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मैनेजमेंट के विद्यार्थियों व स्टाफ ने बताया मिलाजुला बजट

तिलक राज चड्ढा इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट में छात्रों ने स्टॉफ के साथ बैठकर प्रोजेक्टर पर बजट का प्रसारण लाइव देखा।

By JagranEdited By: Published: Sun, 02 Feb 2020 08:00 PM (IST)Updated: Mon, 03 Feb 2020 06:12 AM (IST)
मैनेजमेंट के विद्यार्थियों व स्टाफ ने बताया मिलाजुला बजट
मैनेजमेंट के विद्यार्थियों व स्टाफ ने बताया मिलाजुला बजट

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : विद्यार्थियों ने भी बजट से आस लगा रखी थी। तिलक राज चड्ढा इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट में छात्रों ने स्टॉफ के साथ बैठकर प्रोजेक्टर पर बजट का प्रसारण लाइव देखा। आखिर में स्टाफ ने विद्यार्थियों को बजट के बारे में जानकारी दी। उन्हें बताया गया कि इस बजट से क्या नुकसान व फायदा होगा।

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महंगाई का जिक्र नहीं : स्मृति

एमबीए की छात्रा स्मृति का कहना है कि इस बजट से काफी उम्मीदें थी लेकिन एक भी पूरी नहीं हुई। इस समय महंगाई एक बड़ा मुद्दा है लेकिन महंगाई को कम करने के लिए केंद्र सरकार क्या कदम उठाएगी इस पर वित्त मंत्री ने कुछ नहीं बोला। क्वालिटी एजुकेशन देने के लिए ऑनलाइन एजुकेशन को बढ़ावा देने की बात बजट में कही गई है जो अच्छी बात है। पैसा कहां से आएगा : महक

एमबीए की छात्रा महक का कहना है कि सरकार ने विभिन्न सेक्टर में करोड़ों रुपये खर्च करने की बात कही है लेकिन इन योजनाओं को सिरे चढ़ाने के लिए पैसा कहां से आएगा ये वित्त मंत्री ने नहीं बताया। क्योंकि सरकार के पास रेवेन्यू पहले से ही कम आ रहा है। सरकार के पास इनकम के साधन सीमित हैं। यह बजट अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने वाला नहीं है। युवाओं को रोजगार मिलेगा : अनमोल

एमबीए के छात्र अनमोल का कहना है कि केंद्र सरकार ने 150 ट्रेन पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) स्कीम के तहत चलाने की बात कही है। रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर जरूरी है। इससे रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। लेकिन आज वायु प्रदूषण पूरे देश के लिए बड़ा मुद्दा है। लेकिन प्रदूषण से कैसे निपटा जाएगा इसका बजट में जिक्र नहीं है। केवल बातें करने से कुछ नहीं होगा। यह हवा हवाई बजट है : विकास दरयाल

तिलक राज चड्ढा इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट के निदेशक डॉ. विकास दरयाल का कहना है कि यह हवा हवाई बजट है। बजट में निजीकरण पर जोर दिया गया है। इससे तो पूरा देश निजी कंपनियों पर निर्भर हो जाएगा। फिर देश चलाने में सरकार का क्या रोल रह जाएगा। जीएसटी को कम करने की जरूरत थी। योजनाओं को पूरा करने के लिए पैसा कहां से आएगा। खराब बजट होने के कारण ही सेंसेक्स में गिरावट आ गई।


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