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रोड सेफ्टी के नाम हो रही है केवल खानापूर्ति, मन से काम नहीं करते अधिकारी

जागरण संवाददाता यमुनानगर जिले में रोड सेफ्टी के नाम पर केवल खानापूर्ति ही हो रही है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 28 Jan 2021 07:38 AM (IST)Updated: Thu, 28 Jan 2021 07:38 AM (IST)
रोड सेफ्टी के नाम हो रही है केवल खानापूर्ति, मन से काम नहीं करते अधिकारी
रोड सेफ्टी के नाम हो रही है केवल खानापूर्ति, मन से काम नहीं करते अधिकारी

जागरण संवाददाता, यमुनानगर: जिले में रोड सेफ्टी के नाम पर केवल खानापूर्ति ही हो रही है। अधिकारी हर माह बैठक में बड़े- बड़े दावे करते हैं। जैसे ही बैठक से बाहर निकलते हैं, तो भूल जाते हैं। यहीं कारण है कि दिसंबर माह की बैठक में जो आदेश डीसी मुकुल कुमार व एसपी कमलदीप गोयल ने अधिकारियों को दिए थे। उन पर काम नहीं हुआ। यहां तक कि जिले के चौकों पर इलेक्ट्रोनिक डिवाइस व सफेद पट्टी तक का कार्य पूरा नहीं किया गया। रोड सेफ्टी जागरूकता अभियान भी शुरू होने से पहले दम तोड़ता हुआ नजर आ रहा हैं। जागरूकता के नाम पर आयोजित कार्यक्रम भी महज रस्म अदायगी की बानगी तक ही सिमट गए। इस तरह की हैं खामियां : शहर के चौकों पर लगी ट्रैफिक लाइट खराब पड़ी है। पिछली बैठक में नगर निगम के अधिकारियों ने दावा ठोका था कि सभी लाइट ठीक है। बाद में जांच हुई तो लाइट बंद मिली। अधिकांश लाइट ब्लिकर मोड थी। जांच के बाद भी सुधार नहीं हुआ। कुछ रोड पर कैटआइ जरूर लगी है, मगर सफेद पट्टी की तरह ध्यान नहीं दिया, जबकि यह मौसम कोहरे का है। अधिकांश चौकों पर इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस नहीं है। जैसे जेब्रा लाइन, कैटआइ, मोड़ की पूर्व सूचना के बोर्ड तक नहीं लगाए गए। मोड समतल होने चाहिए, लेकिन अधिकतर जगहों पर गड्ढे हैं। सड़कें ठीक नहीं है। यातायात थाने के पास सड़क टूटी पड़ी है। मोड भी ऊंचा नीचा है। सूखे पड़ों की कटाई के आदेश दिए गए थे, लेकिन सूखे पेड़ों की कटाई नहीं हो पाई। ये हादसे का बड़ा कारण बने हुए हैं। सड़कों पर चल रही है वर्कशॉप :

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सड़कों पर खड़े वाहनों को भी हटाने के लिए पुलिस व अन्य विभाग कार्रवाई नहीं कर रहा है। एक सप्ताह पहले बिलासपुर साढौरा रोड पर गांव मारवा के पास सड़क पर खड़े डंपर में युवकों की बाइक टकरा गई। जिसमें एक युवक की मौके पर मौत हो गई थी। तीन गंभीर रूप से घायल हुए थे। सहारनपुर रोड व बूड़िया चौक पर भी सड़कों पर वर्कशॉप चल रही है। अधिकारी यहां से निकलते हैं, लेकिन इस दिशा में कोई कदम नहीं उठा रहे हैं। यह मामला छछरौली के राजकीय स्कूल की प्रिसिपल बलजीत कौर ने बैठक में उठाया था। डीसी व एसपी के सामने यहां तक कह दिया था कि हमें कालेज जाते हुए सड़कों पर खड़े वाहनों से डर लगता है। कुछ बच्चों का इन वाहनों के कारण हादसा भी हो चुका है। फिर भी सुधार नहीं किया गया। एसपी भी जता चुके हैं नाराजगी

सड़कों का बुरा हाल है। रोड पर कैटआइ तक नहीं है। बैठक में एसपी कमलदीप गोयल भी इस पर नाराजगी जता चुके हैं। अधिकारियों को यहां तक कह दिया था कि जितना बुरा हाल जिले में हैं। ऐसा उन्होंने कहीं नहीं देखा। तब लोक निर्माण विभाग के अधिकारी सड़कों की हालत सुधारने का वादा किया था। उसके बाद भी हालत में सुधार नहीं हुआ। रोड सेफ्टी की बैठक में सड़कों पर घटिया कैटआइ व सफेद पट्टी का मामला भी उठा चुका है। सड़कों पर कैटआइ लगाई जा रही हैं। वह दो चार दिन में ही रात को चमकनी बंद हो जाती हैं। सड़क सुरक्षा कमेटी के सदस्य सुशील आर्य ने कहा कि कैटआइ लगाने का तरीका ही गलत है।


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