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संघर्ष कर नीतिका ने पाया मुकाम, अब दे रहीं तकनीकी ज्ञान

रटोली रोड स्थित विवेक कॉलोनी निवासी नीतिका संघर्ष कर जीवन में मुकाम पाया है। कंप्यूटर में पहले खुद उच्च शिक्षा ली अब जरूरतमंद बच्चों को हाईटेक बना रही हैं। उत्कृष्ट समाज सेवा के लिए सांई सौभाग्य संस्था इनको सम्मान दे चुकी है। इस संस्था के साथ जुड़कर समाज सेवा में निरंतर आगे बढ़ रही हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 27 Oct 2019 07:00 AM (IST)Updated: Sun, 27 Oct 2019 07:00 AM (IST)
संघर्ष कर नीतिका ने पाया मुकाम, अब दे रहीं तकनीकी ज्ञान
संघर्ष कर नीतिका ने पाया मुकाम, अब दे रहीं तकनीकी ज्ञान

नितिन शर्मा, यमुनानगर

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रटोली रोड स्थित विवेक कॉलोनी निवासी नीतिका संघर्ष कर जीवन में मुकाम पाया है। कंप्यूटर में पहले खुद उच्च शिक्षा ली, अब जरूरतमंद बच्चों को हाईटेक बना रही हैं। उत्कृष्ट समाज सेवा के लिए सांई सौभाग्य संस्था इनको सम्मान दे चुकी है। इस संस्था के साथ जुड़कर समाज सेवा में निरंतर आगे बढ़ रही हैं।

नीतिका बताती हैं कि आज का युग ऐसा है। अगर हमे जमाने के साथ कदमताल करना है, तो हाईटेक होना पड़ेगा। यह कहकर काम नहीं चलने वाला कि मुझे तो नहीं आता। ऐसे बहुत से बच्चे हैं जो तकनीकी शिक्षा लेना चाहते हैं, लेकिन इनके परिवार की आर्थिक स्थिति सु²ढ़ नहीं होने से ले नहीं पाते। ऐसे बच्चों की उन्होंने खुद तलाश जो इसमें रुचि रखते थे। इनको घर पर ही मुफ्त कंप्यूटर की बेसिक नॉलेज देनी शुरू की। ये बच्चे ऐसे थे जिन्होंने कभी कंप्यूटर देखा तक नहीं था। इनको अभ्यास कराने में बहुत दिक्कत हुई। पहले कंप्यूटर को केवल ऑन करना सिखाया। कुछ बच्चे ऐसे भी थे जिनकी केचिग पॉवर अच्छी थी। जल्द इनकी उंगलियां कंप्यूटर की बोर्ड पर चलने लगी। आज ये बच्चे एमएस वर्ड, एमएस एक्स्एल, पॉवर प्वाइंट, लेटर टाइप करने लगे हैं। जब ये बच्चे कंप्यूटर पर काम करते हैं तो उनको बहुत लगता है।

लड़कियों के लिए मेहंदी मेला लगवाती

साथ ही लड़कियों के लिए मेहंदी मेला लगवाती हैं। इससे उनकी अतिरिक्त आय होती है। त्योहार पर इनके पास मेहंदी लगवाने काफी महिलाएं आती हैं। इसके नॉमल चार्ज लिए जाते हैं। उनका मानना है कि इन बच्चों को भी सपने पूरे करने का हक है। इसलिए वे इनके बारे में सोचती हैं। खुद नगर निगम जगाधरी में कार्यरत हैं। यहां से जब छुट्टी होती हैं तो औद्योगिक क्षेत्र के सांई मंदिर में बच्चों को कंप्यूटर सीखाने जाती हैं। इनका परिवार इनका सहयोग करता है। इनका चार वर्षीय बेटा है। पिता जीतराम और माता रुक्मिणी देवी हैं। पति विक्की भट्ट भी इनके साथ हर कदम पर साथ देते हैं। इनके साथ चलने से ही ये इस दिशा में सफल हो पा रही हैं।

यहां से हुई प्रारंभिक शिक्षा

नीतिका की प्रारंभिक शिक्षा डीएवी स्कूल यमुनानगर से हुई है। पढ़ाई के दौरान हमेशा अव्वल रही । कई प्राइज जीतने का मौका मिला। स्कूल स्तर पर सम्मान पाया। इसके बाद हायर एजुकेशन के लिए एमएलएन कॉलेज यमुनानगर में दाखिला लिया। यहां पढ़ाई के दौरान भी जरूरतमंदों की सहायता करती थी। नीतिका का कहना है कि उनकी प्लानिग यही है कि ज्यादा से ज्यादा बच्चों को वे कंप्यूटर शिक्षा दे सकें। इसी सोच के साथ जीवन में आगे बढ़ रही हैं।


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