131 गांवों में नहीं बना कोई भी गोल्डन कार्ड, अब यहां पर जाएगा आयुष्मान जागरूकता वाहन
आयुष्मान योजना को लेकर पात्र अभी जागरूक नहीं हैं। जिले में 131
जागरण संवाददाता, यमुनानगर :
आयुष्मान योजना को लेकर पात्र अभी जागरूक नहीं हैं। जिले में 131 गांव ऐसे हैं। जहां पर एक भी गोल्डन कार्ड नहीं बना। जबकि इन गांवों में आयुष्मान के पात्र हैं। इसके लिए अब स्वास्थ्य विभाग विशेष वैन इन गांवों में प्रचार प्रसार के लिए भेजेगा। सोमवार को सिविल सर्जन डा. विजय दहिया ने जागरूकता वैन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह वैन प्रतापनगर व रादौर क्षेत्र के गांवों में जाएगी, क्योंकि सबसे अधिक इन क्षेत्रों में ही ऐसे गांव हैं। जहां पर कोई गोल्डन कार्ड नहीं बना है।
सिविल सर्जन डा. विजय दहिया ने बताया कि आयुष्मान के गोल्डन कार्ड बनाने में जिला यमुनानगर प्रदेश में तीसरे स्थान पर है। जिले में अब तक एक लाख 60 हजार पात्रों के गोल्डन कार्ड बने हैं। जबकि जिले में चार लाख 24 हजार 50 पात्र हैं। ऐसे में शेष पात्रों को भी गोल्डन कार्ड बनवाने चाहिए। जिससे वह इस योजना का लाभ उठा सके। इसके लिए नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में बने हेल्प डेस्क पर जाकर कार्ड बनवा सकते हैं। यह वाहन भी इसलिए ही चलाया गया है। यमुनानगर में चलाए गए जागरूकता वाहन को राष्ट्रीय स्तर पर भी सराहा जा चुका है। पात्रता के बारे में पीएमजे डाट जीओवी डाट इन साइट पर पता लगाया जा सकता है। 2011 के सर्वे के आधार पर हुआ चयन :
आयुष्मान योजना में लाभार्थियों की सूची वर्ष 2011 के सर्वे पर आधारित है। इसमें किसी नए परिवार को जोड़ा या हटाया नहीं जा सकता। यदि कोई पहले से आयुष्मान लाभार्थी है, तो उस परिवार में जन्मे नए बच्चे या नवविवाहित वधु का नाम जोड़ा जा सकता है। यदि किसी के नाम में कोई त्रुटि है, तो उसे भी ठीक कराया जा सकता है। पहले त्रुटि ठीक करने का अधिकार केवल जिला नोडल अधिकारी के पास था, लेकिन अब खंड स्तर पर प्रवर चिकित्सा अधिकारी, पटवारियों व गांव के सरपंच से भी नाम की तस्दीक कराकर ठीक कराया जा सकता है। इस दौरान जिला नोडल अधिकारी डा. अश्विनी अलमादी, जिला इनफार्ममेशन मैनेजर अंशुमन भी मौजूद रहे।