प्रभु के नाम का करें जाप, इंसान का मत तलाश करें सहारा : मुरारी
साई सौभाग्य में चल रही कथा में रविवार को श्रीराम और सीता विवाह का प्रसंग सुनाया गया। यह कथा सुनकर श्रद्धालु भावविभोर हो गए। कथाव्यास मुरारी ने कहा कि राम के नाम का जाप करने वालों के सभी कष्ट प्रभु हर लेते हैं, इसलिए इंसान का सहारा मत तलाश करें। स्वयं को प्रभु के सहारे छोड़ दे।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : साई सौभाग्य में चल रही कथा में रविवार को श्रीराम और सीता विवाह का प्रसंग सुनाया गया। यह कथा सुनकर श्रद्धालु भावविभोर हो गए। कथाव्यास मुरारी ने कहा कि राम के नाम का जाप करने वालों के सभी कष्ट प्रभु हर लेते हैं, इसलिए इंसान का सहारा मत तलाश करें। स्वयं को प्रभु के सहारे छोड़ दे।
संस्थान के महासचिव निपुण गर्ग ने बताया कि संस्थान के 10 वर्ष पूर्ण होने पर श्रीराम कथा आयोजित की जा रही है। कथाव्यास ने एक दरबान का उदाहरण दिया। ईरान का एक बादशाह सर्दी की शाम महल में दाखिल हो रहा था, तो एक बूढ़े दरबान को पुरानी और बारीक वर्दी में पहरा देते देखा। उसने दरबान से पूछा तुम्हें सर्दी नहीं लगती। दरबान ने जवाब दिया बहुत लग रही है हुजूर, मगर मेरे पास गर्म वर्दी नहीं है, इसलिए बर्दाश्त करना पड़ता है। बादशाह उसे महल से गर्म कपड़े भिजवाने का वादा करता है, लेकिन अंदर जाकर बादशाह भूल जाता है। सुबह दरवाजे बूढ़े दरबान की अकड़ा हुआ शव मिला। वह धरती पर लिखकर मरा, 'बादशाह सलामत, मैं कई सालों से सर्दियों में इस नाजुक वर्दी में दरबानी कर रहा था, मगर कल रात आपके गर्म लिबास के वादे ने मेरी जान निकाल दी।' कथा व्यास ने कहा कि सहारा इंसान को खोखला कर देता है। उम्मीदें कमजोर कर देती हैं। अपनी ताकत के बल पर जीना शुरू कीजिए, असल सहारा उस प्रभु का है। सदस्य जतिन खेत्रपाल, मीडिया प्रभारी गुलशन भारद्वाज और ¨प्रसिपल मीनू तलुजा ने कहा कि संस्थान धार्मिक कार्यक्रमों के साथ सामाजिक कार्यक्रम भी आयोजित कर रहा है। कथा के साथ 10 दिन से भंडारा लगाया जा रहा है।