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कर्मियों का पीएफ कटवाने में लापरवाही, पब्लिक हेल्थ के ठेकेदार पर जुर्माना

कर्मियों का पीएफ कटवाने में सरकारी विभागों में कार्य करने वाले ठेकेदार लापरवाह हैं। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन को ठेकेदार कर्मियों की सही जानकारी नहीं दे रहे हैं। सबसे खराब हालत पब्लिक हेल्थ व नगर निगम की है। इन दोनों विभागों में काफी ठेकेदार हैं। जिनकी फर्में हैं और वह बड़े-बड़े ठेके लेते हैं, लेकिन यह फर्में अपने कर्मियों के पीएफ की जानकारी नहीं दे रही हैं। हाल ही में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन की ओर से पब्लिक हेल्थ के ठेकेदार सतबीर पर 90 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 28 Sep 2018 01:01 AM (IST)Updated: Fri, 28 Sep 2018 01:01 AM (IST)
कर्मियों का पीएफ कटवाने में लापरवाही, 
पब्लिक हेल्थ के ठेकेदार पर  जुर्माना
कर्मियों का पीएफ कटवाने में लापरवाही, पब्लिक हेल्थ के ठेकेदार पर जुर्माना

अवनीश कुमार, यमुनानगर

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कर्मियों का पीएफ कटवाने में सरकारी विभागों में कार्य करने वाले ठेकेदार लापरवाह हैं। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन को ठेकेदार कर्मियों की सही जानकारी नहीं दे रहे हैं। सबसे खराब हालत पब्लिक हेल्थ व नगर निगम की है। इन दोनों विभागों में काफी ठेकेदार हैं। जिनकी फर्में हैं और वह बड़े-बड़े ठेके लेते हैं, लेकिन यह फर्में अपने कर्मियों के पीएफ की जानकारी नहीं दे रही हैं। हाल ही में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन की ओर से पब्लिक हेल्थ के ठेकेदार सतबीर पर 90 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। 15 दिन में यह जुर्माना भरने के आदेश दिए गए हैं। नहीं भरने पर विभाग ठेकेदार के खाते सील और एफआइआर कराने की प्ला¨नग में है और भी कई ठेकेदार निशाने पर हैं।

नियमानुसार जहां पर 20 कर्मचारी हैं। वहां पर पीएफ कटवाना होगा। इसके बावजूद भी कर्मचारी भविष्य निधि संगठन को इसकी जानकारी नहीं दी जा रही है। इसमें सरकारी विभाग ही लापरवाही बरत रहे हैं। संगठन की ओर से सरकारी विभागों को इस बारे में नोटिस भी जारी किए गए हैं। सरकारी विभागों में कार्य करने वाले कॉन्ट्रेक्ट कर्मियों की जानकारी नहीं दी जा रही है। यहां तक कि फर्मों के बारे में भी जानकारी नहीं दी जा रही है। पब्लिक हेल्थ के ठेकेदार सतबीर की फर्म को विभाग ने खंगाला, तो करोड़ों रुपये का लेन देन सामने आया, लेकिन पीएफ का एक भी पैसा नहीं कटवाया जा रहा है। जिसके चलते ही सतबीर पर विभाग ने 90 लाख का जुर्माना लगाया है। विभाग से ली गई पेमेंट पर 25 प्रतिशत के हिसाब से लगा है, क्योंकि पीएफ की साढ़े 12 प्रतिशत कर्मचारी और उतनी ही संबंधित फर्म को देनी होती है।

विभाग के नोटिस का नहीं दिया जवाब

विभाग ने ठेकेदार सतबीर को नोटिस भी दिया। फोन के माध्यम से भी सूचित किया, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। जिस कारण ही विभाग को यह कार्रवाई करनी पड़ी। अब तक की यह सबसे बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है।

ये विभाग भी हैं लापरवाह

वन विभाग: वन विभाग के 15 से अधिक ठेकेदार हैं, लेकिन किसी ने भी कोई कोड ईश्यू नहीं कराया है। इस बारे में विभाग को तीन नोटिस दिए जा चुके हैं।

नगर निगम : नगर निगम कमिश्नर को भी नोटिस दिए गए हैं। इन्होंने कर्मियों व ठेकेदारों का कोई रिकॉर्ड नहीं दिया।

खाद्य एवं आपूर्ति विभाग : विभाग में गैर सरकारी कर्मियों के खातों में गड़बड़ी है। उनका पीएफ नहीं काटा जा रहा है। कर्मियों को वेतन के रूप में 2400 से लेकर दस हजार रुपये तक दिए जा रहे हैं। नोटिस कर जवाब मांगा गया है।

आरटीए : गैर सरकारी कार्य करने वाले कर्मियों की सूचना नहीं दी गई। कई बार नोटिस दिया जा चुका है।

¨सचाई विभाग : गैर सरकारी कर्मियों व ठेकेदारों के बारे में सूचना मांगी गई। कोई जवाब नहीं दिया। विभाग की ओर से नोटिस दिया गया है।

पब्लिक हेल्थ : ठेकेदारों व गैर सरकारी कर्मियों के बारे में सूचना नहीं दी जा रही है। एक ठेकेदार पर पेमेंट के हिसाब से 90 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।


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