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लॉकडाउन के बाद रोड सेफ्टी पर काम करने की जरूरत

दो माह तक जिला प्रशासन लॉकडाउन में ही व्यस्त रहा। इस दौरान रोड सेफ्टी की तरफ प्रशासन बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे सका।

By JagranEdited By: Published: Wed, 27 May 2020 08:52 AM (IST)Updated: Wed, 27 May 2020 08:52 AM (IST)
लॉकडाउन के बाद रोड सेफ्टी पर काम करने की जरूरत
लॉकडाउन के बाद रोड सेफ्टी पर काम करने की जरूरत

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : दो माह तक जिला प्रशासन लॉकडाउन में ही व्यस्त रहा। इस दौरान रोड सेफ्टी की तरफ प्रशासन बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे सका। अब लॉकडाउन-4 में सरकार ने काफी छूट दे दी है। इसलिए उम्मीद जगी है कि प्रशासन रोड सड़कों की खामियों, टूटे ब्लिकर, खराब स्ट्रीट व ट्रैफिक लाइटों को ठीक कराएगा। क्योंकि सड़कों पर सुरक्षा न होने से हादसों का ग्राफ एक बार फिर से बढ़ गया है। काफी काम तो ऐसे हैं जो सालों से ऐसे ही लटके पड़े हैं परंतु अधिकारियों के गंभीर नहीं होने से शुरू नहीं हो पाए।

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शहर के बीच सड़क नहीं हुई चौड़ी

कैल से कलानौर तक शहर के बीचोबीच गुजर रही सड़क को मुख्यमंत्री ने चौड़ा करने की घोषणा की थी। परंतु इस सड़क पर अभी तक काम शुरू नहीं हो सका। सड़क का जो हिस्सा शहर के बीच में आता है उसे फोरलेन किया जाना था। परंतु सालों से इस योजना पर कोई काम नहीं हो सका। शहर में होने वाले सबसे ज्यादा हादसे इसी सड़क पर होते हैं। सोमवार को ही डीसी कार्यालय के क्लर्क की सरगौधा स्वीट हाउस के पास हादसे में मौत हो गई जबकि चपरासी गंभीर रूप से घायल है। सड़क की चौड़ाई बहुत कम है और ट्रैफिक बहुत ज्यादा है। जिस कारण हादसे होते रहते हैं। इसी तरह जगाधरी-बिलासपुर स्टेट हाईवे को 16 करोड़ की लागत से चौड़ा किया जाना था। ठेकेदार ने सड़क के एक तरफ खोदाई भी की जो जानलेवा बन रही है। दिनरात यहां से रेत, बजरी से भरे ओवरलोड ट्रक चलते हैं।

ट्रैफिक लाइटें हुई खराब

शहर के विश्वकर्मा चौक, जगाधरी बस स्टैंड, गुलाब नगर, मेला सिंह चौक समेत अन्य जगहों पर ट्रैफिक लाइट खराब पड़ी हैं। जगाधरी बस स्टैंड चौक पर तो राम भरोसे स्वीट हाउस के पास लगी ट्रैफिक लाइट को एक साल पहले ट्रक ने टक्कर मार तोड़ दिया था। जिसे आज तक दोबारा लगाया ही नहीं गया। निगम के स्टोर में बेकार पड़े पोल को यहां लगाया जा सकता था। परंतु ऐसा नहीं किया गया। ये ट्रैफिक सुधार का दम भरने वाले अधिकारियों की इच्छा शक्ति को दर्शाता है।

एक भी ब्लिकर ठीक नहीं

ट्रैफिक कंट्रोल करने के लिए नगर निगम ने सोलर से चलने वाले जो ब्लिकर लगाए थे वो सारे खराब पड़े हैं। कई ब्लिकर तो पोल समेत नीचे गिर गए थे उन्हें उठाया ही नहीं गया। हुए ये कि चोर पोल से ब्लिकर व बैटरी दोनों ही चुरा ले गए। जगाधरी जेल के पास दादूपुर-नलवी नहर के चौराहे व महलांवाली मोड़ पर लगाए ब्लिकर इसीलिए चोरी हो गए। इन चौराहों पर कैट आई तक नहीं जो रात को वाहन चालकों को आगाह कर सके। रोशनी का प्रबंध भी नहीं है। गत वर्ष जेल के पास एक कार अनियंत्रित होकर नहर में गिर गई थी।

आरटीए बदल गए लेकिन लाइट नहीं हुई ठीक

कितने आरटीए आए और कितने चले गए परंतु खराब स्ट्रीट लाइटों की तरफ किसी ने ध्यान नहीं दिया। किसी ने निगम के एसडीओ को लाइट ठीक करने के लिए तारीख फिक्स की तो दोबारा किसी ने नहीं पूछा। लाइट खराब होने से रात को सड़कों पर अंधेरा हो जाता है जिससे हादसा होता है। वहीं कई जगह बरम सड़कों से बहुत नीचे हैं। ज्यादा फासला होने से हादसा हो सकता है।

खामियों को दूर किया जाएगा : प्रतिमा

एडीसी एवं आरटीए सचिव प्रतिमा चौधरी ने बताया कि लॉकडाउन में न तो कार्यालयों में स्टाफ आ रहा था और न ही लेबर थी। इसलिए कई महत्वपूर्ण कार्य बीच में ही रूक गए। लोगों को सुरक्षित सड़कें देना हमारी जिम्मेदारी है। इसलिए जल्द ही रोड सेफ्टी की सभी खामियों को दूर करने के लिए मीटिग में चर्चा करेंगे।


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