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मीनाक्षी बढ़ा रही जरूरतमंद दुल्हनों की मेहंदी का रंग

सेक्टर 17 की मीनाक्षी नय्यर जैसे जज्बात सभी में आ जाए तो बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओं जैसे अभियान चलाने की जरूरत ही न पड़े। बेटियों के विवाह के लिए जरूरतमंद माता-पिता के लिए सहयोग करती है। इनके सहयोग से 10 ज्यादा युवतियां परिणय सूत्र में बंध चुकी हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 30 Sep 2019 09:39 AM (IST)Updated: Tue, 01 Oct 2019 06:32 AM (IST)
मीनाक्षी बढ़ा रही जरूरतमंद दुल्हनों की मेहंदी का रंग
मीनाक्षी बढ़ा रही जरूरतमंद दुल्हनों की मेहंदी का रंग

नितिन शर्मा, यमुनानगर : सेक्टर 17 की मीनाक्षी नय्यर जैसे जज्बात सभी में आ जाए, तो बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओं जैसे अभियान चलाने की जरूरत ही न पड़े। बेटियों के विवाह के लिए जरूरतमंद माता-पिता के लिए सहयोग करती है। इनके सहयोग से 10 ज्यादा युवतियां परिणय सूत्र में बंध चुकी हैं। इसके साथ ही समाज में बेटी की शिक्षा के लिए जागरूक अभियान चला रही है। उत्कृष्ट समाजसेवा के लिए सांई सौभाग्य की ओर से शौर्य अवार्ड से नवाजी गई।

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मीनाक्षी बताती हैं कि उनका हमेशा से प्रयास यही रहा है कि वह किसी की मदद कर सकें। इसी सोच के साथ दिन की शुरूआत करती हैं। इस भावना को पूरा करने के लिए सामाजिक संस्था सांई सौभाग्य के साथ भी जुड़ी हैं। यहां सारे ही जरूरतमंद लोग आते हैं। एक दिन उनके पास महिला आई बोली कि उनकी बेटी का विवाह है। लेकिन अभी तक घर का सामान जैसे सिलाई मशीन, बर्तन आदि का इंतजाम नहीं हो सका। उन्होंने अपने स्तर पर पता करने के बाद इनकी मदद की। इनको जरूरी सामान उपलब्ध कराया। उनकी बेटी की शादी के लिए साम‌र्थ्य अनुसार आर्थिक सहयोग भी किया। ये बात साढ़े तीन वर्ष पहले की है। यहां से शुरू हुआ सिलसिला निरंतर जारी है। नय्यर बताती हैं कि जरूरी नहीं है कि सारा सामान हो तभी मदद की जा सकती है। लड़कियों की शिक्षा के लिए भी जागरूकता कार्यक्रम करती हैं। बताती हैं कि जमाने के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने के लिए अच्छी तालीम का होना जरूरी है।

स्लम एरिया में मनाती हैं बेटी का जन्मदिन

मिनाक्षी बताती हैं कि अपनी बेटी आरुषि के जन्मदिन को घर पर नहीं स्लम एरिया के बच्चों के साथ मनाती हैं। इस दिन तोहफा बेटी को देने के साथ इन कन्याओं भी देती है। जैसे कोई साइकिल की मांग करती है तो उसे छोटी साइकिल लाकर देती है। कुछ बच्चियों को ड्रेस लाकर देने में खुशी मिलती है। चॉकलेट टॉफी भी वितरित करती हैं। इनकी कोशिश रहती है कि ज्यादा से ज्यादा बेटियों के लिए खुशी का अवसर ला सकें। निरंतर इसी में लगी रहती हैं। इनका महिलाओं के नाम संदेश है कि खुद की तरक्की के लिए कार्य करें। तभी ये स्वतंत्र निर्णय ले सकेगी। उद्योगपति है पति करते हैं सहयोग

मिनाक्षी करनाल की रहने वाली हैं। इनकी शादी हरीश नय्यर के साथ हुई। ये शहर के प्रमुख उद्योगपति हैं। इनके दो बच्चे हैं। बीकॉम, बीएड कर चुकी मिनाक्षी खाली समय में बच्चों को अक्षर ज्ञान देकर साक्षर करने का कार्य भी बखूबी करती हैं। इनके पिता बिजली निगम में कार्यरत थे।


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