आर्थिक संकट से जूझ रहे 300 नए वकील, सरकार से मदद की मांग
कोरोना महामारी के कारण लगे लाकडाउन का असर आमजन से लेकर हर वर्ग के लोगों पर पड़ा है।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : कोरोना महामारी के कारण लगे लाकडाउन का असर आमजन से लेकर हर वर्ग के लोगों पर पड़ा है। ऐसे में वकील भी लाकडाउन के कारण आई मुसीबत से अछूते नहीं रहे। करीब दो माह से न्यायालयों में वकीलों का कार्य प्रभावित है। कई वकील तो ऐसे हैं जिन्होंने हाल ही में कानूनी शिक्षा पूरी की है और प्रेक्टिस करने लगे थे। इसके तुरंत बाद ही लाकडाउन लग गया। जिससे उन्हें आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ता है। ऐसे में वकीलों से सरकार से मांग की है कि उन्हें भी आर्थिक रूप से मदद दी जाए ताकि उनके परिवार का गुजारा चलता रहे। बार से जुड़े हैं 300 नए वकील :
गत तीन वर्षों में करी 300 नए वकील जिला बार एसोसिएशन से जुड़े हैं। हर साल औसतन 100 नए वकील बार एसोसिएशन की सदस्यता ग्रहण करते हैं। जिला बार एसोसिएशन के प्रधान भानू प्रताप ने बताया कि बार एसोसिएशन मे वेलफेयर फंड नहीं है। सरकार वकीलों के वेलफेयर के लिए फंड दें। वकीलों के लिए कोई भी सोशल सिक्योरिटी स्कीम नहीं है। ऐसे में कोरोना काल के दौरान बहुत से वकील संक्रमित भी हुए हैं। उन्होंने अस्पताल में अपना उपचार भी कराया। उनकी मदद के लिए कोई आगे नहीं आया। सरकार को चाहिए कि वह वकीलों को आर्थिक संकट से उबारने के लिए वेलफेयर फंड उपलब्ध कराए। दिल्ली सरकार की तर्ज पर वकीलों को कम ब्याज पर लोन उपलब्ध कराया जाए। फोटो :30
जल्द खोले जाएं कोर्ट: महक राणा
एडवोकेट महक राणा का कहना है कि अभी ग्रीष्मकालीन अवकाश चल रहे हैं। वहीं कोरोना के मामले भी कम होने लगे हैं। सभी का वैक्सीनेशन हो चुका है। सभी वकील सरकार की गाइडलाइन की पालना करते हैं। ऐसे में ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद कोर्ट को खोल देना चाहिए, ताकि वकील आर्थिक संकट से उबर सकें। फोटो : 31
मुश्किल है घर का खर्च चलाना: सर्वजीत सिंह
युवा वकील सर्वजीत सिंह ने बताया कि लगभग सवा साल से काम न आने के कारण घर का खर्च चलाना मुश्किल हो चला है, जबकि उनके परिवार में कई सदस्य हैं। जिनका खर्च उनसे ही चलता है। इसीलिए सरकार को उन जैसे वकीलों को आर्थिक मदद देनी चाहिए। फोटो : 32
पांच से 10 हजार रुपये मासिक मिलें : भानू प्रताप
जिला बार एसोसिएशन के प्रधान भानू प्रताप ने का कहना है कि वकीलों के वेलफेयर के लिए सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया है। पिछले दिनों डीसी के माध्यम से मुख्यमंत्री को मांग पत्र भेज कर वकीलों का इंश्योरेंस करने की मांग की। साथ ही जो वकील कोरोना की चपेट में आए हैं उन्हें भी आर्थिक मदद मिले। बार काउंसिल से 20 लाख रुपये की मांग की है। ताकि किसी वकील का स्वास्थ्य बिगड़ने पर उसे निशुल्क बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सके। सबसे ज्यादा आर्थिक संकट उनके आगे है। नए वकीलों की पांच से 10 हजार रुपये प्रति महीना की आर्थिक मदद होनी चाहिए।