सुबह-शाम ठंड लाभदायक, दिन का बढ़ा तापमान गेहूं के लिए खतरा
सुबह शाम कड़ाके की ठंड गेहूं की फसल के लिए लाभदायक साबित हो रही है। कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक इससे गेहूं की फसल को फायदा मिलेगा।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : सुबह शाम कड़ाके की ठंड गेहूं की फसल के लिए लाभदायक साबित हो रही है। कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक इससे गेहूं की फसल को फायदा मिलेगा। खासकर गेहूं की पछेती फसल का फुटाव अच्छा होगा, लेकिन दिन के समय बढ़ा तापमान फसल के लिए खतरे की घंटी है। इससे पीला रतुआ की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। जिले में पीला रतुआ के तीन और केस सामने आ चुके हैं। शनिवार को अधिकतम 19 व न्यूनतम तापमान 6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम विभाग के विशेषज्ञों के मुताबिक रविवार को बादल छाए रहने की संभावना है। आगामी दिनों में तापमान में बढ़ोतरी की संभावना है। अब दौलतपुर में सामने आए तीन केस
गेहूं की फसल पर पीला रतुआ का असर बढ़ रहा है। अब दौलतपुर गांव में किसान अशोक कुमार, मेंहदी हसन व दर्शन सिंह के खेत में इसके लक्षण देखे गए हैं। सूचना मिलते ही कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अधिकारियों ने खेतों का दौरा किया। इससे पहले 4 एकड़ में लक्षण देखे जा चुके हैं। इसके अलावा अंबाला, पंचकूला व कुरुक्षेत्र में भी दस्तक दे चुका है। इसको विशेषज्ञ पूरी तरह अलर्ट हैं। डायरेक्ट्रेट आफ प्लांट प्रोटेक्शन एंड क्योरेन दिल्ली व व्हीट डेवलपमेंट सेंटर के कृषि वैज्ञानिक क्षेत्र का दौरा कर चुके हैं। किसान बेवजह न करें दवा का छिड़काव
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अतिरिक्त पौधा संरक्षण अधिकारी डॉ. राकेश कुमार जांगड़ा ने बताया कि पीला रतुआ के तीन नए केस सामने आए हैं। जिन खेतों में लक्षण देखे गए, वहां दवाई का छिड़काव करवा गया है। स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में हैं। किसान घबराएं नहीं बल्कि सावधानी बरतें। फसल की निगरानी रखें। नियमित रूप से निरीक्षण करते रहें। यदि गेहूं के पत्तों पर पीलापन है और छूने पर हल्दी नुमा पाउडर हाथ पर लग जाए तो समझिए पीला रतुआ है। अन्य कारणों के चलते भी पीलापन आ सकता है। विशेषज्ञों से परामर्श कर ही किसान दवाई का छिड़काव करें।