अपहरण कर ब्लॉक समिति सदस्य को शहर में छोड़ा, दुकानदार कर रहा था मुखबिरी, स्वजनों ने पीटा
अपहरण किए गए ब्लॉक समिति सदस्य राजेंद्र कुमार शनिवार दोपहर अचानक बिलासपुर में सरकारी अस्पताल के नजदीक पहुंच गए। थाने में पहले से ही उनके परिजन मौजूद थे। राजेंद्र के पड़ोस में ही दुकान करने वाले युवक पर मुखबिर का आरोप लगाते हुए स्वजनों ने उसे पकड़ कर पीट दिया।
संवाद सहयोगी, बिलासपुर : अपहरण किए गए ब्लॉक समिति सदस्य राजेंद्र कुमार शनिवार दोपहर अचानक बिलासपुर में सरकारी अस्पताल के नजदीक पहुंच गए। थाने में पहले से ही उनके परिजन मौजूद थे। राजेंद्र के पड़ोस में ही दुकान करने वाले युवक पर मुखबिर का आरोप लगाते हुए स्वजनों ने उसे पकड़ कर पीट दिया। क्योंकि यही युवक उसे अस्पताल के पास लेकर पहुंचा था। पुलिस ने बड़ी मुश्किल से युवक को परिजनों के कब्जे से मुक्त कराया। राजेंद्र ने भी उसके खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई कराने से मना कर दिया। राजेंद्र ने अपने अपहरण की सारी बात पुलिस को बताई।
राजेंद्र ने परिजनों को बताया कि बृहस्पतिवार देर शाम उसे अजीजपुर के समीप से ब्लाक समिति चेयरमैन महीपाल के लोगों ने जबरन गाड़ी में अगवा कर लिया था। उसे पाबनी मार्ग से थाना छप्पर की तरफ ले जाया गया। छप्पर तक पहुंचने के बाद उसे होश नहीं रहा। वह रातभर कहां रहा उसे कुछ पता नहीं। शुक्रवार दोपहर जब होश आया तो वह यमुनानगर में खालसा कॉलेज रोड पर था। कुछ दूर चलने पर उसे बांसेवाला का युवक मिल गया जो उसके पास ही दुकान करता है। वह उसे बिलासपुर लेकर आया। पुलिस को ज्यादा कुछ बताने से ये कह कर मना कर दिया कि उसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है। वह अपने घर जाना चाहता है। नरेश राजेंद्र की सारी सूचना कर रहा था लीक :
राजेंद्र साढौरा में बाइक रिपेयर की दुकान करता है। उसके साथ ही बांसेवाला गांव का युवक टीवी रिपेयर की दुकान करता है। दोनों में अच्छी जान पहचान थी। अपनी सभी बातें आपस में साझा करते हैं। ब्लाक समिति के चेयरमैन के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की पूरी गतिविधि पर उससे बात किया करते थे। आरोप है कि वह सारी जानकारी की सूचना चेयरमैन के समर्थकों तक पहुंचाता था। बृहस्पतिवार रात राजेंद्र, ब्लाक समिति सदस्य सतीश कुमार व अपनी पत्नी साथ नवां शहर से बिलासपुर आ रहे थे। जिसकी सूचना दुकानदार ने चेयरमैन खेमे को दी। जिसके बाद राजेंद्र का अपहरण हुआ। अपरहणकर्ताओं ने राजेंद्र को शहर में खालसा कॉलेज रोड पर छोड़ दिया। जहां पर अपहरणकर्ताओं के कहने पर दुकानदार वहां पहुंचा। वह राजेंद्र को लेकर बिलासपुर पहुंच गया। राजेंद्र के परिजनों ने दुकानदार को पूरे षडयंत्र का आरोपित होने के शक में मारपीट शुरू कर दी। जिस कारण पूरी स्थिति बेकाबू हो गई। पुलिस दुकानदार को भीड़ से बचाने के लिए जीप में बिठाकर थाना परिसर में ले गए।
इस बारे में थाना प्रभारी बिलासपुर रामफल का कहना है कि सदस्य राजेंद्र बिल्कुल ठीक है। उसका सिविल अस्पताल बिलासपुर में चेकअप करवाया गया। उसके बाद उसे थाने में लाकर पूछतांछ की गई। जिसमें राजेंद्र ने बयान देने से मना कर दिया। मामले की जांच की जा रही है।