सूरजकुंड सरोवर के तट पर स्थित कदम के पेड़ पर बांसुरी बजाते थे भगवान श्रीकृष्ण
कपालमोचन और ऋणमोचन सरोवर में स्नान करने के बाद श्रद्धालु सूरजकुंड में सरोवर में स्नान करते हैं। इस सरोवर के साथ भी कई दंत कथाएं जुड़ी हुई हैं। श्री कृष्ण ने महाभारत युद्ध के बाद पांडवों के साथ इस सरोवर में स्नान किया था।
जागरण संवाददाता, कपामलमोचन : कपालमोचन और ऋणमोचन सरोवर में स्नान करने के बाद श्रद्धालु सूरजकुंड में सरोवर में स्नान करते हैं। इस सरोवर के साथ भी कई दंत कथाएं जुड़ी हुई हैं। श्री कृष्ण ने महाभारत युद्ध के बाद पांडवों के साथ इस सरोवर में स्नान किया था। एक अन्य मान्यता के अनुसार इस स्थान पर एक सिद्ध पुरुष जिनका नाम दूधाधारी बाबा था, वह यहां पर रहकर पूजा-अर्चना करते थे। कहते हैं कि आस पास के क्षेत्र में उनकी काफी मान्यता थी। समय पर उनसे मुरादें मांगने आते थे। लोगों की मुरादें पुरी होती थी। आज भी मेले के समय इस सरोवर के तट पर देश के कोने कोने से साधु आकर सरोवर के तट पर तपस्या करते हैं। धूनी रमाते हैं। यह केवल सूरजकुंड पर ही होता है। कहा जाता है कि इसमें स्नान करने से अध्यात्मिक शांति मिलती है, दुखों, कलेशों और रोग दूर होते हैं। सूरजकुंड सरोवर के तट पर कदम का पेड़ है किवदंति है कि भगवान श्री कृष्ण जी इस पर बैठकर बांसुरी बजाया करते थे। गोपियां सरोवर में स्नान करती थी।
सफाई व्यवस्था के लिए स्वयंसेवी कर रहे जागरूक
कपालमोचन मेले में सफाई व्यवस्था को लेकर स्वच्छ भारत मिशन में स्वयंसेवी ने तीनों सरोवरों के समीप श्रद्धालुओं को स्वच्छता के बारे में जागरूक कर रहे हैं। कपालमोचन सरोवर, ऋणमोचन सरोवर, सूरजकुंड, गऊ बच्छा मंदिर और पांडव मंदिर के साथ सभी धार्मिक स्थलों, दुकानदारों को अपनी दुकानों के पास गंदगी न फैलाने, पोलिथिन का कम से कम प्रयोग करने, खुले में खाने का सामान ना रख कर बचने की हिदायत दी। इसके लिए यहां डस्टबिन रखे हैं। कूड़ा उठाने के लिए चार गाड़ी लगाई गई हैं। सफाई कर्मी बड़ी संख्या में लगे हैं। मेला अधिकारी नरेंद्र सिंह का कहना है कि सफाई को लेकर विशेष हिदायत दी हुई है। सफाई न करने वाले कर्मियों पर कार्रवाई की जाएगी।