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रांची में पकड़ा गया निसार 15 सालों से कर रहा खैर का कारोबार

रांची के गढ़वा रेहला में पकड़ा गया छछरौली के मानकपुर गांव निवासी निसार अली करीब 15 सालों से खैर का कारोबार कर रहा है। खैर के जंगलों से लगते छछरौली और प्रतापनगर थाने में उसका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 08 Nov 2019 09:30 AM (IST)Updated: Fri, 08 Nov 2019 09:30 AM (IST)
रांची में पकड़ा गया निसार 15 सालों से कर रहा खैर का कारोबार
रांची में पकड़ा गया निसार 15 सालों से कर रहा खैर का कारोबार

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : रांची के गढ़वा रेहला में पकड़ा गया छछरौली के मानकपुर गांव निवासी निसार अली करीब 15 सालों से खैर का कारोबार कर रहा है। खैर के जंगलों से लगते छछरौली और प्रतापनगर थाने में उसका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है। उसकी गिरफ्तारी की खबर से परिवार के लोग भी हैरान है। परिवार के लोगों का कहना है कि उनके पास खैर की लकड़ी बेचने का परमिट है। वह उत्तर प्रदेश और बिहार में खैर की लकड़ी बेचने और खरीदने का धंधा करते हैं।

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मुस्तकीम का कहना है कि कभी किसी तरह का गलत कार्य उनके पिता ने नहीं किया। खैर का कारोबार करने का भी उनके पास परमिट है। पता नहीं पुलिस ने उन्हें क्यों पकड़ा है। अभी इस बारे में अधिक जानकारी भी वह नहीं दे सके। प्रतापनगर थाना प्रभारी मनोज कुमार व छछरौली थाना प्रभारी रामकुमार ने बताया कि निसार अली के बारे में रिकॉर्ड चेक किया गया है। उस पर कोई केस यहां दर्ज नहीं है।

गढ़वा में पकड़ा गया निसार

गढ़वा रेहला मुख्य पथ के बेलचंपा स्थित बिरला एस फैक्ट्री के पास से बिना नंबर की ट्रैक्टर ट्रॉली पकड़ी गई। जिस पर निसार अली व उसके साथी पकड़े गए। रांची पुलिस के मुताबिक यह खैर की लकड़ी तस्करों का सरगना है।

छछरौली व कलेसर बीट से होती है खैर की तस्करी

पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, 2016 से अब तक 62 केस खैर तस्करी के दर्ज हुए हैं। हालांकि तस्करी की बात करें, तो बड़ी संख्या में खैर की तस्करी इस एरिया में होती है। तस्कर वन विभाग की टीम पर भी हमला करने से नहीं चूकते। कई मामले में वन विभाग की टीम पर तस्करों के हमले के प्रताप नगर थाने में दर्ज हैं। प्रताप नगर एरिया में कई गांव ऐसे हैं, जहां सभी लोग खैर की तस्करी से जुड़े हुए हैं।


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