तनाव से शरीर को भी नुकसान, योग से रहे निरोग
जागरण संवाददाता यमुनानगर हमारी रोज की भागदौड़ और काम के बोझ तले दबी जिदगी में तनाव इ
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : हमारी रोज की भागदौड़ और काम के बोझ तले दबी जिदगी में तनाव इस कदर बढ़ जाता है कि वह हमारे दिमाग के साथ शरीर को भी नुकसान पहुंचाने लगता है। इसलिए बिगड़ती सेहत को रोकने के लिए योग करना जरूरी है। योग आचार्य डॉ. शिव कुमार बताते हैं कि विभिन्न प्रकार के योग हैं। इनके करने से सेहत के साथ मानसिक संतुलन भी बना रहता है।
उन्होंने बताया कि अंजलि मुद्रा योग करना भी साधक के लिए लाभदायक हैं। इसको दोनों हाथों को जोड़कर दिल के चक्र के बीचोंबीच रखें यह मुद्रा दिल के दोनों कोनों के बीच का संतुलन दिखाती है। इसे जमीन पर बैठ कर, पालथी मारकर, आंखें बंदकर के किया जाता है। सुखासन करने के लिए कमर की हड्डी को सीधा करके बैठे और 60 सेकेंड के लिए सांस खींचें और छोड़ें। इसी पर अपना ध्यान केंद्रित करें। ऐसा करने से मन और दिमाग को शांति मिलती है। शरीर से सारी घबराहट दूर होती है। मर्जरी आसन के लिए घुटनों और हाथों के बल बैठ जाएं, जैसे शरीर को टेबल बना लिया हो। इस आसान में ध्यान रखें कंधे और हथेली एक सीध में हो, वैसे ही कुल्हे और घुटने भी सीध में रखें। इससे दिमाग के साथ पूरे शरीर को बहुत फायदा मिलता है। सांस छोड़ने पर कूल्हों को पीछे एड़ियों की तरफ ले जाएं। कोहनी को जमीन से न छूने दें। माथे को नीचे झुकाकर गर्दन को आराम दें। तनाव दूर करने के लिए पश्चिमोत्तनासन लाभदायक है। जमीन पर बैठकर पैरों को आगे की तरफ सीधे फैलाकर सिर को घुटनों की तरफ ले जाएं। ऐसा करने से शरीर से तनाव और थकान दूर होती है। पाचन प्रक्रिया भी सुधरती है। सालांब शीर्षासन से तनाव को दूर करने और अपनी सांसों पर ध्यान लगाने में मदद करता है। इसके लिए सिर के बल खड़े हो जाइए औऱ शरीर को पूरा भार गर्दन या सिर पर डालने के बजाय कंधों और हाथों पर डालिए। शरीर में खून का बहाव उलट जाता है। सभी को व्यस्त जिदगी से कुछ समय खुद के लिए निकालना चाहिए। योग करना चाहिए। वह खुद सुबह योग करते हैं।