Move to Jagran APP

कंपनी के 90 लाख अटके, निश्शुल्क सीटी स्कैन बंद

?????? ?? ?????? ?? ??? ??????? ???? ????? ?? ???? ??? ?? ?? ??? ??? ????? ?? ???? ??? ?? ???? ???? ??? ???? ?? ??? ?? ?????? ???? ?? ???? ?????? ?? ????? ?? ????? ????? ?? ??????? ?????? ?? ?????? ?? ???? ???? ?? ????? ?? ???? ??? ?? ?? ?????? ??? ?? ?? ???? ????? ??? ??? ?? ??? ??? ???? ???? ????? ????? ??? ??? ??? ????? ?? ???? 90 ??? ????? ?? ?????? ? ???? ?? ??? ?? ??????????? ?? ?? ?????? ? ??? ??? ??? ?? ?????? ?? ?? ?????? ???? ??? ??? ??? 24 ????? 2017 ??? ???? ??? ?? ??? ????? ??????? ??? ????? ??? ?????????? ????? ?? ?? ?? ???? ????? ?? ?????? ???? ?? ??? ???? ??? ????? ?? ??????? ?????? ?????? ???? ? ????? ??

By JagranEdited By: Published: Tue, 03 Sep 2019 05:10 PM (IST)Updated: Wed, 04 Sep 2019 06:36 AM (IST)
कंपनी के 90 लाख अटके, निश्शुल्क सीटी स्कैन बंद
कंपनी के 90 लाख अटके, निश्शुल्क सीटी स्कैन बंद

नंबर गेम

loksabha election banner

24 फरवरी 2017 को शुरू हुई थी सेवा

10 माह से नहीं हुई कंपनी को पेमेंट जागरण संवाददाता, यमुनानगर :

सिविल अस्पताल में आरक्षित श्रेणी के मरीजों के लिए निश्शुल्क सीटी स्कैन की सेवा बंद हो गई। जिस कंपनी को पीपी मोड पर हायर किया गया, उसकी 10 माह से पेमेंट नहीं हो सकी। लिहाजा अब कंपनी ने नोटिस चस्पां कर आरक्षित श्रेणी के मरीजों का इलाज करने से इनकार कर दिया है। अब इन मरीजों को या तो लौटना पड़ रहा या फिर फीस देकर सीटी स्कैन कराना पड़ रहा है। कंपनी की करीब 90 लाख रुपये की पेमेंट न होने की वजह से कर्मचारियों को भी दिक्कत आ रही है। साथ ही मरीजों को भी परेशान होना पड़ रहा है।

24 फरवरी 2017 में पीपी मोड के तहत सिविल अस्पताल में हेल्थ मैप डायग्नोसटिक कंपनी की ओर से सीटी स्कैन की सुविधा शुरू की गई। इसके तहत कंपनी को आरक्षित श्रेणी बीपीएल, एससी और सरकार के कर्मियों को सीटी स्कैन की सुविधा निश्शुल्क देनी थी। इसमें होने वाला खर्च सरकार की ओर से कंपनी को दिया जाता है। इस श्रेणी से बाहर के मरीजों को भी यहां पर आधे दामों पर सुविधा मिलती है। इस समय यह सेवा शुरू हुई, लोगों को बड़ा फायदा हुआ। प्राइवेट अस्पतालों और सेंटरों से भी लोग यहां पर सीटी स्कैन कराने लगे। हर रोज करीब 60-70 मरीजों की जांच यहां पर की जाती थी, लेकिन अब केवल 10-15 मरीज ही आ रहे हैं। अन्य जिलों में हो चुकी पेमेंट

कंपनी के कर्मचारियों ने बताया कि अन्य जिलों में यह दिक्कत नहीं है। जहां भी कंपनी ने पीपी मोड पर सेंटर लगाए। वहां पर सरकार की ओर से पैसा दिया जा रहा है। केवल यमुनानगर में ही पैसा नहीं मिला। इस बारे में कई बार सिविल सर्जन और चिकित्साधीक्षक से भी मिल चुके हैं। पत्र भी भेजे गए, लेकिन समस्या का हल नहीं हुआ। मजबूरी में अब कंपनी को नोटिस लगाना पड़ा है। कोट्स

9-10 माह से कंपनी को सिविल अस्पताल की ओर से कोई पेमेंट नहीं की गई। करीब 90 लाख रुपये बकाया हैं। इसलिए ही निशुल्क सेवा बंद की गई है। अन्य मरीजों को आधे दामों पर अब भी सुविधा दे रहे हैं। इसके बावजूद मरीजों की संख्या काफी घट गई है।

विक्रांत कुमार, मैनेजर, हेल्थ मैप डायग्नोस्टिक। कोट्स

कुछ बजट हमें मिल गया है। कंपनी की रूकी हुई पेमेंट का बड़ा हिस्सा इस बजट से देंगे। जिससे निशुल्क सीटी स्कैन की सुविधा फिर से शुरू की जा सके।

डॉ. विजय दहिया, चिकित्साधीक्षक, सिविल अस्पताल।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.