छोड़िए दोषारोपण, कीजिए सुपोषण, खाने की थाली से गायब हो गया बाजरा
समय बदलने के साथ ही खाने की थाली से पोषक तत्व भी खत्म हो गए हैं। करीब 20 साल पहले ही बात करें तो बाजरा का भरपूर उत्पादन होता था। बाजरा पोषक तत्वों में सबसे अच्छा खाद्य पदार्थ है। इसमें प्रोटीन है। कई तरह की बीमारियों से भी यह बचाता है लेकिन अब खाने में यह पूरी तरह से गायब हो चुका है।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर :
समय बदलने के साथ ही खाने की थाली से पोषक तत्व भी खत्म हो गए हैं। करीब 20 साल पहले ही बात करें, तो बाजरा का भरपूर उत्पादन होता था। बाजरा पोषक तत्वों में सबसे अच्छा खाद्य पदार्थ है। इसमें प्रोटीन है। कई तरह की बीमारियों से भी यह बचाता है, लेकिन अब खाने में यह पूरी तरह से गायब हो चुका है। खिचड़ी और आटा होता है तैयार
बाजरा की खिचड़ी तैयार की जा सकती है। इसके अलावा बाजरा व गेहूं के आटे को मिलाकर रोटियां बनाई जाती है। यह सेहत के लिए अच्छी रहती है। पहले लोग बाजरे को प्रमुख खाद्य पदार्थों में रखते थे। इस वजह से उनमें मधुमेह, कोलेस्ट्राल का बढ़ना जैसी बीमारियां नहीं होती थी। दूसरी फसलों ने लिया बाजरा का स्थान
पहले बाजरा खूब होता था, लेकिन अब दूसरी फसलों ने उसका स्थान ले लिया है। कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक, बाजरा की बिक्री की कोई व्यवस्था नहीं है। इसकी डिमांड भी घट गई है। किसानों को दूसरी फसलों में अधिक फायदा है। इसलिए किसान बाजरा को लगाना छोड़ गए हैं। कोट्स :
चिकित्साधीक्षक डॉ. विजय दहिया ने बताया कि बाजरा में फाइबर सामग्री होती है। यह पाचन के लिए सबसे अच्छा है। इसके अलावा खाने में इसे निरंतर लेने से कोलेस्ट्रोल नियंत्रित रहता है। अस्थमा व मधुमेह जैसी बीमारियों से बचा सकता है। कोट्स :
गनौली के वयोवृद्ध हाजी अफलातून नंबरदार 103 वर्ष के हैं। अब भी वह पूरी तरह से फिट हैं। खान-पान के बारे में वह बताते हैं कि गेहूं और चना मिक्स करके आटा पिसवाया हुआ है। उसकी ही रोटी वह खाते हैं। तला भुना हुआ से हमेशा परहेज रखा। जवानी में भी सुबह का नाश्ता रोटी, मक्खन, साग और चटनी का इस्तेमाल किया है। रोजाना एक गिलास शक्कर का दूध लेते हैं।