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सप्ताह का साक्षात्कार.. सर्दी से हो सकता है नुकसान, दुधारू पशुओं का रखें विशेष ध्यान : डॉ. सत्यबीर

सर्दी का असर केवल इंसानों ही नहीं बल्कि पशुओं पर भी पड़ता है। इससे पशुओं में कई तरह की बीमारियां लग जाती हैं। दुधारू पशुओं का दूध कम हो जाता है। ऐसे में पशुपालकों को काफी सावधानी बरतने की जरूरत है। प्रदेश सरकार भी गायों के संवर्धन के लिए ठोस कदम उठा रही है। अब पशुपालन को लोग व्यवसाय के तौर पर कर रहे हैं। यही वजह है कि लोग हाइटेक डायरियां खोल रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 20 Jan 2019 10:14 PM (IST)Updated: Sun, 20 Jan 2019 10:14 PM (IST)
सप्ताह का साक्षात्कार..  सर्दी से हो सकता है नुकसान, दुधारू पशुओं का रखें विशेष ध्यान : डॉ. सत्यबीर
सप्ताह का साक्षात्कार.. सर्दी से हो सकता है नुकसान, दुधारू पशुओं का रखें विशेष ध्यान : डॉ. सत्यबीर

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : सर्दी का असर केवल इंसानों ही नहीं बल्कि पशुओं पर भी पड़ता है। इससे पशुओं में कई तरह की बीमारियां लग जाती हैं। दुधारू पशुओं का दूध कम हो जाता है। ऐसे में पशुपालकों को काफी सावधानी बरतने की जरूरत है। प्रदेश सरकार भी गायों के संवर्धन के लिए ठोस कदम उठा रही है। अब पशुपालन को लोग व्यवसाय के तौर पर कर रहे हैं। यही वजह है कि लोग हाइटेक डायरियां खोल रहे हैं। डेयरी का काम करने वालों के लिए क्या योजनाएं हैं और सर्दी से पशुओं को कैसे बचाया जा सकता है इस पर पशुपालन विभाग के उपनिदेशक डॉ. सत्यबीर ¨सह ने दैनिक जागरण संवाददाता राजेश कुमार से विशेष बातचीत की : सवाल : सर्दी में गाय, भैंस दूध कम देने लगती हैं।

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जवाब : सर्दी का दुधारू पशुओं पर ज्यादा असर पड़ता है। भैंस की अपेक्षा गाय ज्यादा प्रभावित होती है क्योंकि वे सर्दी को सहन नहीं कर पाती। उन्हें सांस लेने में दिक्कत होती है। इसके लिए जरूरी है जहां पर पशुओं को बांधा जाता है उस स्थान को गरम रखें। पशु के बैठने का स्थान भी साफ सुधरा होना चाहिए। धूप होने पर ही पशु को कमरे से बाहर निकालना चाहिए। बीमारी की अवस्था में पशुओं का तुरंत उपचार करवाना चाहिए। सवाल : क्या देसी गायों की संख्या में कुछ सुधार हुआ है।

जवाब : कुछ साल पहले तक देसी गाय लगभग खत्म हो चुकी थी। लोगों का रूझान अमेरिकन गायों की तरफ ज्यादा हो गया था। परंतु मौजूदा सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के कारण देसी गायों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। सवाल : गायों में नस्ल सुधार के लिए क्या कदम उठा रहे हैं।

जवाब : गोसंवर्धन एवं गोसंरक्षण स्कीम के तहत हरियाणा, साहीवाल, गीर व पहाड़ी गायें की नस्ल में सुधार के लिए प्रदेश सरकार की तरफ से ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। इसके लिए पशुपालकों को प्रोत्साहन राशि भी दी जा रही है। दूध देने वाली पहाड़ी गाय रखने वाले को पांच हजार से ज्यादा, साहीवाल गाय के लिए 10 से 20 हजार व हरियाणा नस्ल की गाय के लिए 10 से 20 हजार रुपये प्रोत्साहन राशि दूध की मात्रा के हिसाब से दी जाती है। सवाल : जिला में पशु चिकित्सकों की बहुत कमी है।

जवाब : यह सही है कि जिला में पशु चिकित्सकों की बहुत कमी है। जिला में 25 पशु चिकित्सालय, 65 पशु औषधालय हैं। 17 वेटनरी सर्जन हैं। वीएलडीए के भी काफी पद खाली पड़े हैं। खाली पदों को भरने के लिए मुख्यालय को पत्र भेजा हुआ है। सरकार भी नई भर्ती कर रही है। उम्मीद है जल्द ही खाली पदों को भर दिया जाएगा। सवाल : पशु डेयरी को बढ़ावा देने के लिए क्या योजना है।

जवाब : एक व्यक्ति तीन से 50 दुधारू पशुओं की डेयरी खोल सकता है। इसके लिए अंत्योदय भवन में जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए पशुपालक को अपने नजदीकी पशु चिकित्सक से फाइल तैयार करवानी होती है। फिर हमारे कार्यालय से उसे लोन के लिए बैंक में भेजा जाएगा। सवाल : सब्सिडी के लिए लोग अक्सर कुछ दिन चलाकर डेयरी को बंद कर देते हैं।

जवाब : यह सही है कि काफी लोग सब्सिडी का लाभ लेने के लिए कुछ दिन बाद पशु डेयरी को बंद कर देते थे। परंतु अब सरकार ने इस योजना में कुछ बदलाव किया है। अब सरकार सब्सिडी की बजाय प्रत्येक तीन माह में पांच साल तक बैंक से लिए गए लोन पर ब्याज देगी। एसडीओ व डाक्टर प्रत्येक तीन माह में मौके पर जाकर पशु डेयरी की जांच करेंगे। सवाल : कुछ एरिया में पशुओं में मुंह-खुर बीमारी फैलने की बात सामने आई है।

जवाब : फिलहाल पशुओं में मुंह-खुर बीमारी फैलने की कोई सूचना विभाग के पास नहीं आई है। कुछ एक जगह से ऐसी जानकारी मिली थी लेकिन वहां पशुओं में दूसरी बीमारी पाई गई। यदि किसी पशुपालक को लगता है पशुओं में मुंह-खुर की शिकायत है तो वे अपने नजदीकी पशु चिकित्सक के पास जाकर संपर्क कर सकता है। ताकि समय रहते पशुओं को इंजेक्शन लगाए जा सकें। सवाल : इस साल विभाग पशु गणना भी करने जा रहा है।

जवाब : बिल्कुल, इसी माह के अंत तक या फरवरी माह के शुरुआत में पशु गणना शुरू हो जाएगी। इस बार पशु गणना ऑनलाइन की जाएगी। जो कर्मचारी गणना करने जाएगा उसे अलग से ड्रेस दी जाएगी। देखने में आता है कि जब कर्मचारी गणना करने जाता है लोग उनसे व्यवहार ठीक नहीं करते। जबकि ये उनकी सुविधा के लिए है। गणना में जो डाटा सामने आएगा उसके आधार पर ही केंद्र व राज्य सरकार योजनाएं बनाती है। इसलिए सभी लोगों को इसमें सहयोग करना चाहिए।


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