी मालिक अपना संपूर्ण बकाया प्रॉपर्टी टैक्स 31 अगस्त तक जमा करवाएंगे, उन्हें वर्ष 2010-11 से लेकर वर्ष 2016-17 तक के प्रॉपर्टी टैक्स पर 25 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। प्रॉपर्टी टैक्स पर लगने वाले ब्याज को माफ किया गया है। जिन संपत्ति मालिकों ने विगत तीन वर्षो में अपना प्रॉपर्टी टैक्स 31 जुलाई तक जमा करवाया है, उन्हें नियमित 10 फीसद छूट के साथ अतिरिक्त 10 फीसद छूट भी है। ऑटो डेबिड तरीके से भुगतान करने वालों को पांच फीसद की अतिरिक्त छूट का लाभ मिलेगा। गत माह छूट के दौरान करीब चार करोड़ रुपये जमा हुए। शहरवासियों ने योजना का लाभ उठाया, लेकिन सरकारी विभाग बकाया अदा करने के लिए आगे नहीं आए। इस वर्ष अब तक करीब 11 करोड़ रुपये की रिकवरी हुई। 44 करोड़ सरकारी व करीब सात करोड़ रुपये गैर सरकारी भवनों पर बकाया है। अब छूट के मुताबिक ही इनके बकाया की सूचियां तैयार हो रही है।
इसलिए अधिक रिकवरी की आवश्यकता
निगम बजट की कमी से जूझ रहा है। सरकार ने भी हाथ खड़े कर दिए हैं। इसका असर विकास कार्यो पर देखा जाने लगा है। प्रॉपर्टी टैक्स की रिकवरी को लेकर अधिकारी हर वर्ष पिछड़ रहे हैं। बजट की बैठक में लक्ष्य तो बड़ा निर्धारित किया जाता है, लेकिन रिकवरी आधी भी नहीं हो पाती। आमदन को बढ़ाने के लिए प्रॉपर्टी टैक्स की अधिक से अधिक रिकवरी जरूरी है।
निर्धारित समयावधि में प्रॉपर्टी टैक्स का भुगतान कर छूट योजना का लाभ उठाएं। बकायदारों के लिए बेहतर पैकेज है। सभी श्रेणी के बकायदारों की सूचियां तैयार होगी।
विपिन गुप्ता, जेडटीओ, नगर निगम।